Uttarakhand News: बुधवार को विधानसभा स्थित सभाकक्ष में राज्य के पशुपालन मंत्री सौरभ बहुगुणा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाकर बताया कि राज्य में नए सिरे से पशुओं में लंपी बीमारी फैल रही है। मंत्री सौरभ बहुगुणा ने कहा कि कुमाऊं मंडल में के कई जिलों में लंपी रोग फैला रहा है।
राज्य के अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, चंपावत, पिथौरागढ़, नैनीताल, रुद्रप्रयाग जिलों में 3131 मवेशी अब तक लंपी रोग की चपेट में आ चुके हैं। पशुपालन मंत्री ने बताया कि इस रोग ग्रसित 1669 पशु ठीक भी हो चुके हैं। जबकि 32 पशुओं की अब तक मौत हो गई है। प्रदेश में रोग से ठीक होने की दर 53.3 प्रतिशत और मृत्यु दर 1.02 प्रतिशत है।
पशुपालन मंत्री बहुगुणा ने कहा कि लंपी रोग की रोकथाम के लिए सरकार ने प्रदेश में एक जिले से दूसरे जिले और बाहरी राज्यों से पशुओं के परिवहन पर एक महीने तक के लिए रोक लगा दी है। साथ ही पशुपालन विभाग के अधिकारियों, कर्मचारियों की छुट्टियों व प्रतिनियुक्ति पर अग्रिम आदेश तक रोक लगाई है।
पशुपालन मंत्री ने बताया कि रोग से बचाव के लिए पशुओं का टीकाकरण किया जा रहा है। नौ मई तक प्रदेश में 7 लाख 43 हजार पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। अगले 10 दिनों के भीतर रोग प्रभावित क्षेत्रों में शत-प्रतिशत पशुओं का टीका लगाया जाएगा। गढ़वाल मंडल से भी प्रभावित क्षेत्रों में अतिरिक्त टीमें टीकाकरण करने के लिए लगाई गई हैं।
सौरभ बहुगुणा ने कहा कि विभाग के पास वर्तमान में 3 लाख 24 हजार वैक्सीन डोज उपलब्ध हैं और रोग की रोकथाम के लिए सभी जिलों को दिशानिर्देश भी जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि सभी पशुपालकों से आग्रह है कि वे गोशाला में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें। मच्छर व मक्खी से रोग एक पशु से दूसरे पशु में फैलता है।
ज्ञात हो कि पिछले साल राज्य में लंपी रोग से देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंहनगर, नैनीताल में 36 हजार से अधिक पशु रोगग्रसित गए थे। इनमें 921 पशुओं की मौत हुई थी। लेकिन इस बार यह रोग पर्वतीय क्षेत्रों में फैल रहा है।
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लंपी रोग की रोकथाम में मदद के लिए पशुपालन विभाग ने दो टोल फ्री नंबर 1962 और 18001208862 जारी किए हैं। इसके लिए निदेशालय में कंट्रोल रूम स्थापित किया गया।
जिलों में लंपी रोक से संक्रमित मवेशियों का ब्यौरा
जिला रोगग्रसित पशु
अल्मोड़ा 223
बागेश्वर 807
चमोली 133
चंपावत 579
नैनीताल 74
पिथौरागढ़ 1079
रुद्रप्रयाग 227
टिहरी 09
कुल- 3131