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STING सियासत: हरदा के एक तीर से चार शिकार, सीएम धामी, मंत्री हरक, पूर्व सीएम TSR पर निशाना भाजपा को खुली चुनौती, स्टिंगकर्ता पर ये कहा

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देहरादून: स्टिंग के डंक से घायल होकर 2017 का सत्ता संग्राम हारे पूर्व सीएम हरीश रावत ने 22 बैटल से पहले अचानक स्टिंग संगीत छेड़कर सत्ताधारी भाजपा को आईना दिखाने की कोशिश की है। हरदा ने भाजपा को चुनौती दी है कि वह रेंजर्स ग्राउंड में जनता के सामने मेरा और भाजपा सरकार के स्टिंग बड़े पर्दे पर दिखाए ताकि लोग खुद फैसला कर लें। रावत ने स्टिंगकर्ता को लेकर कहा कि ‘मेरे पास एक व्यक्ति ताजमहल बेचने आया था, मैंने उसके नाम अमेरिकन फ़ेडरल बैंक कर दिया था।’


रावत ने शायराना अंदाज में तुकबंदी करते अपने ट्विट अटैक में एक साथ सत्ताधारी भाजपा, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर तीखा निशाना साधा है।


‘खनन प्रेमी हैं मुख्यमंत्री हमार, कर्मकार बोर्ड घोटाले से न होत शर्मसार, उज्याडू बल्द को बाखरी से बड़ा दुलार, स्टिंग-स्टिंग कहने से पहले याद कर लो TSR, Come on भाजपा, हो जाए एक बार। भाजपा का स्टिंग बनाम मेरा स्टिंग स्टिंग। आओ रेंजर्स ग्राउंड देहरादून में दोनों स्टिंग्स, जिसमें मेरा व भाजपा स्टिंग को बड़े पर्दे पर दिखाएं। मेरे पास एक व्यक्ति ताजमहल बेचने आया, मैंने उसके नाम अमेरिकन फ़ेडरल बैंक कर दिया।’

दरअसल, 2017 के सत्ता संग्राम में कथित स्टिंग कांड ने हरीश रावत को ख़ासा नुकसान पहुँचाया था लेकिन अब रावत उसी तीर से भाजपा को लहुलुहान करना चाह रहे हैं। इसके पीछे हरदा पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के कथित झारखंड स्टिंग कांड की याद तो दिला ही रहे हैं। साथ ही कर्मकार बोर्ड में मंत्री हरक सिंह रावत और बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष शमशेर सिंह सत्याल के बीच चली जंग और घोटाले के आरोपों के ज़रिए भी हमलावर तेवर दिखा रहे हैं। इशारों-इशारों में हरदा ‘उज्याडू बल्द को बाखरी से बड़ा दुलार’ के बहाने श्रम मंत्री हरक सिंह रावत पर तीखा हमला बोल रहे हैं। जाहिर है हरदा का स्टिंग के सहारे हमला भाजपा को बेचैन कर ही रहा, कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत पर हल्लाबोल नई कहानी भी कह रहा।

नई कहानी ये कि हरदा कर्मकार बोर्ड में भ्रष्टाचार और ‘उज्याडू बल्द को बाखरी से है बड़ा दुलार’ के ज़रिए तीखा हमला बोलकर कांग्रेस में वापसी के हरक के किसी भी प्रयास से पहले ही इतना रायता फैला देना चाह रहे कि घर वापसी की छोटी-मोटी संभावना भी दम तोड़ जाए। इतना ही नहीं हरदा ने पहली बार मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर बड़ा हमला बोलते हुए उनको खनन प्रेमी करार दिया है।


ज्ञात हो 18 मार्च 2016 में नौ कांग्रेस विधायकों ने पूर्व सीएम विजय बहुगुणा की अगुआई में पालाबदल कर भाजपा ज्वाइन कर ली थी। उसके बाद निजी समाचार चैनल समाचार प्लस के एडिटर इन चीफ उमेश कुमार ने विधायकों की कथित ख़रीद फ़रोख़्त की स्टिंग कर लिया था जिसे बागी विधायकों ने दिल्ली के कॉन्टिट्यूशनल क्लब में प्रेस कॉंफ़्रेंस कर जारी किया था। उस वक्त न केवल इस कथित स्टिंग पर सवाल उठे लेकिन उससे कहीं ज्यादा तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को भारी क़ीमत चुकानी पड़ी थी। इसी के आधार पर तत्कालीन गवर्नर केके पॉल ने केन्द्र सरकार को कथित स्टिंग मामले की सीबीआई जांच की सिफ़ारिश कर दी थी। फिर केन्द्र ने आर्टिकल 356 का इस्तेमाल कर हरदा सरकार को बर्खास्त कर दिया था। हालाँकि बड़ी कानूनी लड़ाई के बाद हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के रास्ते हरीश रावत सरकार बहाल हो गई थी। फ्लोर टेस्ट में रावत ने बहुमत साबित कर दिया था और बाग़ियों को विधानसभा सदस्यता गँवानी पड़ी थी।


दरअसल हरदा पूर्व सीएम टीएसआर के जिस स्टिंग के बहाने भाजपा को चुनौती दे रहे, उसके तार झारखंड से जुड़े हैं और उमेश कुमार ने ही इस कथित स्टिंग का वीडियो कंटेट रिलीज किया था। इसके तहत टीएसआर पर झारखंड भाजपा प्रभारी रहते एक पार्टी कार्यकर्ता को गौसेवा आयोग का अध्यक्ष बनाने को एवज में 25 लाख रु बतौर घूस करीबियोँ के खातों में लेने का आरोप लगा था। साथ ही खनन के गंभीर आरोप भी टीएसआर क़रीबियों पर लगते रहे।


इसी तरह हरदा कर्मकार बोर्ड के घोटाले के बहाने भाजपा सरकार, सीएम धामी, पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत और कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत को निशाने पर ले रहे हैं। दरअसल कोटद्वार में मेडिकल कॉलेज निर्माण को लेकर नियमों के खिलाफ जाकर कर्मकार कल्याण बोर्ड की तरफ से कार्यदायी संस्था को 20 करोड़ रुपए देने के आरोप लगे। कर्मकार कल्याण बोर्ड की पूर्व सचिव दमयंती रावत और ईएसआई के कई अधिकारियों पर इसे लेकर आरोप लगे हैं।

शायद हरदा ‘उज्याडू बल्द को बाखरी से है बड़ा दुलार’ के ज़रिए यही कहना चाह रहे हैं।

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