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Om Birla vs K. Suresh: लोकसभा स्पीकर के लिए होगा चुनाव, जानिए कौन हैं विपक्षी उम्मीदवार के. सुरेश

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Om Birla vs K. Suresh for Loksabha Speaker: 18वीं लोकसभा के पहले सत्र का मंगलवार को दूसरा दिन है और पहले दिन की तनातनी के बाद आज लोकसभा अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए एनडीए सरकार और विपक्ष में तलवारें खिंच गई हैं। आजाद भारत के इतिहास में यह और दुर्लभ अवसर होगा जब स्पीकर पद के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष में चुनाव हो रहा है। इससे पहले दो बार लोकसभा अध्यक्ष के लिए वोटिंग की नौबत आई थी। पहली बार, 1952 में प्रथम लोकसभा के लिए तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जीवी मावलंकर का नाम प्रस्तावित किया जिनके खिलाफ शंकर शांताराम मोर विपक्ष के उम्मीदवार बने थे। मतदान में हां के पक्ष में 394 और ना के पक्ष में 55 वोट पड़े थे। दूसरी बार इमरजेंसी के समय एक दिसंबर 1975 को तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष जीएस ढिल्लों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था जिसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने बलिराम भगत को नया लोकसभा अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा लेकिन भावनगर के सांसद पीएम मेहता ने जगन्नाथ राव जोशी को लोकसभा अध्यक्ष बनाने का प्रस्ताव रखा। इसके बाद मत विभाजन हुआ जिसमें भगत के पक्ष में 344 और विरोध में 58 मत पड़े।

18वीं लोकसभा में एनडीए सरकार की तरफ से दूसरी पारी के लिए ओम बिरला ने नामांकन करा दिया है। जबकि विपक्षी दलों की तरफ से कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए बिरला के खिलाफ नामांकन दाखिल कर दिया है। अब जब स्पीकर पद पर सरकार और विपक्ष में सहमति नहीं बन पाई है तब 26 जून को सुबह 11 बजे स्पीकर पद के लिए आजाद भारत में वोटिंग होती दिखाई देगी।

हालांकि आज सुबह कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष के पास स्पीकर के समर्थन के लिए राजनाथ सिंह का फोन आया था। विपक्ष ने साफ कहा है कि हम स्पीकर को समर्थन देंगे लेकिन विपक्ष को डिप्टी स्पीकर का पद मिलना चाहिए। राजनाथ सिंह ने दोबारा फोन करने की बात कही थी हालांकि अब तक उनका दोबारा कॉल नहीं आया है।

अब अगर सरकार के उम्मीदवार ओम बिरला जीते तो वे भाजपा के पहले ऐसे सांसद होंगे जो लगातार दूसरी बार लोकसभा अध्यक्ष का पद संभालेंगे और अगर वे अपना कार्यकाल पूरा कर लेंगे तो कांग्रेस नेता बलराम जाखड़ के रिकॉर्ड की बराबरी कर लेंगे। बलराम जाखड़ 1980 से 1985 और 1985 से 1989 तक यानी दो टर्म लगातार स्पीकर रहे थे। उनके अलावा जेएमसी बालयोगी और पीए संगमा भी दो बार लोकसभा अध्यक्ष बने लेकिन ये दोनों ही नेता अपना पांच पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर सके।

Who is K. Suresh? जानिए कौन हैं के. सुरेश

लोकसभा अध्यक्ष पद के लिए हो रहे चुनाव में विपक्षी उम्मीदवार के. सुरेश ने नामांकन दाखिल कर दिया है। के. सुरेश कांग्रेस के आठवीं बार जीतकर आए वरिष्ठ सांसद हैं और उनको केरल में कांग्रेस का बड़ा दलित चेहरा माना जाता है। लोकसभा चुनाव में के सुरेश ने मावेलिक्कारा सीट से जीत दर्ज की है और इससे पहले चार बार इस सीट से जीत दर्ज की है। के सुरेश 1989 में पहली बार लोकसभा चुनाव जीते थे और 2009 में मनमोहन सरकार के दूसरे कार्यकाल में उनको केंद्रीय श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री बनाया गया था।

ज्ञात हो कि विपक्ष ने सबसे वरिष्ठ सांसद होने के नाते के सुरेश को प्रोटेम स्पीकर बनाने की मांग की थी लेकिन सत्तापक्ष ने इसे अनसुना कर दिया और अब विपक्ष ने उनको स्पीकर पद का अपना उम्मीदवार घोषित कर om बिरला के सामने उतार दिया है।

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