
Adda Insider: अभी महज़ बिहार चुनाव की तारीखों का ऐलान भर हुआ है और उत्तराखंड में राजनीतिक अस्थिरता की आहट ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को बेचैन कर दिया है। मुख्यमंत्री की बेचैनी मंगलवार को आए उनके उस बयान से झलकी जिसमें वे कहते हुए सुने जा सकते हैं कि कुछ लोग उत्तराखंड में अस्थिरता का माहौल बनाने के लिए साज़िशें रच रहे हैं। मुख्यमंत्री धामी यही नहीं रुके बल्कि उन्होंने यह भी कहा कि ये साज़िशकर्ता विकास कार्यों में विघ्न डाल रहे हैं और एक
फेक नैरेटिव गढ़कर जनता में भ्रम की स्थिति पैदा करना चाह रहे हैं। मजाक आधे मिनट के इस वीडियो बयान में मुख्यमंत्री ने उनकी कुर्सी को हिलाने को लेकर अंदर ही अंदर छिड़े कोहराम को सतह पर ला खड़ा किया है। ज़ाहिर है अगर मुख्यमंत्री विपक्षी हमलों से आहत होते तो उसका खुलकर जिक्र भी करते और पलटवार भी! लेकिन अपने बयान में उन्होंने विपक्षी दलों या नेताओं का नाम तक नहीं लिया यानी सत्ता को लेकर जंग ए मैदान कहीं और नहीं बल्कि बीजेपी के भीतर ही छिड़ा हुआ है जिसका पटाक्षेप ख़ुद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया के सामने कर दिया है।
पहले आप पढ़िए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने आख़िर कहा क्या हुबहू :
“ऐसे लोग जो साजिश के तहत राज्य को अराजकता की ओर धकेलना चाहते हैं, और जो भी विकास कार्य चल रहे हैं आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जो अनेक जनकल्याणकारी योजनाएं चल रही हैं उनमें अनावश्यक रूप से विघ्न-बाधाएं डालकर कहीं न कहीं एक फेक नैरेटिव गढ़ने का काम कर रहे हैं और लोगों को भरमाने का काम कर रहे हैं कि किसी तरह ये योजनाएं रुकें, किसी प्रकार से जो विकास के काम अनवरत रूप से ना हों।”
अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का बयान पढ़ने के बाद (अगर चाहें तो The News Adda यूट्यूब चैनल पर वीडियो बयान सुन भी आइए)
संभवतया आपको पहाड़ पॉलिटिक्स के संभावित राजनीतिक परिदृश्य का एहसास हो ही गया होगा। इस बयान के दौरान मुख्यमंत्री की बॉडी लैंग्वेज क्या इशारा कर रही है और जिस तरह से उन्होंने कहा है कि कुछ लोग साजिश के तहत राज्य में अराजकता का माहौल पैदा करना चाह रहे हैं, सवाल है कि ये लोग कौन हैं ? फेक नैरेटिव गढ़कर विकास योजनाओं की राह में कौन रोड़ा अटका रहा है? लोगों को इस झूठे नैरेटिव के ज़रिए कौन भरमाने का प्रयास कर रहा है?
क्या बीजेपी के भीतर जिन कुछ नेताओं में मुख्यमंत्री बनने की इच्छा बलवती हो रही है उनको पुष्कर सिंह धामी ने निशाने पर लिया है? आख़िर जैसे – जैसे उत्तराखंड 2027 के विधानसभा चुनाव की तरफ़ बढ़ रहा है, उत्तराखंड में सियासी घमासान चरम की तरफ बढ़ता हुआ क्यों दिखाई दे रहा है। बीजेपी कॉरिडोर्स के भीतर पहले से चर्चाएं चल रही थीं कि बिहार विधानसभा चुनाव ख़त्म होने के बाद प्रदेश से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा में कई बड़े बदलाव देखने को मिल सकते हैं। यह पहले से जगजाहिर है कि भाजपा को बिहार चुनाव के बाद राष्ट्रीय अध्यक्ष मिल जाएगा लेकिन उसके अलावा राज्यों को लेकर जो अटकलबाज़ी होती रहती है उसको कितनी गंभीरता से लेने की जरूरत है?
बहरहाल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने इस ताजा बयान के ज़रिए घर के भीतर और बाहर के उन तमाम अपने-परायों को साफ़ संदेश दे दिया है कि जिनकी साज़िशों के सारे किस्से सिलसिलेवार तरीक़े से उनको मालूम हैं। सवाल है कि क्या वाकई जैसा मुख्यमंत्री कहने की कोशिश कर रहे, उत्तराखंड फिर राजनीतिक अस्थिरता की तरफ धकेला जा रहा!