चमोली: कोरोना की दूसरी लहर कहर बनकर टूट रही है। उत्तराखंड से लेकर पूरे देश में किस तरह के हालात रहे हैं पिछले कुछ दिनों में अस्पतालों से लेकर श्मशानों के ये किसी से छिपा नहीं है। अब महीने भर से कोविड कर्फ़्यू चल रहा है, लोग घरों में दुबके दुआ कर रहे कि किसी तरह संक्रमण की चेन टूटे। दो-तीन दिनों में कोरोना संक्रमण के मामले घटते भी आ रहे लेकिन लगता है राहत के नाम पर आफत बांटने के ठेका लिए मंत्री ही निकल पड़े हैं मैदान में!
सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ धन सिंह रावत चमोली जिले के कोविड प्रभारी मंत्री हैं लिहाजा मंत्रीजी निकले हुए है हालात का जाएजा लेने। लेकिन धनदा मैदान में उतरे और कोविड प्रोटोकॉल तार-तार न हो ऐसा भला कैसे हो सकता है! पिछले साल कोरोना की लहर में मास्क अगर किसी मंत्री ने सबसे आखिर में पहना तो वे अपने धनदा ही थे। अब चमोली दौरा भी सोशल मीडिया में सुर्ख़ियाँ बंटोर रहा। पिछले तीन दिन से जिले में घूम रहे धन सिंह रावत जहां भी जा रहे बीजेपी कार्यकर्ताओं का एक हुजूम इकट्ठा करते चल रहे हैं।
मंत्री धन सिंह रावत का ये रवैया उस जिले में जहां गाँवों में तेजी से कोरोना का संक्रमण फैल रहा है। रविवार को ही चमोली की ग्राम पंचायत सूकी में 26 ग्रामीण कोरोना पॉजीटिव मिले हैं। स्वास्थ्य विभाग की टीमें गाँवों में पहुंच रही हाे तो ऐसे कोरोना पॉजीटिव मिल रहे लेकिन मंत्री मेहरबान तो कोरोना के प्रोटोकॉल का किसे ध्यान!
अब भला मंत्रीजी को पाकर धन्य पार्टी कार्यकर्ताओं से सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क है जरूरी नारे की धज्जियाँ उड़ती हैं तो उड़ती रहें।
अब विपक्ष के कई नेता उत्तराखंड के आपदा प्रबंधन मंत्री के कोरोना महामारी के प्रोटोकॉल को लेकर रवैये पर सवाल खड़े कर रहे हैं।
अब भले बदरीनाथ धाम जाने की अनुमति कोविड के चलते किसी को भी न हो लेकिन सवाल उठ रहे हैं कि धन सिंह रावत कैसे घूमने चले गए धाम तक! हालाँकि गोपेश्वर में मीडिया को मंत्री ने बताया कि वे मंदिर के अंदर नहीं गए दूर ही रहे
रिपोर्ट: नितिन सेमवाल, स्थानीय पत्रकार, जोशीमठ