- वीकैंड लॉकडाउन छूट से तीसरी लहर का पैदा होता खतरा
- नैनीताल, मसूरी जैसे हिल स्टेशनों पर वीकैंड पर भीड़, न मास्क न सोशल डिस्टेंसिंग: HC
- उत्तराखंड में मिला डेल्टा प्लस वैरिएंट का पहला केस: स्वास्थ्य सचिव
- तीसरी लहर को लेकर तैयारियों पर हाईकोर्ट में सुनवाई
- धामी सरकार ने जवाब देने के लिए मांगा वक्त
- 28 जुलाई को अगली सुनवाई
नैनीताल: बुधवार 7 जुलाई को नैनीताल हाईकोर्ट में तीसरी लहर की चेतावनी और उससे निपटने की सरकार की तैयारियों पर सुनवाई हुई। हाईकोर्ट ने टाइम्स ऑफ इंडिया और दैनिक जागरण की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि नैनीताल जैसे छोटे शहर में पिछले हफ्ते 9-10 हजार टूरिस्ट आए थे वीकैंड पर। लेकिन इस बार वीकैंड पर 25 हज़ारों टूरिस्ट आए और रिपोर्ट्स बताती हैं कि टूरिस्टों की भीड़ न मास्क पहन रही और न सोशल डिस्टेंसिंग जैसे नियमों का पालन ही हो रहा। कोर्ट ने भी कहा कि समाचार पत्रों में लगातार छप रहा कि बिना आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोेर्ट बाहर से टूरिस्ट आ रहे ओपन उनकी चेकिंग भी नहीं हो रही।
चीफ जस्टिस आरएस चौहान ने सरकार की तरफ से पेश हुए नवनियुक्त मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु को वीकैंड लॉकडाउन/कोविड कर्फ़्यू छूट के फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। चीफ सेक्रेटरी डॉ संधु ने कहा कि वे आज ही मुख्यमंत्री के सामने इस मसले को उठाएंगे।
सरकार ने लॉकडाउन में रिलैक्स दे दिया है। वीकैंड पर हज़ारों लोग आ रहे बिना मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग के। नैनीताल में पिछले वीकैंड पर 9-10 हजार टूरिस्ट आए थे अबके 25 हजार से ज्यादा: HC
नैनीताल के पास कोई हेल्थ सिस्टम नहीं, मात्र एक अस्पताल, डेढ घंटे दूर हल्द्वानी भागना पड़ना है, फिर क्यों नैनीताल को संकट में डाल रहे, सरकार अपने वीकैंड मार्केट खोलने के फैसले पर पुनर्विचार करे: HC
नैनीताल में जाम लग रहा है, मसूरी में जाम लग रहा है, हमको वीकैंड ऑपनिंग के फैसले पर पुनर्विचार करना चाहिए: HC
हरिद्वार के बाद फ़र्ज़ी फेक कोविड टेस्टिंग का मामला टिहरी में पाया गया, ऐसे डेल्टा प्लस वैरिएंट की चुनौती से कैसे निपटेंगे: HC
सीएस संधु ने कहा हम वीकैंड मार्केट ऑपनिंग के फैसले को लेकर मुख्यमंत्री के साथ चर्चा करेंगे आज ही और कोर्ट को अपडेट करेंगे।
NCDC Delhi को भेजे 30 सैम्पल के बारे में कोई जानकारी जुटाई गई: HC
NCDC दिल्ली ने बताया एक डेल्टा प्लस वैरिएंट कंफर्म: हेल्थ सेक्रेटरी
उत्तराखंड में मिला पहला डेल्टा प्लस वैरिएंट: स्वास्थ्य सचिव
नैनीताल हाइकोर्ट में चारधाम यात्रा और बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर जनहित याचिकाओं की सुनवाई चल रही है। सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस आरएस चौहान ने NCDC दिल्ली को भेजे गए सैंपल्स के बारे में पूछा। जिस पर स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने खुलासा किया कि NCDC ने जानकारी दी है कि राज्य से भेजे गए 521 सैंपलों में से
एक केस डेल्टा प्लस वैरिएंट का पाया गया है। ग़ौरतलब है कि डेल्टा प्लस वैरिएंट को ही कोविड की तीसरी लहर का कारक माना जा रहा है।
हाईकोर्ट ने सरकार को जवाब देने के लिए तीन हफ्ते का समय दिया है और 28 जुलाई को अगली सुनवाई है। हाईकोर्ट ने सरकार को तीसरी लहर में बच्चों के बचाव से लेकर बुज़ुर्गों/ दिव्यांगों को घर या आसपास वैक्सीनेशन, इंटर्न डॉक्टरों का मानदेय कम क्यों, प्रदेश में कितना वैक्सीनेशन हुआ है और सरकारी अस्पतालों में पेडिएट्रिक बेड, डॉक्टर आदि की पूरी जानकारी देने को कहा है।
मामले के कई याचिकाकर्ताओं में से एक अधिवक्ता अभिजय नेगी ने प्रदेश में एक तरफ डॉक्टरों की भारी क़िल्लत और दूसरी तरफ हिमाचल प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों से बेहद कम मानदेय देने का मुद्दा उठाया जिसके तहत हिमाचल में 17 हजार, छत्तीसगढ़ में 2016 से 17,900 रु/ मासिक मानदेय मिलने और उसकी तुलना में उत्तराखंड में सबसे कम 7500 रु मात्र स्टाईपेंड भत्ता दिया जा रहा है। कोर्ट ने इस पर स्वास्थ्य सचिव को मानदेय बढाने पर विचार करने को कहा है जिसकी जानकारी अगली सुनवाई के दौरान सरकार हाईकोर्ट के देगी।
चूँकि सरकार ने चारधाम यात्रा पर हाईकोर्ट के स्टे ऑर्डर को चुनौती देते हुए सुप्रीम कोर्ट में SLP दायर की है लिहाजा आज हाईकोर्ट ने इस मसले को नहीं उठाया। हालाँकि राज्य सरकार के एडवोकेट जनरल एसएन बाबुलकर ने चारों धामों की लाइव स्ट्रीमिंग पर बिना देवस्थानम् बोर्ड का फैसला आए स्ट्रीमिंग नहीं हो पाने की दलील देनी चाही तो इस पर चीफ जस्टिस आर एस चौहान ने उनको फटकार लगाई। चीफ जस्टिस ने कहा कि शास्त्रों का हवाला आप देते हैं लेकिन शास्त्रों में कहां लिखा है कि पूजा-अर्चना की लाइव स्ट्रीमिंग नहीं हो सकती? हाईकोर्ट चीफ जस्टिस ने कहा कि महाभारत युद्ध का हाल संजय ने धृतराष्ट्र को सुनाया था वो भी तो लाइव स्ट्रीमिंग का ही एक उदाहरण था।
चीफ जस्टिस आरएस चौहान ने कहा कि देश संविधान से चलता है शास्त्र से नहीं।