
Jitendra suicide case: पौड़ी जिले के तलसारी गांव के जितेंद्र सिंह की वीडियो वायरल करने के बाद गोली मारकर आत्महत्या करने की घटना के बाद उत्तराखंड के राजनीतिक गलियारों में हल्ला मचा हुआ है। हालात की गंभीरता को देखते हुए बीजेपी ने मुख्य आरोपी भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश मंत्री हिमांशु चमोली को तत्काल प्रभाव से प्रदेश मंत्री पद से हटा दिया है। आत्महत्या करने से पहले पौड़ी जिले के 32 वर्षीय जितेंद्र सिंह ने अपनी कार के भीतर से ही एक वीडियो बनाया था जिसमें वहाँ बीजेपी के युवा नेता हिमांशु चमोली पर 35 लाख रू हड़पने का आरोप लगाते हुए ख़ुद के आत्महत्या को मजबूर होने का ज़िम्मेदार ठहराता है।
इस वीडियो के बाद जितेंद्र सिंह ने अपनी कार के भीतर ही ख़ुद को गोली मारकर मौत को गले लगा लिया। पुलिस ने हिमांशु चमोली को गिरफ्तार कर लिया है तो बीजेपी युवा मोर्चा ने भी उसे मंत्री के पद से हटा दिया है। आत्महत्या से पहले बनाये वीडियो में जितेंद्र हिमांशु पर जमीन की खरीद- फरोख्त के मामले में 35 लाख रुपए हड़पने, महंगे फ़ोन खरीदने तथा दफ़्तर खोलने के नाम पर पैसे ऐंठने का आरोप लगाया था।
घटना बाद सोशल मीडिया में जितेंद्र सिंह का वीडियो वायरल हुआ तो चौतरफा हड़कंप मच गया और वीडियो का संज्ञान लेते हुए पुलिस ने हिमांशु चमोली को गिरफ्तार कर मुक़दमा दर्ज कर जाँच तेज कर दी है। पुलिस ने हिमांशु चमोली के चार साथियों शुभम खंडूरी, गौरव कंबोज, अभिषेक गैरोला, और विकास शाह को भी गिरफ्तार किया है । इस मामले पर पौड़ी एसएसपी लोकेश्वर सिंह ने बताया है कि गोली जितेंद्र के गले पर लगी जिसके चलते उसकी मौत हुई है।
कांग्रेस ने बीजेपी को घेरा
जितेंद्र सिंह के वायरल वीडियो और आत्महत्या के बाद आक्रामक कांग्रेस ने बीजेपी सरकार के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने कहा कि आत्महत्या से पहले बनाये वीडियो में जितेन्द्र ने साफ़ साफ़ कहा कि उसकी मौत का ज़िम्मेदार बीजेपी युवा मोर्चा का प्रदेश मंत्री हिमांशु चमोली है, लेकिन सवाल है कि क्या उत्तराखंड पुलिस और बीजेपी सरकार में इतना साहस है कि वो जितेंद्र सिंह के परिवार को न्याय दिला सके? या फिर ये मामला भी सत्ता और दबंगई की भेंट चढ़ जाएगा, क्योंकि हिमांशु चमोली बीजेपी के बड़े नेताओं का नजदीकी है।
करन माहरा ने आरोप लगाया कि आज जितेंद्र सिंह की मौत सिर्फ एक आत्महत्या नहीं है, बल्कि ये बीजेपी की तानाशाही और दबंग राजनीति का जीवित सबूत है।