
- धामी सरकार के सख्त नकल विरोधी कानून के दावे और फूल प्रूफ इंतजाम के बावजूद हजारों अभ्यर्थियों ने नहीं दी पटवारी भर्ती परीक्षा
Patwari Recruitment Exam: रविवार को पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा शांतिपूर्वक सम्पन्न होने के बाद सीएम सिंह धामी,पुलिस और UKPSC ने राहत की सांस ली है। लेकिन अब यह उत्तराखंड बेरोजगार संघ के विरोध का असर रहा या फिर सीएम धामी के सख्त नकल विरोधी कानून के हल्ले के बावजूद बेरोजगार युवाओं का टूटा भरोसा न लौट पाने का संकेत है, 12 फरवरी को हुई पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा में 8 जनवरी के मुकाबले कई हजार अभ्यर्थी कम पहुंचे।
रविवार को प्रदेश के 498 परीक्षा केंद्रों पर हुई पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा में कुल 1 लाख 58 हजार 210 अभ्यर्थियों के पंजीकरण के मुकाबले केवल 1लाख 3 हजार 730 अभ्यर्थी ही परीक्षा में उपस्थित हुए। इस तरह 54,480 अभ्यर्थी परीक्षा देने नहीं पहुंचे और 65.5 फीसदी ने ही एग्जाम दिया। लेकिन सरकार ने परीक्षा संपन्न होने पर राहत की सांस ली है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शांतिपूर्ण परीक्षा संपन्न होने पर उत्तराखंड लोक सेवा आयोग और शासन प्रशासन को इस कामयाबी के लिए बधाई दी है।
हालांकि पटवारी के 391और लेखपाल के 172 पदों को लेकर हुई आज की परीक्षा में पिछले माह आठ तारीख को हुई परीक्षा के मुकाबले कई हजार अभ्यर्थी कम पहुंचने की वजह बेरोजगार युवाओं का आंदोलन रहा या बार बार पेपर लीक होने से अभ्यर्थियों में परीक्षा को लेकर उत्साह के कमी होना समझा जाए? या फिर सख्त नकल विरोधी कानून के बावजूद बेरोजगारों को भर्ती सिस्टम पर भरोसा करने में कठिनाई पेश आ रही है?
8 जनवरी की हुई पटवारी लेखपाल भर्ती परीक्षा में कुल पंजीकृत 1 लाख 58 हजार 210 अभ्यर्थियों में से 1 लाख 14 हजार 71 अभ्यर्थी ही शामिल हुए थे। इसके मुकाबले इस बार 10 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी एग्जाम देने नहीं आए।
जाहिर है उत्तराखंड रोडवेज बसों में फ्री यात्रा होने से लेकर नकल रहित पारदर्शी परीक्षा और सख्त कानून का हवाला देने के बावजूद पिछले माह के मुकाबले हजारों बच्चों का नहीं पहुंचना चिंता तो पैदा करता ही है कि आखिर क्या वजह रही कि अभ्यर्थी कम संख्या में पहुंचे।