देहरादून: उत्तराखंड राजभवन से अचानक बेबी रानी मौर्य की छुट्टी को लेकर सोशल मीडिया से लेकर पॉवर कॉरिडोर्स में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। एक तरफ जहां राज्य की भाजपा सरकार के साथ राज्यपाल रहते बेबी रानी मौर्य के टकराव को वजह बताया जा रहा, तो दूसरी तरह भ्रष्टाचार के कुछ मामलों की रिपोर्ट पीएमओ तक पहुँचने की चर्चाएं भी जोरो पर है। इस बीच कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बेबी रानी मौर्य की राजभवन से अचानक विदाई को लेकर भाजपा को कटघरे में खड़ा किया है।
कांग्रेस भवन में मीडिया से बातचीत में हरदा ने कहा कि दलित परिवार से संबंध रखने वाली बेबी रानी मौर्य को भाजपा सियासी नफ़े के लिए उत्तराखंड राजभवन लेकिन आई थी और अब दूसरे कारणों से उनकी राज्यपाल पद से छुट्टी कर दी है। रावत ने आरोप लगाया कि बेबी रानी मौर्य ने उत्तराखंड ओपन विश्वविद्यालय में हुई नियुक्तियों में धाँधली की जांच का बीड़ा उठाया था लेकिन इस बीच उनकी विदाई हो जाती है जो जाँच का विषय है।
सोशल मीडिया में हरदा ने आरोप लगाते हुए लिखा है कि फर्जीवाड़ा भाजपा की नियति बन गई है। पूर्व राज्यपाल मौर्य के अचानक इस्तीफे के बाद मुक्त विवि में भर्तियों में हुआ घोटाला बहुत चर्चा में आ गया है। रावत ने सवाल उठाया कि शासन में कौन सा ज़िम्मेदार व्यक्ति है जिसने यह घोटाला करवाया है! और उसे बचाने के लिए राज्यपाल की बलि ले ली गई, यह बड़ी खोज का विषय है।
यहाँ पढ़िए हरदा ने क्या लिखा हुबहू
#फर्जीवाड़ा, भाजपा की नियति बन गई है। आदरणीया पूर्व गवर्नर श्रीमती #बेबीरानीमौर्य जी के अचानक इस्तीफे के बाद मुक्त विश्वविद्यालय में की भर्तियों में हुआ घोटाला, बहुत चर्चा में आ गया है। #शासन में कौन सा जिम्मेदार व्यक्ति है, जिसने यह घोटाला करवाया है ! और जिसके लिए गवर्नर की बलि ली गई है, बड़े खोज का विषय है।