
देहरादून: आम आदमी पार्टी और अरविंद केजरीवाल की पहाड़ पॉलिटिक्स में बढ़ती सक्रियता सत्ताधारी बीजेपी को कितना परेशान कर रही इसका अभी असल अंदाज़ा नहीं लगा है लेकिन कांग्रेस को केजरीवाल-कर्नल की सक्रियता बिलकुल रास नहीं आ रही यह कई बार उजागर हो चुका है। सोमवार को एक बार हरदा ने इशारों-इशारों में आम आदमी पार्टी, दिल्ली गेम मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और AAP के उत्तराखंड CM चेहरे कर्नल अजय कोठियाल पर तीखा हमला बोला है। हरदा ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट के ज़रिए अपने और पार्टी समर्थकों को AAP के स्पॉन्सर्ड पोल में वोटिंग में हिस्सा लेकर अपनी पसंद बताकर ऐसे पोल्स तीन हवा निकालने का मंत्र फूँक रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ रोजगार के मोर्चे पर AAP से दिल्ली की केजरीवाल सरकार का हिसाब माँगना चाहिए।
हरदा ने आरोप लगाता कि दिल्ली मे उनकी सरकार की नक़ल कर कुछ अंशकालीन शिक्षक रखे उसके अलावा उनका नौकरी को लेकर कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं है। लगे हाथ हरदा ने बीजेपी को सरकारी नौकरियों की दुश्मन करार दिया। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार 32 हजार सरकारी नौकरियाँ देकर और 18 हजार पदों की भर्ती के लिए अधियाचन शुरू कराकर गई। केन्द्र सरकार ने 30 लाख ले ऊपर नौकरियाँ खत्म करा दी हैं।
हरदा एक बार फिर आम आदमी पार्टी पर हल्लाबोल करते हुए कहते हैं कि हमसे रोडमैप पूछने वाले पहले अपना रोडमैप बताएं। हरदा कहते हैं कि उत्तराखंड की तुलना किसी दूसरे राज्य से नहीं हो सकती है क्योंकि हर राज्य की अपनी-अपनी भिन्न परिस्थितियां हैं। लिहाजा उत्तराखंड के संदर्भ में बात करें तो उत्तराखंड को ध्यान में रखकर कहे और रोडमैप भी बताएं।
हरदा ने क्या कहा है हुबहू यहाँ पढ़िए
कांग्रेसजन और हमारे प्रशंसक व दोस्तो, आजकल कुछ पार्टियां अपने-अपने चेहरों को बूस्टअप करवाने के लिये सोशल मीडिया ग्रुपों का सहारा ले रहे हैं, उनमें इंटरनल वोटिंग करवा कर अपने लिए लोगों की पसंद को ज्यादा दिखाने का प्रयास कर रहे हैं। ये चुनाव के दिनों में एक स्वभाविक क्रिया है, मगर आपको #सावधान रहकर इस तरीके के किसी भी वोटिंग में अपनी पसंद व सोच को जरूर जाहिर करना चाहिए और अपने इर्द-गिर्द हो रहे ऐसे कार्यों से सावधान रहना चाहिये और उसका एक तरफा, दूसरे लोग लाभ ले जाएं उससे बचना चाहिए, क्योंकि ये स्पॉन्सर्ड पोल है और ऐसे पोलों का उद्देश्य स्पष्ट है। मगर हमारा भी उद्देश्य स्पष्ट है कि वो प्रचार के लिए उसका लाभ न उठा सकें, इसलिये हमारे लोग भी ऐसे पोल्स में पार्टिसिपेट करें और अपनी पसंद को इंगित करें। मैं अपने उन सब साथियों से फिर से अपील करना चाहता हूंँ कि जो रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं, जो सरकार की उपेक्षा से खिन्न हैं, वो हमारे कार्यकाल में नौकरी और रोजगार की वास्तविक स्थिति से परिचित हों, उसके विषय में जानकारी लें और यदि उनका मन यह कहता है कि #कांग्रेस, हरीश रावत उनके लिए दूसरों की तुलना में रोजगार का प्रबंधन बेहतर तरीके से कर सकता है, उनके पास योजनाएं हैं, उनके पास सोच हैं तो बेहिचक नारों से बचकर हमारे साथ करके खड़े हों। जुमलेबाज पार्टी और पार्टियों के नेताओं से सावधान रहें, जो यहां आकर रोजगार के बड़े दावे कर रहे हैं #दिल्ली में उन्होंने केवल हमारी नकल करके कुछ अंशकालीन शिक्षक रखे, उसके अलावा उनकी नौकरी का कोई ट्रैक रिकॉर्ड नहीं है और भाजपा तो सरकारी नौकरियों की दुश्मन है। #क्लास_फोर्थ में पहले भर्तियां होती थी, निर्धन व दलित परिवार के बच्चे वहां नौकरी पाते थे, इन्होंने सरकारी नौकरियों में क्लास फोर्थ की भर्ती को समाप्त कर दिया और अब रिक्त पड़े हुए पदों को मृत घोषित कर रहे हैं, राष्ट्रीय स्तर पर लाखों-लाख पद रिक्त पड़े हुये हैं, शायद यह संख्या आज 30 लाख से ऊपर हो चुकी है। मगर कहीं भर्तियों का नामोनिशान नहीं है। उत्तराखंड में भी 30 हजार से ज्यादा पद रिक्त हो चुके हैं, लेकिन भर्तियों का या तो नामोनिशान नहीं है, या केवल ढकोसला हो रहा है। हमने 3 साल के अंदर 32 हजार लोगों को सरकारी नौकरियों पर लगाया और 18000 पदों की भर्ती के लिए अधियाचन प्रारंभ किया। हमने रोजगार का इस तरीके से प्रबंधन किया कि राज्य के अंदर बेरोजगारी वृद्धि दर जो 2013 में 8 प्रतिशत के करीब थी, उसको हम घटाकर के 2.5 प्रतिशत लेकर के आये जो भारत के अंदर बेरोजगारी की वृद्धि दरों में न्यूनतम थी। हमारा रिकॉर्ड देखें हमारे विषय में सोचें और हमारा साथ दें।
कुछ लोग बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं और दूसरों से पूछ रहे हैं कि तुम्हारा रोड मैप क्या है? मैं ऐसे सभी #दावेदारों से कहना चाहता हूंँ पहले उस विषय पर अपना रोड मैप में बताएं, तब दूसरों से सवाल करें कि इस पर तुम्हारा रोड मैप क्या है! अपना रिकॉर्ड बताएं तब दूसरों से सवाल करें कि इसमें तुम्हारा रिकॉर्ड क्या है! #उत्तराखंड की तुलना किसी दूसरे राज्य से नहीं हो सकती है, हर राज्य की अपनी-अपनी भिन्न परिस्थितियां हैं, जीवन यापन का स्तर अपना-अपना है, आय के स्रोत अपने-अपने हैं, इसलिये उत्तराखंड के संदर्भ में जब कोई बात कहे तो उत्तराखंड को ध्यान में रखकर के कहे और उसके लिए रोड मैप बताएं कि यह उनका रोडमैप है और यदि ऐसे लोग रोड मैप बताने में अक्षम सिद्ध होंगे तो मैं #बिजली के विषय में भी और #कुकिंग_गैस के विषय में भी, #नौकरियों के विषय में भी अपना रोड मैप राज्य की जनता के सामने रखूंगा।
हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखंड