Governor Koshyari apologies: बीते शुक्रवार को मुंबई के अंधेरी में एक कार्यक्रम में राजस्थानियों और गुजरातियों की तारीफ में कसीदे पढ़ते पढ़ते इनको हटा लिया तो मुंबई के पास न आर्थिक राजधानी का रुतबा रहेगा और न ही महाराष्ट्र के पास कोई पैसा बचेगा, बोलकर चौतरफा घिरे राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने माफी मांग ली है। अपने विवादित बयान के बाद से अलग थलग पड़े भगतदा को शिवसेना के दोनों धड़ों से लेकर एनसीपी, कांग्रेस और राज ठाकरे की पार्टी का हमला भी झेलना पड़ा। यहां तक कि सीएम एकनाथ शिंदे ने भी मर्यादित आचरण की नसीहत दी तो मराठी मानुष को नाराज करने का जोखिम मोल n लेते हुए भाजपा और डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी उनके किनारा कर लिया।
इसके बाद सोमवार को ट्विटर पर एक पत्र ट्वीट कर भगतदा ने पूरे मामले में माफी मांग ली है। हालांकि इससे पहले वे अपने बयान पर सफाई पेश कर चुके थे लेकिन उसका असर होता नहीं दिखा तो अब उन्होंने माफी मांगकर पूरे विवाद का पटाक्षेप करने की कोशिश की है।
भगत दा ने लिखा है,”बीते विगत 29 जुलाई को एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान मुंबई के विकास में कुछ समुदायों के योगदान की प्रशंसा करने में संभवतया मेरी ओर से कुछ चूक हो गयी थी। उन्होंने आगे लिखा कि महाराष्ट्र ही नहीं, समस्त भारत वर्ष के विकास में सभी का योगदान रहता है। विशेषकर संबंधित प्रदेश की उदारता और सबको साथ लेकर चलने की उज्ज्वल परम्परा से ही आज देश प्रगति की ओर बढ़ रहा है। विगत लगभग तीन वर्षों में महाराष्ट्र की जनता का मुझे अपार प्रेम मिला है। मैने महाराष्ट्र और मराठी भाषा के सम्मान बढाने का पूरा प्रयास किया है। किन्तु उस भाषण में मुझसे अनायास कुछ भूल हो गयी हो तो इस भूल को महाराष्ट्र जैसे महान प्रदेश की अवमानना के रूप में लेने की तो कल्पना भी नहीं की जा सकती। महाराष्ट्र के महान संतों की परम्परा में अपने इस विनम्र राज्य सेवक को क्षमा कर अपनी विशाल हृदयता का परिचय देंगे।”
अकसर अपने बयानों से विवादों को न्योता देते रहे महाराष्ट्र गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी ने आखिर कहा क्या था।
इससे पहले भी राज्यपाल कोश्यारी सावित्री बाई फुले और उनके पति ज्योतिबा फुले की काम उम्र में शादी होने को लेकर आपत्तिजनक बयान देकर विवाद खड़ा कर चुके हैं।
सुनिए क्या बोल गए थे गवर्नर कोश्यारी