दिल्ली/देहरादून: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को पूर्वोत्तर राज्यों के 8 मुख्यमंत्रियों के साथ वर्चुअल बैठक की। पीएम ने असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर, मिज़ोरम, मेघालय, सिक्किम, नागालैंड और त्रिपुरा के मुख्यमंत्रियों से कोरोना का हालात पर संवाद स्थापित किया। लेकिन इस वर्चुअल संवाद में प्रधानमंत्री मोदी ने तीसरी लहर को लेकर जो चिन्ता जाहिर की है वो चिन्ता उत्तराखंड सहित तमाम हिमालयी राज्यों और टूरिज्म के डेस्टिनेशन स्टेट्स के लिए बड़ा मैसेज है। प्रधानमंत्री मोदी के मैसेज पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सबसे पहले गंभीरता से सोचने-विचारने की दरकार है। आखिर मसूरी, नैनीताल जैसे हिल स्टेशनों से लेकर हरिद्वार में हरकी पैड़ी पर जुट रही भीड़ तीसरी लहर को लेकर गंभीर चिन्ता का सबब है।
जाहिर है प्रधानमंत्री मोदी ने भी भीड़ के बेक़ाबू हालात देखकर ही कहा है कि हिल स्टेशनों और बाज़ारों में न मास्क लगाया जा रहा और न ही कोविड प्रोटोकॉल का पालन किया जा रहा, जो तीसरी लहर के आसन्न खतरे के मद्देनज़र बेहद चिन्ताजनक है।
प्रधानमंत्री ने कहा है,’कुछ लोग सीना तानकर बोलते हैं कि तीसरी लहर आने से पहले एन्जॉय करना चाहते हैं। जबकि लोगों को समझना होगा कि तीसरी लहर अपने आप नहीं आएगी। सवाल उसे रोकने, कोविड प्रोटोकॉल पालन कैसे करना है? कोरोना अपने आप नहीं आता, कोई जाकर ले आए तो आता है। हम सावधानी बरतेगे तो इसे रोक सकेंगे।’
पीएम 16 जुलाई को तमिलनाडु, आँध्रप्रदेश, कर्नाटक, ओडीशा, केरल और महाराष्ट्र आदि राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना के हालात पर वर्चुअल संवाद करेंगे।
जाहिर है प्रधानमंत्री मोदी के मैसेज पर हिमाचल और उत्तराखंड जैसे टूरिज्म राज्यों को ख़ासा ध्यान देने की दरकार है क्योंकि जैसे जैसे हालात अनलॉक के होते जा रहे, बड़ी तादाद मे लोग घूमने हिल स्टेशनों की तरफ निकल रहे। बहुत संभव है कि मनाली, नैनीताल और मसूरी की पिछले दिनों की तस्वीरों ने प्रधानमंत्री को चिन्तिंत किया होगा। लेकिन उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इन सबसे ऊपर अभी भी कांवड़ यात्रा पर स्थिति स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं।