किरण नेगी के हत्यारों को सजा दिलाने की मांग को लेकर दिल्ली में निकला कैंडल मार्च
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में सैकड़ों लोग हुए शामिल
Delhi Chhawla Gangrape and Murder Case, demand for justice to Kiran Negi: उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में शुक्रवार शाम को गढ़वाल भवन से वीर चंद्र सिंह गढ़वाली चौक तक उत्तराखंड की प्रवासी संस्थाओं ने पहाड़ प्रदेश की बेटी किरण नेगी को न्याय और दोषियों को फांसी की सजा दिलाने की मांग के साथ कैंडल मार्च निकाला।
कैंडल मार्च में गंगोत्री पर्वतीय कांग्रेस, गढ़वाल हितैषी सभा और कई राज्य निर्माण आंदोलनकारी संगठनों के नेता शामिल हुए। कैंडल मार्च के तहत गढ़वाल भवन से गढ़वाली चंद्र सिंह गढ़वाली चौक तक लोगों ने प्रदर्शन किया और दिवंगत किरण नेगी के हत्यारों को जल्द से जल्द सजा दिए जाने की मांग की। कैंडल मार्च में शामिल तमाम लोग आंखों में आंसू और आक्रोश लिए थे।
इस मौके पर लोगों को संबोधित करते हुए पूर्व सीएम हरीश रावत ने इस घटना को जघन्य अपराध बताया और कहा कि वह सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का सम्मान करते हैं परंतु यह तो पता लगाना ही होगा कि आखिरी बेटी की हत्या किसने की? किसने उसकी आबरू पर डाका डाला? और किस वजह से यह हत्याकांड अंजाम दिया गया? उन्होंने इस मामले में भगवान से प्रार्थना की और न्यायाधीशों से भी प्रार्थना की कि वह जनता के दिल में बैठे दुख को देखें और जो अन्याय पूर्ण घटना हुई है उस कांड में लिप्त लोगों को सजा कैसे मिले यह सुनिश्चित करें।
उत्तराखंड कांग्रेस के प्रवक्ता और उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मार्च में कांग्रेस के संयुक्त सचिव हरिपाल रावत, उत्तराखंड कांग्रेस उपाध्यक्ष धीरेंद्र प्रताप, गंगोत्री संस्था के अध्यक्ष गंभीर सिंह नेगी, पर्वतीय सेल के अध्यक्ष गोपाल रावत, गढ़वाल हितैषी सभा के अध्यक्ष अजय बिष्ट, राज्य आंदोलनकारी अनिल पंत, प्रेमा धोनी, हीरो बिष्ट, लक्ष्मी ध्यानी, अनुषा देवरानी, शशी नेगी, किरण लखेरा, राधेश्याम ध्यानी, किशोर रावत, उत्तराखंड जर्नलिस्ट फोरम के अध्यक्ष सुनील नेगी समेत अनेक लोग शामिल हुए। सभी लोगों ने इस घटना पर भारी आक्रोश व्यक्त किया और इस कांड में लिप्त तमाम अपराधियों को फांसी पर चढ़ाए जाने की मांग की।
धीरेंद्र प्रताप ने बताया कि पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत इस मामले में देश के दिग्गज अधिवक्ताओं से बात कर रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि उत्तराखंड सरकार भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए इसमें यथासंभव योगदान करेगी। इस मौके पर लोगों ने उनकी आंखों में आंसू देखे। अनेक महिलाएं भी इस घटना से भावुक दिखीं और उनका गुस्सा आसमान पर दिखा।