दिल्ली/देहरादून: मंगलवार को चंडीगढ़ पहुंचे दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल ने पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा सियासी दाव खेल दिया है। अरविंद केजरीवाल ने 3 बड़े वादे पंजाब के लोगों से किए हैं। पहला, 300 यूनिट बिजली फ्री, दूसरा, पुराने घरेलू बिल माफ और तीसरा, 24 घंटे पॉवर सप्लाई दी जाएगी। आज AAP रैली में केजरीवाल के दिल्ली दाव के बाद पंजाब की कैप्टेन अमरिंदर सरकार के साथ अकाली दल पर ख़ासा दबाव बनना तय है। ज्ञात हो कि दिल्ली के बाद पंजाब ही ऐसा राज्य है जहां केजरीवाल की आम आदमी पार्टी सियासी तौर पर काफी ताकतवर है और बाइस बैटल को लेकर उसकी उम्मीदें बुलंद हैं।
अब आप सोच रहे होंगे कि हम आपको पंजाब को लेकर AAP और केजरीवाल की चुनावी तैयारियों की जानकारी क्यों दे रहे। दरअसल पंजाब के लिए 29 जून को जो ऐलान केजरीवाल ने चंडीगढ़ में AAP रैली से किया है उसी तरह की तैयारी अब उत्तराखंड को लेकर हो रही है। कोरोना महामारी के चलते उत्तराखंड में केजरीवाल का दौरा टलता रहा है लेकिन अब जुलाई में केजरीवाल के देवभूमि दौरे की पटकथा लिखी जा रही है।
केजरीवाल दिल्ली दाव चलेंगे देवभूमि में भी
AAP सूत्रों ने खुलासा किया है कि मिड जुलाई के बाद की कोई तारीख तय की जा रही है जब देहरादून में एक बड़ी रैली के मंच से अरविंद केजरीवाल देवभूमि दंगल में चुनावी बिगुल फूंकेंगे। माना जा रहा है कि पंजाब की तर्ज पर उत्तराखंड विधानसभा चुनाव को लेकर भी केजरीवाल बड़े लुभावने वादे करेंगे। दिल्ली और पंजाब की तर्ज पर मुफ़्त बिजली-पानी से लेकर, मुफ़्त क्वालिटी एज्यूकेशन और बेहतर स्वास्थ्य तथा रोजगार के मोर्चे पर कैसे दिल्ली मॉडल जमीन पर उतारा जाए इसका खाका केजरीवाल पेश करेंगे।
AAP प्रदेश प्रवक्ता रविन्द्र आनंद ने कहा है कि प्रदेश यूनिट दिल्ली सीएम अरविंद केजरीवाल के दौरे को लेकर खासी उत्साहित है और इसी दौरे के साथ उत्तराखंड में पार्टी के चुनाव अभियान के अगले चरण का आगाज होगा। AAP प्रवक्ता आनंद ने कहा कि केजरीवाल के देवभूमि दौरे के बाद सियासी मंजर बिलकुल चेंज हो जाएगा और बीजेपी, कांग्रेस के पसीने छूट जाएंगे।
जाहिर है ऐसे में जब बीजेपी की डबल इंजन सरकार पांच साल की सत्ता विरोधी लहर और मुख्यमंत्री बदलते रहने के आरोप से जूझते हुए चुनावी दंगल की तरफ बढ़ रही और कांग्रेस कलह और किचकिच से चाहकर भी उबर नहीं पा रही तब केजरीवाल और AAP का दिल्ली मॉडल दोनों दलों के लिए नई तरह की चुनौती साबित हो सकता है।
आखिर दिल्ली दंगल में AAP के चलते बीजेपी और कांग्रेस की सियासत चौपट हो ही चुकी, पंजाब में अकाली दल जाने से बीजेपी संकट में तो कांग्रेस को सरकार बचाने के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है। ऐसे में पहाड़ पॉलिटिक्स में अब तक के ‘बारी-बारी की सत्ता भागीदारी’ मॉडल की काट में केजरीवाल का बिजली, पानी, खाद्यान्न से लेकर शिक्षा और चिकित्सा मॉडल कहीं 20 साल की सियासत पर भारी न पड़ जाए! शायद कांग्रेस और बीजेपी को हल्का ही सही ऐसा अहसास भी होने लगा है लिहाज़ा केजरीवाल के मुफ़्त मॉडल की काट में हरदा कुछ कुछ बोलने लगे हैं बीजेपी भी तैयारी में है।