ADDA IN-DEPTH: कहते हैं उत्तराखंड की सियासत में एनडी तिवारी के बाद अगर राजनीति का कोई और सबसे मंझा हुआ खिलाड़ी है तो वह हैं हरदा। जी हां पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत रहते बड़े सहज अंदाज में हैं लेकिन कहते बहुत सोच विचार के बाद ही हैं। अब अगर कांग्रेस की वर्किंग कमेटी का सदस्य और सूबे की सियासत का सबसे बड़ा विपक्षी चेहरा ही युवा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का खुद को फैन बताने लगे तो समझिए कुछ तो बात रही होगी! यूं ही कोई अपनों से बैर लेकर अपने सियासी प्रतिद्वंद्वी का मुरीद नहीं हो जाता है।
हरदा का सीएम धामी को लेकर नया प्यार झलका है उनके रुद्रप्रयाग के हालिया दौरे के बाद सामने आई एक तस्वीर को लेकर। हुआ यूं था कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी रुद्रप्रयाग जिले में अपने प्रवास के दूसरे दिन मॉर्निंग वॉक के बाद एक ढाबे पर चाय पीने के बहाने सीधे आम लोगों में सरकार के कामकाज का फीडबैक लेने पहुंच गए। यह तस्वीर सोशल मीडिया और अखबारों में छा गई तो समाचार माध्यमों में निरंतर सक्रिय रहने वाले हरदा की नजरों से भला यह कहां चूक पाती।
वैसे भी कांग्रेस के तमाम नेताओं के मुकाबले वरिष्ठ और बुजुर्गवार होने के बावजूद हरदा सोशल मीडिया में कहीं अधिक सक्रिय रहते हैं और मौके बेमौके प्रदेश के मौजूदा राजनीतिक माहौल और अपनी पार्टी और सत्तापक्ष को लेकर सही को सही और गलत को गलत कहने से चूकते नहीं हैं। फिर चाहे अपनों को पूर्व मुख्यमंत्री रावत का यह अंदाज नागवार ही क्यों न गुजरे। फिर कई मौकों पर युवा मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के तो हरदा खासतौर पर मुरीद नजर आए हैं।
धामी सरकार 2.0 के अब तक के कार्यकाल में ऐसे कई मौके आए जब पूर्व सीएम रावत ने सीएम धामी की दिल खोलकर तारीफ की और अपने लोगों (कांग्रेस नेताओं) को संभलने का इशारा भी किया। लेकिन सोमवार को सोशल मीडिया पर सीएम धामी के रुद्रप्रयाग दौरे के दौरान मॉर्निंग वॉक वाली फोटो शेयर कर बाकायदा उत्तराखंड कांग्रेस नेताओं को जाग जाने को कह दिया है।
सीएम धामी वाली फोटो शेयर करते हुए हरदा ने लिखा, “वाह क्या अंदाज है! कांग्रेस के दोस्तों 2024 और 2027 के लिए कुछ और कसरत करना शुरू कर दो।” यानी हरीश रावत ने जहां एक बार फिर सीएम धामी के कामकाज के खास अंदाज और आम लोगों में सीधे उतर जाने के अंदाज ए बयां का खुद को कायल बताते हुए कांग्रेसियों को सचेत कर दिया है कि जिस शैली के साथ धामी सरकार चला रहे उसके बाद अब विपक्षी पार्टी के नेताओं को 2024 के लोकसभा चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव के लिए अब तक अपनाया ढर्रा त्याग कर कुछ अधिक मेहनत करनी होगी।
जाहिर है कई कांग्रेस नेताओं को हरदा की धामी पर दिखाई गई यह मुहब्बत रास नहीं आएगी लेकिन उनके इस रुख से एक संदेश तो चला ही गया कि मुख्यमंत्री के तौर पर पुष्कर धामी की ताबड़तोड़ बैटिंग ने विपक्षी कैंप के पेशानी पर बल डाल रखा है। वैसे भी बीते कुछ महीनों में पहले उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के स्नातक स्तरीय भर्ती परीक्षा के पेपर लीक कांड में एसटीएफ के जरिए मास्टरमाइंड मूसा से लेकर हाकम सिंह रावत जैसे सरकारी नौकरियों को सालों से नकल तंत्र की मदद से डकारते आ रहे घड़ियालों को सलाखों के पीछे डाला दिया।
उसके बाद अब 2016 में हुए ग्राम पंचायत विकास अधिकारी यानी VPDO भर्ती कांड में UKSSSC के तत्कालीन चेयरमैन डॉ आरबीएस रावत, सचिव मनोहर कन्याल और पूर्व परीक्षा नियंत्रक आरएस पोखरिया को जेल भेजकर सीएम धामी ने साबित कर दिया कि उनको यूं ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह फ्लावर नहीं फायर पुष्कर बताकर गए थे।
उत्तराखंड में आज तक ऐसा हुआ नहीं कि किसी चीफ सेक्रेटरी लेवल के अफसर रहे शख्स की पूरी करप्शन कुंडली तैयार कर उसे यूं सलाखों के पीछे पहुंचा दिया गया हो। इस दांव ने तमाम विरोधियों को चारों खाने चित्त कर दिया है और हरदा जैसे खांटी नेताओं को मुरीद बनने को मजबूर कर दिया है।
आप समझ सकते हैं ऐसे समय में विपक्ष के प्रमुख नेता के मुंह से मुख्यमंत्री की इस तरह से तारीफ होना, जहां सत्ताधारी भाजपा के लिए जोश हाई करने वाली बात है वहीं हरदा की धामी की तारीफ करते कांग्रेसियों को कुछ और कसरत की नसीहत विपक्षी कैंप के लिए काटो तो खून नही वाली असहज स्थिति!