दिल्ली: वैक्सीन क़िल्लत के चलते आलोचना झेल रही मोदी सरकार लगातार इस साल के अंत तक 18 साल से ऊपर के सभी व्यस्कों का टीकाकरण करने का दावा कर रही है। अब उसने अब सुप्रीम कोर्ट में ये दावा दोहराया है। दरअसल सोमवार को कोरोना से संबंधित योचिकाओं की सुनवाई के दौरान मोदी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने दावा किया कि इस साल के अंत तक वैक्सीनेशन टू ऑल का लक्ष्य हासिल कर लिया जाएगा। सरकार ने सुप्रीम अदालत में कहा है कि जनवरी में टीकाकरण अभियान शुरू करने के बाद से अब तक पांच फीसदी आबादी को कोरोना की डबल डोज लग चुकी है।
दरअसल, धीमे टीकाकरण के चलते मोदी सरकार पर विपक्षी लगातार हमलावर हो रहे हैं। कई जानकारों का कहन है कि यही रफतार रही तो दिसंबर आखिर तक 30-40 फीसदी आबादी का ही टीकाकरण हो पाएगा। इसी के जवाब में सरकार ने कल ऐलान किया था कि जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में ज्यादा तादाद में टीकाकरण किया जाएगा और सीरम इंस्टीट्यूट ने दवा उत्पादन बढ़ाकर कर सरकार को ज्यादा डोज देने का वादा भी किया है।
सुप्रीम कोर्ट ने डिजिटल डिवाइड की तरफ सरकार को ध्यान देने को कहा है। शीर्ष अदालत ने कोविन एप पर मेंडेटरी रजिस्ट्रेशन को लेकर ग्रामीण आबादी को होने वाली परेशानी को लेकर सवाल पूछा है। सुप्रीम कोर्ट ने केन्द्र सरकार से पूछा है कि राज्यों की तरफ से वैक्सीन खरीद के लिए ग्लोबल टेंडर फ्लॉट किए जा रहे क्या ये सरकार की पॉलिसी का पार्ट है? सॉलिसिटर जनरल ने अदालत को बताया कि साल के अंत तक पात्र आबादी को टीके लगाया जाएगा और केन्द्र-फ़ाइजर कंपनी की वार्ता सफल रही तो टीकाकरण और पहले किया जा सकता है।