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किरन को न्याय दिलाने को महिला कांग्रेस का कैंडल मार्च: हरदा ने कहा- बेटी किरन की आत्मा हमसे पूछ रही मेरा गुनहगार कौन? सीएम धामी अंकिता के परिवार की तरह किरन के परिजनों को भी दें मदद

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Dehradun News: उत्तराखंड महिला कांग्रेस ने प्रदेश की बेटी किरण नेगी को न्याय दिलाने और श्रद्धांजलि देने के लिए गुरुवार शाम को घंटाघर देहरादून से कैंडल मार्च निकाला। साथ ही राज्य सरकार से दिल्ली के छावला गैंगरेप और हत्याकांड का शिकार हुई पहाड़ प्रदेश की बेटी किरण नेगी की आत्मा को न्याय दिलाने के लिए कोई विकल्प तलाशने का अनुरोध भी किया। कैंडल मार्च में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी शामिल हुए। ‘किरन नेगी मांगे न्याय”,
‘अंकिता मांगे न्याय’ के बैनर लिए कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं ने पहाड़ प्रदेश की बेटियों को न्याय दिलाने के लिए सरकार द्वारा हर संभव मदद देने की मांग की। इस अवसर पर बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा,” बेटी किरन की आत्मा, हम सबसे प्रश्न पूछ रही है। पूरी मानवता व पूरे जागृत जनमत से पूछ रही है कि आखिर कोई तो है मेरा गुनाहगार?”

उन्होंने उत्तराखंड सरकार से आग्रह किया है कि हम राज्य के तौर पर तो कानूनी लड़ाई नहीं लड़ पाए हैं! जिस समय यह वीभत्स कांड हुआ था, उस समय किरन नेगी के भाई-बहन छोटे थे। आज उस परिवार को जो भावनात्मक रूप से पूरी तरीके से टूट चुका है, सहारे की जरूरत है।

पूर्व सीएम ने कहा कि बेटी अंकिता भंडारी के परिवार को ₹25 लाख और उसके भाई को नौकरी देने की जो मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बात कही है, वह सराहनीय है। हरदा ने कहा कि वही सहायता किरन नेगी के टूटे व ध्वस्त पड़े परिवार को भी मिलनी चाहिए!

उन्होंने न्यायिक विकल्प ढूंढने के लिए सीनियर लॉयर अभिषेक मनु सिंघवी और कपिल सिब्बल के नाम सुझाते हुए कहा कि संवैधानिक न्याय के विशेषज्ञों की सहायता ली जाए! कांग्रेस नेता ने कहा कि बलात्कार जघन्यतम् अपराध है, उसके दोषी को हम पाताल से भी ढूंढकर सजा देंगे। यह छोटे राज्य का दृढ़ संकल्प होना चाहिए। बेटी, बेटी है।

कैंडल मार्च के दौरान राज्य सरकार से सवाल पूछा गया, किरन का गुनाहगार कौन ? कार्यक्रम की आयोजक महिला कांग्रेस के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आशा मनोरमा डोबरियाल शर्मा ने कहा कि हम न्यायालय का बहुत सम्मान करते हैं फिर भी लगता है कि पुलिस ने कहीं न कहीं सबूतों को न्यायालय के समक्ष पूरी मजबूती के साथ नहीं रखा। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार को स्वयं पहल कर पुनरीक्षण की कार्रवाई करनी चाहिए अथवा कोई अन्य विकल्प तलाशना चाहिए। अपराधी को दंड दिलाने में न्यायिक विकल्पों के आधार पर विधिक कार्रवाई अमल में लानी चाहिये।

कैंडल मार्च में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने भी राज्य सरकार से न्यायिक विकल्पों को तलाशने की माँग करते हुए कहा कि पहले अंकिता अब किरण के साथ हुए अन्याय से हम बहुत उद्वेलित हैं। हमारी बेटियों के साथ हुए इन विभत्स अपराधों के दोषियों को सजा दिलाने के लिए राज्य सरकार को आगे आना चाहिए।

कैंडल मार्च में कार्यकारी महानगर अध्यक्ष डाक्टर जसमिंदर सिंह गोगी, महेंद्र नेगी गुरुजी, शीश पाल बिष्ट ,नजमा खान, निशान परवीन ,आशा टम्टा ,राजेंद्र धवन ,अनिल बसनेत ,प्रदीप डोभाल, शुभम ,गरिमा दसोनी, सुनील जायसवाल, अमित रावत, रॉबिन त्यागी, राजकुमार जायसवाल ,ओम् प्रकाश सत्ती, बबन ,मनोज नौटियाल ,गुलज़ार अहमद शरीफ़ बेग सहित सैंकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने हिस्सा लिया।

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