दिल्ली: मोदी सरकार मानसून सत्र में एक अहम बिल लेकर आ सकती है जो पॉवर सेक्टर में कंज्यूमर्स के लिहाज से बड़े बदलाव लाएगा। पीटीआई के अनुसार इलेक्ट्रिसिटी (अमेंडमेंट) बिल, 2021 को मोदी कैबिनेट में मंजूरी के लिए लाया जा सकता है। इसमें प्रवाधान है कि कंज्यूमर बिजली कनेक्शन उसी तर्ज पर बदल सकेंगे जिस प्रकार से मोबाइल कनेक्शन को एक टेलकॉम कंपनी से दूसरी कंपनी में पोर्ट कर लिया जाता है।
इससे होगा ये कि पॉवर कंपनियों में प्रतिस्पर्धा का माहौल बनेगा जिससे बिजली कंज्यूमर्स को पहले से बेहतर सर्विस और दूसरी और कई फ़ैसिलिटी मिल पाएंगी। सरकार के सूत्रों ने खुलासा किया है कि बिजली (संशोधन) विधेयक, 2021 को अगले कुछ दिन में केंद्रीय मंत्रिमंडल के सामने विचार और मंजूरी के लिए रखा जा सकता है। मोदी सरकार का इरादा इस विधेयक को संसद के इसी मॉनसून सत्र में लाने का है।
ज्ञात हो कि 19 जुलाई से शुरू हुआ मानूसन सत्र 13 अगस्त को संपन्न होगा। लोकसभा के 12 जुलाई, 2021 को जारी बुलेटिन के अनुसार, सरकार ने मौजूदा संसद सत्र में जिन नए 17 विधेयकों को पेश करने के लिए सूचीबद्ध किया है उनमें बिजली (संशोधन) विधेयक भी शामिल है।
साफ है अगर बिजली (संशोधन) बिल 2021 पर संसद की मुहर लगती है तो कंज्यूमर्स के लिए इस अभिनव पहल से न केवल एक ही बिजली कंपनी पर निर्भरता घटेगी बल्कि क़ीमतों के लेकर प्रतिस्पर्धा हुई तो बिल कम होने जैसी राहत भी मिल सकती है। लेकिन टेलिकॉम सेक्टर की तर्ज पर पॉवर सेक्टर में पोर्टेबिलिटी फ़ैसिलिटी जमीनी स्तर पर उतारना काफी चुनौतीपूर्ण भी रहने वाला है।
कहा गया है कि बिजली कानून में प्रस्तावित संशोधनों से वितरण कारोबार से लाइसेंसिंग समाप्त होगी और इसमें प्रतिस्पर्धा आएगी। साथ ही इसके तहत प्रत्येक आयोग में कानूनी पृष्ठभूमि के सदस्य की नियुक्ति जरूरी होगी। इसके अलावा इसमें बिजली अपीलीय न्यायाधिकरण (एप्टेल) को मजबूत करने और नवीकरणीय खरीद प्रतिबद्धता (आरपीओ) को पूरा नहीं करने पर जुर्माने का प्रावधान भी होगा।