देहरादून: विभिन्न हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक में समय-समय पर यह तथ्य उठता रहा है कि नौकरशाहों को कुछ निर्धारित समय के लिए एक पोस्टिंग के बाद काम करने का मौका मिले। लेकिन राजनीतिक दबाव और दूसरे मनसूबे पूरे करने के लिए सरकारें IAS, IPS और दूसरे अफसरों को इधर-उधर ताश के पत्तों की तरह फेंटती रहती हैं। उत्तराखंड में भी ऐसे मामले कई बार देखने को मिले हैं। इसी दिशा में नया मामला बनता दिख रहा है IAS दीपक रावत का।
आईएएस दीपक रावत ने ट्रांसफर के पूरे एक हफ़्ते बाद ऊर्जा निगमों में MD पद पर चार्ज संभाला है। अब ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने इशारा किया है कि MD पद पर परमानेंट नियुक्ति की जाएगी यानी आईएएस दीपक रावत को इस पद से जल्द हटाया जाएगा। ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से इस सिलसिले में बातचीत भी कर ली है। इतना ही नहीं हाल में ऊर्जा सचिव बनाई गई सौजन्या भी ट्रेनिंग के लिए जा रही हैं लिहाजा उनकी जगह लिंक ऑफ़िसर काम देखेंगे।
ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि वे खुद काफी समय विभाग को दे रहे हैं ताकि पिछले दिनों एमडी के ट्रांसफर-पोस्टिंग विवाद या एमडी की कमी महसूस न हो इसलिए वे समस्याओं के समाधान निकालने में लगे हैं। यह पहली बार नहीं है जब ऊर्जा निगमों में एमडी पद को लेकर बवाल छिड़ा हो। हरदा सरकार में एमडी नियुक्ति को लेकर भ्रष्टाचार का आरोप तब विपक्ष में रही बीजेपी ने खूब लगाया था। अब फिर से आईएएस की एमडी पद पर तैनाती हुई है तो ऊर्जा मंत्री जल्द स्थाई नियुक्ति कराने जा रहे हैं।
साफ है जिस तरह से बंपर तबादलों के बाद हल्ला मचा और सीएम धामी को कार्मिक विभाग से राजनीतिक या अन्य तरीके से दबाव न डालने का पत्र जारी कराकर ब्यूरोक्रेट्स को आचरण नियमावली का पाठ पुन: याद कराना पड़ा और बावजूद इसके तीन आईएएस ने नया चार्ज लेने में एक हफ़्ता लगा दिया था। उसी वक्त यह सवाल भी उठा था कि क्या आईएएस दीपक रावत चंद दिनों के लिए ऊर्जा निगमों में समय बिताएँगे? अब खुद ऊर्जा मंत्री डॉ हरक सिंह रावत ने मीडिया को बयान देकर कहा है कि उनकी मुख्यमंत्री धामी से बात हो गई है और जल्द निगमों में परमानेंट एमडी नियुक्त किए जाएंगे। यानी इधर डीएम-कप्तानों के तबादले होगे उसमें एंकर नाम आईएएस दीपक रावत का भी शामिल हो तो आश्चर्यचकित न हुआ जाए।