लखनऊ/ दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते शुक्रवार को तीन कृषि क़ानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। भाजपा ने इसे प्रधानमंत्री का मास्टरस्ट्रोक करार दिया लेकिन विपक्ष ने किसान आंदोलन की जीत और यूपी व अन्य राज्यों में सत्ताधारी दल भाजपा की हार का डर करार दिया।
अब 24 घंटे बाद शनिवार को कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने लखीमपुर खीरी में किसानों को गाड़ी से रौंदने की हिंसक घटना याद दिलाते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर लेटर बम फोड़ दिया है। प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित करते हुए लिए अपने पत्र में प्रियंका ने लखीमपुर खीरी हिंसा का मुद्दा नए सिरे से उठा दिया। प्रियंका गांधी ने लखनऊ आगमन पर प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत करते हुए बड़ा हमला बोलते कहा है कि अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नीयत वाकई पाक साफ है तो आज अपने केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी के साथ मंच पर विराजमान मत होइये बल्कि उनको बर्खास्त कीजिये।
कांग्रेस महासचिव ने कहा कि सरकार लखीमपुर खीरी हिंसा के आरोपियों को बचा रही है। लखनऊ में मीडिया से रूबरू होते प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी को संबोधित पत्र पढ़कर सुनाया। कांग्रेस नेता ने कहा ‘कल आपने तीन काले कृषि कानूनों को किसानों पर थोपने के अत्याचार को स्वीकारते हुए उन्हें वापस लेने की घोषणा की। लखीमपुर खीरी में किसानों के साथ हुई क्रूरता को देश ने देखा। किसानों को अपनी गाड़ी से कुचलने का मुख्य आरोपी केंद्रीय गृह राज्य मंत्री का बेटा है। इस मामले में यूपी सरकार ने शुरूआत से ही न्याय की आवाज को दबाने की कोशिश की।’
प्रियंका गांधी वाड्रा ने पत्र में आगे लिखा, ‘मैं लखीमपुर खीरी कांड के पीड़ित परिवारों से मिली हूं। वे असहनीय पीड़ा में हैं। सभी परिवारों का कहना है कि वे सिर्फ न्याय चाहते हैं और केंद्रीय गृह राज्य मंत्री के पद पर बने रहते न्याय की कोई आस नहीं है। लखीमपुर किसान नरसंहार मामले की जांच की हालिया स्थित उन परिवारों की आशंका को सही साबित करती है। देश की कानून व्यवस्था के जिम्मेदार गृह मंत्री श्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी आपके उसी मंत्री के साथ मंच साझा कर रहे हैं।’
प्रियंका गांधी वाड्रा ने आगे लिखा, ‘आप देश के प्रधान मंत्री हैं और किसानों के प्रति अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह से समझते होंगे। हर देशवासी के लिए न्याय सुनिश्चित करना प्रधानमंत्री का कर्तव्य ही नहीं, उनका नैतिक दायित्व होता है। कल देशवासियों को सम्बोधित करते हुए आपने कहा कि सच्चे मन और पवित्र हृदय से किसानों के हित को देखते हुए कृषि कानूनों को वापस लेने का अभूतपूर्व निर्णय लिया गया है। आपने यह भी कहा कि देश के किसानों के प्रति आप नेकनीयत रखते हैं।
यदि यह सत्य है तो लखीमपुर किसान नरसंहार मामले में पीड़ितों को न्याय दिलवाना भी आपके लिए सर्वोपरि होना चाहिए।’
प्रियंका ने सवाल उठाते कहा, ‘लेकिन, केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी अभी भी आपके मंत्रिमंडल में अपने पद पर बने हुए हैं। यदि आप लखनऊ में डीजीपी कॉन्फ्रेंस में आरोपी के पिता के साथ मंच साझा करते हैं तो पीड़ित परिवारों को स्पष्ट संदेश जाएगा कि आप अभी भी कातिलों का संरक्षण करने वालों के साथ खड़े हैं। यह किसान सत्याग्रह में शहीद किसानों का घोर अपमान होगा।’
‘अगर देश के किसानों के प्रति आपकी नियत सचमुच साफ है तो आज अपने केंद्रीय गृह राज्यमंत्री के साथ मंच पर विराजमान मत होईए, उनको बर्खास्त कीजिए।’
देश भर के किसानों पर हुए मुक़दमों को वापस लीजिए और सभी शहीद किसानों के परिवारों को आर्थिक अनुदान दीजिए।’
ज्ञात हो कि यूपी के लखीमपुर खीरी में 3 अक्तूबर को किसानों पर गाड़ी चढ़ाने की हिंसक घटना हुई थी जिसका आरोप केन्द्रीय गृहराज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा पर लगे हैं।
जबकि राहुल गांधी ने किसानों को पत्र लिखकर मोदी सरकार के तीन कृषि क़ानूनों को वापस लेने को मजबूर होने पर बधाई दी है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने तीनों कृषि कानून वापस लेने के मोदी सरकार के ऐलान के बाद किसानों को पत्र लिखा।
राहुल गांधी ने कहा, ‘मेरे प्यारे अन्नदाताओं, आपके तप, संघर्ष और बलिदान के दम पर मिली ऐतिहासिक जीत की बहुत-बहुत बधाई। मैं आपके इस संघर्ष में 700 से अधिक किसान-मजदूर भाई-बहनों द्वारा दी गई कुर्बानी के लिए नतमस्तक हूं।’
कृषि क़ानूनों की वापसी की पीएम की घोषणा के बाद शनिवार को कांग्रेस विजय दिवस मना रही है। देशभर में कांग्रेस नेता-कार्यकर्ता सभाएँ-रैलियाँ कर मोदी सरकार को निशाने पर ले रहे हैं।