फ्लावर नहीं फ़ायर हैं धामी! कड़े तेवर अपनाकर मुख्यमंत्री दे रहे सख्त संदेश, चम्पावत उपचुनाव के बाद और भी कड़क अंदाज में आएंगे नजर

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धामी सरकार 2.0 : ये एकशन सबूत कि मुख्यमंत्री धामी फ्लावर नहीं फायर हैं!

  • करप्शन पर कंट्रोल के लिए टोल फ्री नंबर 1064 लॉन्च
  • अब तक दो सीनियर IFS अफसर, एक IFS अटैच, एक आरटीओ सस्पेंड
  • सहकारिता विभाग में चार एआर और चार महाप्रबंधकों की छुट्टी
  • सहकारिता में एक GM, एक HR के विरुद्ध प्रतिकूल प्रविष्टि
  • ऋषिकेश और चंपावत के पूर्व अधिशासी अभियंताओं से वसूली
  • हेमकुंड रोपवे बनाने को लेकर कंपनी द्वारा फर्जी बैंक गारंटी देने की पुष्टि होने पर मुकदमा

देहरादून: धामी सरकार 2.0 के पूरे हो रहे अपने दो माह के कार्यकाल में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी करप्शन पर कड़क तेवर अपनाते नजर आए हैं। सीएम धामी ने सरकारी दफ़्तरों में कामकाज को ढर्रे पर लाने को लेकर सख्ती दिखाई ही है, गवर्नेंस में पारदर्शिता को तवज्जो देने की मुहिम भी छेड़ी है। दफ़्तरों में समय पर न पहुँचने वाले अफसरों पर एक्शन और शासन में बैठकर मठाधीशी करने वाले अफसरोें पर शिकंजा कसने की इच्छाशक्ति दिखाई है।

देहरादून आरटीओ दफ्तर में छापेमारी कर लेटलतीफ़ी और लापरवाही पर आरटीओ दिनेश चन्द्र पठोई को सस्पेंड कर मुख्यमंत्री ने एक बार फिर अफ़सरशाही को संदेश दिया है। लेकिन सीएम की सख्ती का यह कोई पहला मामला नहीं है। करप्शन पर क़ाबू के लिये टोल फ्री नंबर 1064 जनता को समर्पित करने से लेकर धाँधली के आरोप में दो सीनियर IFS को सस्पेंड कर ज़बरन रिटायरमेंट दिए जाने का प्रस्ताव भेज दिया गया है।

दोबारा शपथग्रहण के बाद सीएम धामी ने सियासत में अपने ‘बड़े भाई’ और पूर्व श्रम मंत्री डॉ हरक सिंह रावत को भी लपेटे में ले लिया है। आरोप है कि श्रम मंत्री रहते हरक सिंह रावत की रहनुमाई में कर्मकार बोर्ड में साइकिल खरीद में घपला हुआ था। अब विभाग इन आरोपों की जांच एसआईटी से कराने की सिफ़ारिश कर चुका है। दरअसल भाजपा के टीएसआर राज में ही कर्मकार बोर्ड में साइकिल खरीद घोटाला सामने आ गया था लेकिन तब हरक सिंह रावत मंत्री और चाहकर भी त्रिवेंद्र रावत सीएम रहते इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी नहीं कर पाये। अब धामी सरकार 2.0 में मुख्यमंत्री पुष्कर एक्शन में हैं और तय माना जा रहा है कि साइकिल खरीद घोटाले का सच सामने आकर रहेगा।

इतना ही नहीं पुष्कर सिंह धामी अब महज 31 मई की चम्पावत उपचुनाव की वोटिंग और 3 जून की काउंटिंग का इंतजार भर कर रहे। माना जा रहा है कि उपचुनाव के बाद सीएम धामी असल रंग में दिखेंगे और सियासी अखाड़े में उन्हें फ्लावर समझ रहे ‘अपनों-परायों’ को उनके फायर होने का अहसास अच्छे से हो जाएगा।

माना जा रहा है कि सीएम धामी सरकारी दफ़्तरों में कामकाज की संस्कृति की बहाली कराकर रहेंगे और ढाँचागत विकास वाले प्रोजेक्टोें के गति देते हुए संसाधन बढ़ाने वाले विभागों जैसे खनन, आबकारी, उद्योग और पर्यटन-वेलनेस आदि में लीकेज बंद कर रेवेन्यू जनरेशन पर फोकस करेंगे।


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