

Dehradun: मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने अवैध निर्माण और बिना स्वीकृति किए जा रहे विकास कार्यों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई की है। प्राधिकरण द्वारा यह कार्रवाई ग्राम कण्डोगल, कुड़ियाल गाँव, थानों तहसील डोईवाला, देहरादून में स्थित एक प्रकरण में की गई है, जहां बिना अनुमति के पूर्व निर्मित आवासीय भवन के प्रथम एवं द्वितीय तल पर मस्जिद का संचालन किया जा रहा था।
प्राधिकरण के संज्ञान में आने पर यह पाया गया कि विपक्षी प्रबन्धक, इन्तजामिया कमेटी जामा मस्जिद ग्राम कण्डोगल द्वारा लगभग 20 गुणा 40 फीट के क्षेत्रफल में बिना मानचित्र स्वीकृति एवं बिना अनुमति के निर्माण एवं संचालन किया जा रहा है। इस पर एमडीडीए द्वारा 21 नवंबर 2024 को उत्तराखण्ड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास अधिनियम, 1973 की सुसंगत धाराओं के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए निर्माण एवं विकास कार्य पर रोक लगा दी गई थी।
प्रकरण में सुनवाई के लिए तिथियां नियत की गईं, लेकिन विपक्षी की ओर से किसी भी तिथि पर कोई संतोषजनक प्रतिउत्तर या आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत नहीं किए गए। अवर अभियन्ता एवं सहायक अभियन्ता की आख्या में यह भी स्पष्ट किया गया कि उत्तराखण्ड मदरसा शिक्षा परिषद, देहरादून के पत्र संख्या 673 दिनांक 25 मार्च 2025 के अनुसार थानो न्याय पंचायत क्षेत्र में कोई भी मदरसा परिषद में पंजीकृत अथवा मान्यता प्राप्त नहीं है। वहीं उत्तराखण्ड वक्फ बोर्ड के पत्र संख्या 1493 दिनांक 22 मार्च 2025 में भी संबंधित क्षेत्र में किसी मस्जिद के वक्फ अभिलेखों में दर्ज न होने की पुष्टि की गई है।
विपक्षी द्वारा आज तक कोई शमन मानचित्र प्रस्तुत न किए जाने और बार-बार शिकायतें प्राप्त होने के चलते यह प्रतीत हुआ कि प्रकरण को जानबूझकर लंबित रखा जा रहा है। उपलब्ध अभिलेखों, अभियन्ताओं की आख्या तथा उत्तराखण्ड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास अधिनियम, 1973 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत प्राधिकरण ने समस्त अवैध निर्माण के विरुद्ध सीलिंग आदेश पारित किए गये थे। जिसे आज पुलिस बल की मौजूदगी में प्राधिकरण की टीम द्वारा सील कर दिया गया।
एमडीडीए उपाध्यक्ष बंशीधर तिवारी ने कहा कि प्राधिकरण क्षेत्र में बिना स्वीकृति किए गए किसी भी निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने स्पष्ट किया कि संबंधित प्रकरण में सभी पक्षों को सुनवाई का पूरा अवसर दिया गया, लेकिन नियमों का पालन नहीं किया गया। शहर के सुनियोजित विकास, सुरक्षा और पारदर्शिता को बनाए रखने के लिए ऐसी विधिसम्मत कार्रवाई आवश्यक है और भविष्य में भी यह अभियान जारी रहेगा।
वहीं, एमडीडीए सचिव मोहन सिंह बर्निया ने कहा कि यह कार्रवाई उत्तराखण्ड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास अधिनियम के तहत की गई है। सभी तकनीकी आख्या और अभिलेखों के आधार पर निर्णय लिया गया है। नियमों के उल्लंघन पर प्राधिकरण आगे भी सख्ती से कार्रवाई करता रहेगा।



