Growth स्टोरी

House of Himalayas: उत्तराखंडी उत्पादों की लोकल टू ग्लोबल नई पहचान

प्रधानमंत्री मोदी जिसके स्वयं ब्रांड एंबेसडर!

Share now

 

House of Himalayas: आपने कभी न कभी सफ़र के दौरान किसी रेलवे स्टेशन या बस टर्मिनल पर ट्रांसपेरेंट कंटेनर में फ्रूट जूस के बबल बनाता घूमता फाउंटेन जरूर देखा होगा? देखा ही नहीं होगा बल्कि हिमाचल प्रदेश सरकार के एचपीएमसी ब्रांड के तहत बिकने वाले इस जूस को पीकर अपनी थकान भी मिटाई होगी। वर्ल्ड बैंक की मदद से 10 जून 1974 को हिमाचल प्रदेश हॉर्टिकल्चरल प्रोड्यूस मार्केटिंग एंड प्रोसेसिंग कॉर्पोरेशन के रूप में शुरू हुआ ये छोटा सा सरकारी उपक्रम आज देश प्रदेश ही नहीं इंटरनेशनल मार्केट में दस्तक दे चुका है।

 

आज एचपीएमवी की कामयाबी हिमाचल प्रदेश के हजारों सेब और दूसरे हॉर्टिकलर उत्पाद पैदा करने वाले किसानों के चेहरे पर दिखाई देती है। लेकिन अब कामयाबी की कुछ ऐसी ही नई कहानी लिखने को तैयार है हिमाचल प्रदेश का पड़ोसी राज्य उत्तराखंड!

नौ नवंबर 2000 को उत्तरप्रदेश से अलग होकर अस्तित्व में आया उत्तराखंड हॉर्टिकल्चर सेक्टर की अपनी असीम संभावनाओं को पहचानने में जरा देर जरूर कर देता है लेकिन यह देरी इतनी भी नहीं कि इसे बहुत देर हो गई हो मानकर अभिनव प्रयास न किए जाएं। खासकर तब जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद ब्रांड एंबेसडर के तौर पर सामने हों तब भला हाउस ऑफ हिमालयाज को कामयाबी के पंख लगने से कौन रोक सकता है।

जी हां हाउस ऑफ हिमालयाज ( House of Himalayas) एक ऐसा अंब्रेला जिसके नीचे बिकेंगे उत्तराखंड के ठेठ पहाड़ी इलाकों के वो उत्पाद जिनको मार्केट न मिलने से अब तक दुनिया इसके स्वाद से महरूम रह जाती थी। लेकिन अब चाहे ई कॉमर्स प्लेटफार्म अमेजन हो या फिर दिल्ली का फेमस कनॉट प्लेस आपको हाउस ऑफ हिमालयाज के एक ब्रांड के तहत उत्तराखंडी प्रोडक्ट्स की पूरी श्रृंखला मिलेगी।

दरअसल, उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार ने हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड लॉन्च कर दिया है। पिछले साल 9 दिसंबर को देहरादून में आयोजित ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट (Global Investors Summit)  का शुभारंभ करने आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के ब्रांड हाउस ऑफ हिमालयाज को लॉन्च किया था। जाहिर है धामी सरकार का उत्तराखंड के तमाम स्थानीय उत्पादों को एक ही जगह लाने का यह अभिनव प्रयास अगर ठीक ढंग से धरातल पर उतारा गया तो अपने आप में सरकार का क्रांतिकारी कदम साबित होगा। जैसा हमने शुरू में देखा कि कैसे1974 में छोटी सी शुरुआत के साथ आगे बढ़ा हिमाचल प्रदेश का एचपीएमसी ब्रांड आज जूस मार्केट का एक पायनियर नाम है।

हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड लॉन्चिंग के वक्त प्रधानमंत्री मोदी ने कहा भी था,” हाउस ऑफ हिमालयाज वोकल फॉर लोकल और लोकल फॉर ग्लोबल की हमारी अवधारणा को और मजबूत करता है।” जाहिर है उत्तराखंड सरकार का यह इनिशिएट उन महिला स्वयं सहायता समूहों के लिए बड़ा मददगार साबित हो सकता है जो अच्छे उत्पाद तैयार होने के बाद भी बाजार से पहुंच दूर होने के कारण अच्छा खासा मुनाफा कूटने से चूक जाते हैं।

हाउस ऑफ हिमालयाज की लॉन्चिंग से पहले उत्तराखंड के स्थानीय उत्पाद हिमाद्री, हिलांस और ग्राम्यश्री जैसे तमाम उत्पाद अलग अलग नामों से बाजार में आते हैं लेकिन अब ऐसे उत्पाद हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के नाम से पहचाने जाएंगे। जाहिर है ऐसा होने से प्रदेश के स्थनीय उत्पाद खास पहचान के साथ साथ बेहतर बाजार और मार्केटिंग के जरिए नई बुलंदियों को छू सकेंगे।

हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड: बिकेंगे ये उत्पाद

उत्तराखंडी रेड राइस, चौलाई, चकराता राजमा, जोशीमठ की चित्रा राजमा, हर्षिल और मुनस्यारी राजमा, बेरीनाग चाय, मंडुवा, झंगोरा, गहथ, बुरांस सरबत, काली भट्ट, पहाड़ी तोर दाल, माल्टा, अल्मोड़ा लखौरी मिर्च, रामनगर नैनीताल लीची, रामगढ़ नैनीताल आड़ू, के साथ साथ कई हस्तशिल्प उत्पाद अब हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के तहत देश ही नहीं वैश्विक फलक पर आसानी से पहुंच बनाते दिखाई देंगे।

हाउस ऑफ हिमालयाज के बारे में ग्राम्य विकास सचिव राधिका झा ने बताया कि फर्स्ट फेज में 21 स्थानीय उत्पादों को हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के अंब्रेला में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि हाउस ऑफ हिमालयाज के तहत आने वाले उत्पादों की क्वालिटी को तीन स्तरों पर जांचा परखा जा रहा है। सचिव राधिका झा ने बताया कि जैसे टाटा या अन्य कंपनियों का एक नाम होता है और उनके अनेक प्रोडक्ट मार्केट में आते हैं। ठीक वैसे ही हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के तहत अनेक उत्तराखंडी स्थानीय उत्पाद आसानी से लोगों तक पहुंचेंगे।

Amazon और ई कॉमर्स पोर्टल पर मिल रहे हाउस ऑफ हिमालयाज प्रोडक्ट्स

हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड के उत्पादों की बिक्री के लिए इसी साल मार्च में ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म तैयार हो गया था जिसकी लॉन्चिंग मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी। हाउस ऑफ हिमालयाज ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर घर बैठे आसानी से खरीदारी के साथ साथ सभी उत्पादों के बारे में विस्तार से जानकारी भी हासिल की जा सकती है। www.houseofhimalayas.com पर जाकर ऑनलाइन खरीदारी के अलावा अमेजन पर भी उत्तराखंडी ब्रांड के उत्पाद लिए जा सकते हैं।

उसके बाद amazon के साथ भी एमओयू साइन किया गया। पिछले महीने ही मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की मौजूदगी में हाउस ऑफ हिमालयाज ब्रांड और ई मार्केटिंग पोर्टल अमेजन इंडिया के बीच एक एमओयू साइन हुआ था ताकि उत्तराखंड की विभिन्न महिला सहायता समूहों द्वारा निर्मित इन उत्पादों की खरीदारी और भी आसान हो सके। जाहिर है हाउस ऑफ हिमालयाज की Amazon India के साथ पार्टनरशिप होने से अब राज्य के लोकल उत्पाद बहुत आसानी से दूर दूर दस्तक दे पा रहे हैं।

HoH ब्रांड लाएगा महिला स्वयं सहायता समूहों के अच्छे दिन

जैसा कि आप जान चुके हैं कि हाउस ऑफ हिमालयाज उत्तराखंड का अपना ब्रांड है जिसके अंब्रेला के नीचे अब तक अलग अलग बिक रहे हिमाद्री, हिलांस सहित तमाम समितियों, स्वयं सहायता समूहों, स्थानीय हितधारकों तथा किसानों को लाकर उनके उत्पादों को न सिर्फ बेहतर बाजार मुहैया कराया जाएगा बल्कि बेहतर दाम भी दिलाना सुनिश्चित किया जाएगा।

मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की मानें तो हाउस ऑफ हिमालयाज के रूप में कंपनी के गठन से स्थानीय हितधारकों, किसानों,महिला सहायता समूहों तथा हॉर्टिकल्चर सेक्टर से जुड़े लोगों के उनके उत्पादों की बिक्री के लिए इधर उधर भटकना नहीं पड़ेगा तथा मूल्य भी बेहतर प्राप्त होगा।

Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!