Sukhvinder Singh Sukhu will be next Chief Minister of Himachal Pradesh: हिमाचल प्रदेश का अगला मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर निर्णय ले लिया गया है। हमीरपुर जिले की नादौन सीट से विधायक सुखविंदर सिंह सुक्खू को अगला मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है। हालांकि नतीजे आने के बाद से इन दो दिनों में मुख्यमंत्री के संभावित नामों को लेकर जबरदस्त लॉबिंग और जोर आजमाइश चलती रही।
अभी भी पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय वीरभद्र सिंह की पत्नी और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सांसद प्रतिभा सिंह के समर्थक सड़कों पर उतरे हुए हैं और नारेबाजी से लेकर दबाव की राजनीति का हर दांव पेंच आजमाया जा रहा है। लेकिन प्रतिभा सिंह का सांसद होना मुख्यमंत्री की रेस में उनके लिए संकट का सबब बन गया क्योंकि कांग्रेस लोकसभा और विधानसभा के दो दो उपचुनाव कराने के हक में कतई नहीं थी। लेकिन रानी प्रतिभा सिंह और उनके समर्थक विधायक अड़े रहे जिसके चलते कांग्रेस नेतृत्व और ऑब्जर्वर्स के हाथ पांव फूले रहे, लेकिन प्रतिभा कैंप से डिप्टी सीएम बनाए जाने के फार्मूले से समाधान निकालने की कोशिश की गई है।
सीएम रेस को लेकर चली लंबी उठापटक के बाद जब हमीरपुर जिले की नादौन सीट से लगातार विधायक बनते आ रहे सुखविंदर सिंह सुक्खू को अगला मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है, तब समाधान निकालने के फार्मूले के तहत सांसद रानी प्रतिभा सिंह के कैंप से मुकेश अग्निहोत्री को डिप्टी सीएम बनाया जाएगा। इतना ही नहीं वीरभद्र सिंह के नाम और काम पर वोट मांगने और जीत के बाद खुलकर मुख्यमंत्री पद की मांग कर रही रानी प्रतिभा सिंह ने मंत्रिमंडल में भी पर्याप्त संख्या मिले इसके लिए भी ऐड़ी चोटी का जोर लगा रखा है।
संभावित सीएम चेहरे सुक्खू ने दावा किया है कि बीजेपी के छह सात विधायक भी कांग्रेस का रुख कर सकते हैं। सुखविंदर सिंह सुक्खू तीसरी बार नादौन सीट से विधानसभा पहुंचे हैं और वे कांग्रेस की स्टूडेंट विंग NSUI और फिर यूथ कांग्रेस से होकर राजनीति में ऊपर तक आए हैं। उन्होंने वकालत की पढ़ाई की है। वे 2013 में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी बनाए गए थे। सुक्खू को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबियों में भी गिना जाता है।
ज्ञात हो कि हिमाचल में गुजरात के साथ 8 दिसंबर को चुनाव नतीजे आए थे जिसमें 68 सीटों में से कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत के साथ 40 सीटें और बीजेपी को महज 25 सीटें हासिल हुई थी। बहुमत मिलने के बाद से ही मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर कुरुक्षेत्र छिड़ गया था। एक तरफ जहां, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह की पत्नी और सांसद प्रतिभा सिंह CM दावेदारी कर रही थीं, तो वहीं दूसरी तरफ, सुखविंदर सिंह सुक्खू सीएम रेस में थे जिनके पक्ष में विधायकों का संख्याबल अधिक दिख रहा था।
एक तो विधायकों की तरफ से सुक्खू का पलड़ा भारी होना और दूसरी तरफ प्रतिभा सिंह का सांसद होना भी उनके रास्ते की बाधा बन गया।