नौकरी दे रहे या युवाओं के साथ हो रहा मज़ाक़! पटवारी-लेखपाल भर्ती नियमावली और नर्सिंग स्टाफ भर्ती पर वायरल ऑडियो से खुली तीरथ सरकार की पोल, हरदा का हल्लाबोल

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देहरादून: डबल इंजन सरकार के चार सालों में नौकरियों के मोर्चे पर बुरा हाल रहा। अब चुनावी साल है लेकिन तीरथ सरकार भी त्रिवेंद्र राज से अलग नजर नहीं आ रही है। 2017में शपथ लेते ही टीएसआर-1 ने पटवारी भर्ती निकालने का वादा किया था चार साल सरकार चलाकर त्रिवेंद्र रावत चले गए लेकिन भर्ती निकली तीरथ राज में। अब पांच सौ से अधिक पदों पर लेखपाल और पटवारी भर्ती निकली लेकिन उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने नियम ऐसे रख दिए कि बेरोज़गार युवा हाईकोर्ट जाने की धमकी दे रहे हैं और विपक्ष ने सरकार पर हमला बोल दिया है।

आपके The News Adda पर जिस दिन भर्ती निकली थी उसी दिन हाईट और उम्र सीमा को लेकर सामने आई युवाओं की नाराजगी की खबर पहुँचाई थी और फिर इस मुद्दे पर 2 Live Debate भी प्रसारित की। बेरोजगार युवाओं का आरोप था कि पर्वतीय मूल के अभ्यर्थियों से सेना से भी ज्यादा हाईट की डिमांड करना आयोग की ज़्यादतती है और कोरोना काल के बावजूद आयु सीमा की अवधि जुलाई 2020 से रखना भी ग़लत है।

अब हरदा ने पटवारी और लेखपाल भर्ती को लेकर तीरथ सरकार की नियत पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

राज्य सरकार ने पटवारी और लेखपालों की भर्ती निकाली है, बड़ी देर कर दी मेहरबां आते-आते। 2015 में यह भर्तियां हुई थी और आज 6 साल बाद राज्य सरकार को इन भर्तियों की याद आई है और इस मामले को भी इतना उलझा दिया है ताकि लोग न्यायालय की शरण में जाएं और भर्तियों पर रोक लग जाए, ताकि हमने भर्तियां निकाली भी यह कहने को हो जाए और भर्तियां करनी भी न पड़े, यह इरादा है राज्य सरकार का। इसलिए हाइट (ऊंचाई) को लेकर उत्तराखंडी मूल का एक कन्फ्यूजन पैदा किया गया है। सत्यता यह है कि आर्मी के लिए हाइट 163 सेंटीमीटर और लेखपाल वह पटवारी के लिए राज्य सरकार ने 168 सेंटीमीटर कर दी है। जबकि 2015 में 155 सेंटीमीटर पर यह भर्तियां हुई थी। क्या ऐसा अंतर आया है कि उत्तराखंडियों की हाइट बढ़ गई है, कोई स्टडी है? जिसके कारण आपने हाइट (ऊंचाई) को लेकर इतना बड़ा परिवर्तन किया है और उसमें मूल निवासी के नाम पर 5 सेंटीमीटर की छूट दी गई है जिसको लेकर एक बड़ा भ्रम पैदा हो रहा है और लोग हो सकता है भ्रम के निवारण के लिए कोर्ट जाएं और उतना ही बड़ा भ्रम कट ऑफ डेट को लेकर भी पैदा कर दिया। आप, कट ऑफ डेट आज की रखिये न जब आप भर्ती कर रहे हैं, 1 साल पीछे की कट ऑफ डेट के आधार पर आप भर्तियां करवा रहे हैं, जो उचित नहीं लगता है।

हरीश रावत, पूर्व मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

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