
-आय से अधिक संपत्ति मामले में मंत्री परिषद को लेना था निर्णय -सरकार ने कर दिया था मामला रफा-दफा: रघुनाथ सिंह नेगी -सैंकड़ों करोड़ की हैं अघोषित संपत्तियां भ्रष्ट मंत्री के पास: नेगी -जन संघर्ष मोर्चा ने राजभवन,सरकार, शासन से की पुन: कार्रवाई की मांग
विकासनगर: जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने पत्रकार वार्ता कर उत्तराखंड सरकार में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कृषि मंत्री जोशी को निशाने पर लेते हुए कहा कि मंत्री परिषद द्वारा भ्रष्ट मंत्री गणेश जोशी को अभयदान/बचाव करने के मामले में पुन: जांच कराने को लेकर राजभवन, सरकार व मुख्य सचिव को पत्र प्रेषित कर कार्यवाही की मांग की।
रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि स्पेशल विजिलेंस जज ने दिनांक 2/9/24 को मंत्री गणेश जोशी के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के मामले में मुकदमा दर्ज कराने को लेकर मंत्रिपरिषद/गोपन को 8 अक्टूबर 2024 तक फैसला लेने हेतु इस प्रकरण में अपनी सहमति देने का आग्रह किया था, लेकिन दिनांक 8/10/2024 को मंत्रिपरिषद ने बहुत ही चालाकी से मंत्री को बचाने,अभयदान देने व मामला रफा- दफा करने के उद्देश्य से वादी/शिकायतकर्ता को शपथ -पत्र दाखिल करने हेतु दो पत्र जारी किए। इसमें उल्लेख किया गया कि अपने शिकायती पत्र के समर्थन में शपथ-पत्र जमा करें।
वादी द्वारा शपथ-पत्र प्रस्तुत करने के बजाय उल्लेख किया गया कि जो भी दस्तावेज चाहिए, न्यायालय से प्राप्त कर लें, लेकिन इस मामले में मंत्री परिषद्/ गोपन विभाग द्वारा न्यायालय से कोई दस्तावेज प्राप्त करने की जहमत नहीं उठाई गई,बल्कि यह उल्लेख कर मामला समाप्त कर दिया कि कोई आवश्यकता इस मामले में प्रतीत नहीं होती है तथा मामला निक्षेपित किया जाता है।
यहां प्रश्न यह उठता है कि जब मामला न्यायालय में विचाराधीन है तथा जांच भी न्यायालय के निर्देश पर हो रही है एवं इसके अतिरिक्त न्यायालय ने मंत्री परिषद/ गोपन विभाग को दस्तावेज प्रेषित किए थे तो फिर शपथ- पत्र की जरूरत क्यों आन पड़ी?
प्रश्न यह भी उठता है कि यहां सरकार मामले की जांच नहीं करा रही, बल्कि न्यायालय के निर्देश पर ही सब कुछ हो रहा है तो फिर शपथ- पत्र का बहाना क्यों?
जन संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष नेगी ने आरोप लगाते हुए कहा कि दुर्भाग्य की बात है कि ऐसे भ्रष्ट मंत्री, जिनके पास 20-22 साल पहले संपत्ति के नाम पर कुछ भी नहीं था, आज इन 20-22 वर्षों में करोड़ों के साम्राज्य स्थापित कर लिए हैं तथा सैंकड़ों करोड़ रुपए की ही अघोषित/ बेनामी संपत्तियां इकट्ठी कर ली हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे भ्रष्ट मंत्री को सरकार में बने रहने देना जनता के साथ बहुत बड़ा खिलवाड़ है।
जन संघर्ष मोर्चा ने कहा है कि वह सरकार व राजभवन से मांग करता है कि उक्त भ्रष्टाचार के मामले में पुन: कार्रवाई करने का काम करें, जिससे ऐसे भ्रष्ट मंत्री जेल की शोभा बढ़ा सकें।
रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि अगर शीघ्र ही इस मामले में कार्रवाई नहीं की गई तो जन संघर्ष मोर्चा उक्त भ्रष्ट मंत्री को न्यायालय में घसीटेगा।