
Dhami Cabinet: बुधवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में सचिवालय में राज्य कैबिनेट की बैठक हुई जिसमें सहकारिता से लेकर बदरीनाथ मास्टर प्लान तक कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। कैबिनेट बैठक में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, सुबोध उनियाल, सौरभ बहुगुणा, धन सिंह रावत मौजूद रहे। कैबिनेट बैठक में तीन महत्वपूर्ण प्रस्तावों पर लगी।
पर्यटन विभाग की ओर से बदरीनाथ धाम के मास्टर प्लान को लेकर फैसला लिया गया। बदरीनाथ आईएसबीटी में सभी दीवारों पर धार्मिक और सांस्कृतिक चित्रण (म्यूरल वर्क) कराई जाएगी। सहकारिता विभाग में लेवल-2 के पद को सृजित करने का फैसला लिया गया है। अब राज्य और जिला और ब्लॉक स्तर पर सहकारी समितियों का व्यवस्थित ऑडिट किया जा सकेगा। इसके साथ ही पशुपालन विभाग में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए चलाई जा रही 90% सब्सिडी वाली योजना को अब डेयरी विभाग की गंगा राज योजना के साथ मर्ज करने का कैबिनेट में फैसला लिया गया है। मर्ज की गई इस योजना में सब्सिडी की नई व्यवस्था पर अगले कैबिनेट बैठक में निर्णय लिया जाएगा। राज्य कैबिनेट बैठक में लिए गए फैसलों के बारे में सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने मीडिया को जानकारी दी।

धामी कैबिनेट द्वारा लिए गए महत्वपूर्ण निर्णय
1 – सहकारिता विभाग में उप निबंधक ऑडिट के 1 निसंवर्गीय पद को कैबिनेट ने दी मंजूरी।
सहकारिता विभाग में उप निबंधक ऑडिट लेवल 11 के पद को 5 साल के लिए सृजन किया गया है। जिसे कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दी है। यह एक निसंवर्गीय पद है।
2 – बदरीनाथ धाम स्थित आईएसबीटी वॉल्स पर में मास्टर प्लान के अंतर्गत में म्यूरल आर्ट वार्क किया जाएगा, जिसे कैबिनेट ने अपनी मंजूरी प्रदान की है।
3 – पशुपालन विभाग की योजना जिसमें अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों को पशुपालन के लिए 90 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जाती है, और डेयरी विकास की गंगा गाय योजना के विलय को कैबिनेट ने मंजूरी प्रदान की है। अब इस योजना का लाभ अनुसूचित जाति/जनजाति के लाभार्थियों के साथ सामान्य वर्ग के लोगों को भी दिया जाएगा।
पशुपालन विभाग के अंतर्गत पशुधन प्रसार अधिकारियों के चयन के बाद इन्हें 2 साल तक का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण की अवधि को 2 साल से घटाकर 1 वर्ष किए जाने के निर्णय को कैबिनेट ने दी अपनी मंजूरी।