- जितेन्द्र प्रसाद ने लड़ा था सोनिया गांधी के खिलाफ चुनाव, राहुल-प्रियंका के खिलाफ बेटे जितिन की बगावत
दिल्ली: कांग्रेसी कुनबा तोड़ो अभियान के तहत अब बीजेपी ने यूपी में राहुल-प्रियंका को तगड़ा झटका दे दिया है। कभी राहुल गांधी के करीबी और ब्राह्मण चेहरे के तौर पर देखे जाने वाले जितिन प्रसाद अब पाला बदलकर बीजेपी में शामिल हो गए हैं। जाहिर है ये राहुल गांधी के साथ साथ यूपी देख रही प्रियंका गांधी वाड्रा के लिए भी सियासी झटका है। 2009 के लोकसभा चुनाव के बाद कांग्रेस में जो युवा चेहरों की मजबूत टीम बनी थी वह धीरे धीरे बिखरती जा रही है। सबसे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया का विकेट गिरा फिर गहलोत-पायलट विवाद गहराया लेकिन कांग्रेस नेतृत्व ने हालात सम्भाल लिए और सरकार और सचिन दोनों बच गए। लेकिन दस महीने पहले किए वादे याद दिलाकर सचिन पायलट फ़िर तीखे तेवर अपनाते दिख रहे हैं। लेकिन उससे पहले कांग्रेस को बीजेपी ने यूपी में झटका दे दिया है।
यूपी में कांग्रेस की टूट बीजेपी के लिए इसलिए मायने रखती है क्योंकि 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं और मोदी वर्सेस योगी की सियासी अदावत से परेशान पार्टी को ब्राह्मण चेहरे के तौर पर जितिन प्रसाद मिलने से उसको राहत जरूर मिलेगी। दरअसल बीजेपी यूपी की बाइस बैटल जितने को राम मंदिर के साथ साथ जातीय गोलबंदी का दांव भी खेलना चाह रही है। सीएम योगी आदित्यनाथ के चलते बीजेपी पर ब्राह्मण विरोधी होने के आरोपों के बीच जितिन प्रसाद को अपने पाले में खींचकर पार्टी नाराज तबके को लुभाने की राजनीति आगे बढ़ाने में जुट गई है। 2009 की यूपीए सरकार में केन्द्रीय राज्यमंत्री रहे जितिन प्रसाद धौरहरा से दोबारा जीत भी नहीं पाए और 2017 में विधानसभा चुनाव मे भी हार गए थे लेकिन बीजेपी में जाने से न केवल उनको फायदा होगा बीजेपी को भी रणनीतिक बढ़त मिलनी तय है।
सवाल है कि जितिन प्रसाद के बाद ‘हू इज नेक्स्ट’? जी 23 के नेता तो तीखे तेवर अपनाए हुए हैं ही पंजाब में नवजोत सिद्धू से लेकर राजस्थान में पायलट कैंप की नाराजगी भारी न पड़ जाए!