देहरादून: सोमवार यानी 23 अगस्त से उत्तराखंड विधानसभा के मानसून सत्र का आगाज हो रहा है। यह सत्र कई मायनों में खास होने वाला है। इस बार न सिर्फ नेता सदन नए होंगे बल्कि नेता विपक्ष भी नए होंगे। चौथी विधानसभा के इस सत्र में जहां, सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में ट्रेजरी बेंचेज का रंग बदला-बदला नजर आएगा, वहीं ऑपोज़िशन रैंक्स में भी नए नेता विपक्ष के नाते प्रीतम सिंह पराक्रम दिखाते नजर आएंगे। विपक्षी दल कांग्रेस ने हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कोरोना जांच के नाम पर हुए फर्जीवाड़े से हुई प्रदेश की बदनामी और राजस्व नुकसान पर धामी सरकार पर ज़ोरदार हमले की तैयारी कर ली है। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर धामी सरकार पर लीपापोती करने
का आरोप लगा रहा है। हरिद्वार महाकुंभ के दौरान कराई गई कोरोना जांच में बड़े स्तर पर फर्जीवाड़ा किया गया। एक व्यक्ति की शिकायत और आईसीएमआर के राज्य सरकार को निर्देश मिलना पर जांच शुरू हुई थी। प्रारंभिक स्तर पर जांच में गड़बड़ी की पुष्टि होने के बाद सरकार ने हरिद्वार के डीएम को इसकी जांच के निर्देश दिए थे। जिस पर सीडीओ की अध्यक्षता में एक जांच समिति बनाई गई जिसकी रिपोर्ट कुछ दिन पूर्व ही सरकार को मिल गई है। डीएम की ओर से भेजी गई रिपोर्ट का तो अभी शासन स्तर पर अध्ययन चल रहा है लेकिन सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा सत्र में इस मुद्दे पर विपक्ष तीखा हमला बोलने की तैयारी में है। ज्ञात हो कि कुंभ में कोविड जाँच के फर्जीवाड़े का भांडा फूटने के बाद तत्कालीन सीएम तीरथ सिंह रावत और पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत भी आमने-सामने आ गए थे।
अब विपक्ष की तैयारी के बीच मुख्य सचिव डॉ एसएस संधु ने भी राज्य के अधिकारियों को सत्र में उठने वाले प्रमुख बिंदुओं में इसे पहले स्थान पर शामिल कराया है। यानी शासन को भी अंदेशा है कि फेक कोविड टेस्टिंग कांड में सरकार की गर्दन फँसेगी लिहाजा होमवर्क कर लिया जाए। दरअसल महाकुंभ में हुए कोरोना जांच फर्जीवाड़े की जांच रिपोर्ट में स्वास्थ्य विभाग के अफसरों की भूमिका पर सवाल उठाए गए हैं।
इसके अलावा विपक्ष के तरकश में महंगाई, बेरोज़गारी से लेकर देवस्थानम बोर्ड, उपनल कर्मचारी, पुलिस ग्रेड पे, भ्रष्टाचार और राजनीतिक अस्थिरता जैसे तीर रहेंगे।
विधानसभा सत्र के मद्देनजर विधानसभा भवन के तीन सौ मीटर दायरे में सत्र शुरू होने के दिन से समाप्ति तक धारा 144 लागू कर दी गई है। डीएम डॉ. आर राजेश कुमार ने बताया कि विधानसभा सत्र के मद्देनजर धरना-प्रदर्शन, अनशन आदि से शांति व्यवस्था प्रभावित होने की संभावना के चलते परिसर के चारों ओर 300 मीटर की परिधि में 23 अगस्त से विधानसभा सत्र की समाप्ति तक धारा 144 प्रभावी रहेगी। आदेश का उल्लंघन करने पर कानूनी कार्रवाई होगी।