Pure Politics: जैसा कि विदित है अगले महीने की 20 तारीख को उत्तराखंड की केदारनाथ विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव के लिए वोटिंग होगी और नामांकन की आखिरी दिन 29 अक्तूबर है। लिहाजा प्रदेश की सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने अपने अपने पत्ते खोल दिए हैं। बीजेपी ने प्रदेश महिला की अध्यक्ष आशा नौटियाल को टिकट दे दिया है और टिकट बांटने में बीजेपी से बढ़त बनाती कांग्रेस ने कई घंटे पहले ही मनोज रावत को चुनावी दंगल में उतार दिया था।
सवाल है कि अब दोनों दलों के बाकी दावेदार क्या करेंगे? खासकर बीजेपी की तरफ से टिकट मांग रही दिवंगत विधायक शैला रानी रावत की पुत्री ऐश्वर्या रावत और 2022 में कांग्रेस के कैंडीडेट मनोज रावत को तीसरे नंबर पर धकेल रनरअप रहे कुलदीप रावत क्या कदम उठाएंगे? उधर डॉ हरक सिंह रावत से लेकर कुंवर सजवान जैसे कांग्रेस टिकट के दावेदार क्या रुख अख्तियार करेंगे देखना दिलचस्प होगा।
वैसे सवा तो यह भी है कि जब बीजेपी और कांग्रेस के पास दावेदारों की संख्या अच्छी खासी थी तब मानों रावत और आशा नौटियाल को ही टिकट क्यों दिया गया? लगता है इसकी बड़ी वजह केदारनाथ उपचुनाव का ‘करो या मरो’ स्वरूप लिए होना है! यह उपचुनाव सरकार गिराने या बनाने के लिहाज से तो कोई असर नहीं छोड़ेगा लेकिन सत्ताधारी पार्टी बीजेपी और विपक्षी कांग्रेस की अंदरूनी राजनीति पर खासा प्रभाव छोड़ेगा। मसलन, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी इस चुनाव को गंवाने की कीमत बखूबी जानते होंगे तो गणेश गोदियाल से लेकर करण माहरा के 2027 को लेकर राजनीतिक भविष्य तानाबाना यह उपचुनाव बुन या बिगाड़ सकता है। शायद यही वजह रही कि दोनों ही दलों ने खूब मंथन और माथापच्ची के बाद यही समझा कि एक्सपेरिमेंट करने की बजाय जो सबसे सूटेबल दावेदार दिख रहे उनको मौका दिया जाए। माने, पूर्व विधायक के नाते मनोज रावत को कांग्रेस ने हरक सिंह रावत या कुंवर सजवान जैसे चेहरे पर एक्सपेरिमेंट करने की बजाय मौका देना उचित समझा तो बीजेपी ने भी बदरीनाथ और मंगलौर में आयातित नेताओं को आगे कर हश्र देख लिया था। लिहाजा पार्टी ने काडर के भीतर ही भरोसा जताया और केदारनाथ से दो बार की विधायक रहीं महिला मोर्चा अध्यक्ष आशा नौटियाल को टिकट दिया।
अब नतीजे जो रहें लेकिन कैंडिडेट सिलेक्शन में ज्यादा प्रयोगधर्मी न बनते हुए बीजेपी और कांग्रेस ने जीत की बाजी बिछाई है। लेकिन जैसा शुरू में जिक्र हुआ कि ऐश्वर्या रावत और कुलदीप रावत क्या लाइन पकड़ते हैं उसी से हार जीत के रुझान आने शुरू हो जाएंगे।
बीजेपी को आशा से आस
बीजेपी ने रविवार को केदारनाथ उपचुनाव के लिए पूर्व विधायक आशा नौटियाल को प्रत्याशी घोषित कर दिया है। आशा बीजेपी से पहले भी विधायक रह चुकी हैं। वर्तमान में आशा नौटियाल प्रदेश भाजपा महिला मोर्चे की अध्यक्ष हैं।
आशा नौटियाल 2002 और 2007 में यहां से विधायक रहीं हैं और 2017 में बगावत कर मनोज रावत की जीत के पीछे की कड़ी साबित हुई थीं। पार्टी ने 2022 में आशा को शैला रानी रावत का विरोध न करने का इनाम दिया है।जबकि दिवंगत विधायक की पुत्री ऐश्वर्या रावत के हाथ खाली रह गए हैं। वैसे जयदीप सिंह बर्तवाल ने खुद को शैला रानी रावत का धर्मपुत्र बताते हुए टिकट की दावेदारी कर ऐश्वर्या का रास्ता कठिन कर दिया था और अब बाजी आशा नौटियाल के हाथ लग गई है। आशा नौटियाल सोमवार को अपना नामांकन दाखिल करेंगी जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से लेकर प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट, प्रभारी दुष्यंत कुमार गौतम सहित कई दिग्गज नेताओं का जमावड़ा दिखेगा।
कांग्रेस ने मनोज रावत पर लगाया दांव
केदारनाथ उपचुनाव में कांग्रेस ने पूर्व विधायक मनोज रावत को उम्मीदवार घोषित किया है।
सोमवार को जिला मुख्यालय रुद्रप्रयाग में मनोज रावत नामांकन करेंगे जिसमें पार्टी के सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहेंगे। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव केसी वेणुगोपाल ने प्रत्याशी की घोषणा की। मनोज रावत ने पहली बार 2017 में केदारनाथ विधानसभा सीट से कांग्रेस टिकट पर चुनाव लड़ा और जीत हासिल की। इसके बाद दूसरी बार 2022 विस का चुनाव हार गए। मनोज 12557 मत लेकर तीसरे स्थान पर रहे थे।
कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल मनोज रावत की पैरवी कर रहे थे जिसमें नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य से लेकर पूर्व सीएम हरीश रावत और पूर्व नेता प्रतिपक्ष प्रीतम सिंह समेत अन्य नेताओं का समर्थन भी मनोज रावत के लिए टिकट की बाजी जीतने में मददगार साबित हुआ।
प्रदेश उपाध्यक्ष संगठन एवं प्रशासन मथुरादत्त जोशी ने कांग्रेस प्रत्याशी मनोज रावत 28 अक्तूबर नामांकन करेंगे। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य, राष्ट्रीय सचिव एवं प्रदेश सहप्रभारी सुरेंद्र शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह, गणेश गोदियाल, डॉ. हरक सिंह रावत समेत पार्टी के विधायक, पूर्व विधायक व अन्य पदाधिकारी मौजूद रहेंगे।