Dehradun News: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC PAPER LEAK SCAM) की भर्ती परीक्षा के नकल माफिया के मास्टर माइंड मूसा और हाकम सिंह रावत सहित 41 अभियुक्तों को सलाखों के पीछे भेजने के बाद अब मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड उप निरीक्षक भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कराने वाले नकल माफिया को उसकी असल जगह भेजने का अभियान छेड़ दिया है। धामी सरकार ने अब कांग्रेस की हरदा सरकार के समय 2015-16 में हुई इस भर्ती परीक्षा में हुई धांधली को लेकर मुकदमा दर्ज करने के आदेश दे दिए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की सख्त तेवरों के बाद अब विजिलेंस जांच की पटकथा तैयार हो चुकी है। शुक्रवार को उत्तराखंड शासन के अपर सचिव ललित मोहन रयाल ने विजिलेंस विभाग की पत्र लिखकर कहा कि उत्तराखंड पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती परीक्षा (Uttarakhand Police Sub Inspector Recruitment Exam 2015) के प्रश्न पत्र को परीक्षा से पहले ही लीक कर/ OMR शीट से छेड़छाड़ कर लाभ पहुंचाए जाने संबंधी प्रकरण के दोषियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर जांच की जाए।
दरअसल 2015-16 में कांग्रेस शासनकाल में उत्तराखंड पुलिस के उपनिरीक्षक के 339 पदों पर पंतनगर कृषि एवं तकनीकी विश्वविद्यालय द्वारा भर्ती परीक्षा कराई गई थी जिसमें बड़े स्तर पर धांधली हुई थी लेकिन तब हरदा सरकार ने ऐसे तमाम आरोपों को नजरंदाज कर दिया गया था।
ज्ञात हो कि दारोगा भर्ती परीक्षा अप्रैल 2015 में हुई थी और जून 2015 में रिजल्ट जारी किया गया था जिसमें नकल माफिया द्वारा पेपर लीक और ओएमआर शीट से छेड़छाड़ करने के आरोप लगे थे।
सीएम धामी ने UKSSSC पेपर लीक कांड के खुलासे के बाद तमाम दागी परीक्षाओं की जांच का अभियान छेड़ने का आह्वान किया था और उसी दिशा में सीएम ने अगस्त में ही सात साल पुरानी दारोगा भर्ती के भ्रष्टाचारियों की जन्म कुंडली खंगालने के आदेश दे डाले थे।
UKSSSC के नकल माफिया सरगना पर गैंगस्टर एक्ट और PMLA के तहत एक्शन के निर्देश भी सीएम द्वारा दिए गए थे जिसके बाद मूसा और हाकम जैसे नकल सरगना लपेटे में हैं। अब उम्मीद की जानी चाहिए कि दारोगा भर्ती का नकल माफिया और पेपर लीक/ओएमआर शीट से छेड़छाड़ कर जो दारोगा बनकर घूम रहे वे भी पैदल होंगे।