देहरादून: नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा है कि कोरोनाकाल में लगातार सेवाएं देने के बाद राज्यभर की आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं के लंबित मानदेय का भुगतान न होने से परेशान हैं। राज्य के अधिकांश जिलों में आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिका को कई महीनों से मानदेय नहीं मिला है। आर्य ने कहा कि एक साल से किराए पर चल रहे आंगनबाड़ी भवनों का किराए का सरकार द्वारा भुगतान नहीं करने के कारण कार्यकत्रियों पर आंगनबाड़ी केन्द्र खाली किए का दबाव पड़ रहा है।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उत्तराखंड में लगभग 20,068 बड़े, जबकि 5140 मिनी आंगनबाड़ी केंद्र हैं। इनमें तकरीबन 45 हजार आंगनबाड़ी कार्यकत्री और सहायिका कार्यरत हैं जिन्हें दो महीने से लेकर 6 महीनों से मानदेय नहीं मिला है। ऐसे में कार्यकत्री आर्थिक तौर पर परेशान हैं और परिवार चलाना मुश्किल हो रहा है लेकिन सरकार उनकी कोई सुध नहीं ले रही है।
नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि कोरोना संक्रमण काल में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं ने गांव-गांव जाकर अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों तक मदद पहुंचाई पर सरकार को इस समय उनका दर्द नहीं दिख रहा है। मानदेय पर परिवार पालने वाली कार्यकत्रियों व सहायिकाओं द्वारा निष्ठा, समर्पण और ईमानदारी से कार्य करने के बदले में उन्हें यह इनाम दिया जा रहा है।
आर्य ने कहा कि कांग्रेस की माँग है कि सरकार अतिशीघ्र कार्यकत्रियों व सहायिकाओं तथा आंगनबाड़ी केंद्र के भवनों का किराया समय पर चुकाया जाए। कांग्रेस पार्टी मांग करती है कि आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों व सहायिकाओं को शासकीय कामकाज में आने- जाने हेतु जनपद व जिले तक आने-जाने के खर्च का भुगतान हो।