प्रकृति के रौद्र रूप के बीच स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण का ‘प्रचंड आक्रोश’! मुख्यमंत्री जी! क्या नहीं हो गया सबकुछ एक्सपोज?

TheNewsAdda

ADDA IN-DEPTH: अभी एक दिन पहले ही कांग्रेस के मौन सत्याग्रह पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रतिक्रिया दी थी कि यह समय सियासत करने का नहीं है बल्कि सभी लोगों को बाढ़ और बारिश से प्रभावित लोगों की मदद करनी चाहिए। कल मुख्यमंत्री धामी ‘मित्र’ विपक्ष को जो कहना चाहते थे, कह दिया लेकिन आज जब खुद सत्ताधारी दल बीजेपी की कोटद्वार विधायक और उत्तराखंड विधानसभा की स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण ने सरे आम व्यवस्था को जो आइना दिखाया है, उसे लेकर सूबे के युवा और जोशीले मुख्यमंत्री क्या कहना चाहेंगे?

या सूबे में सरकारी व्यवस्था खासकर नौकरशाही कैसे काम कर रही है उसकी हकीकत बयां करने को कुछ और बाकी रहा है? हो सकता है मुख्यमंत्री की किचन कैबिनेट के “चिंटू-बिंटू” मालन नदी का पुल टूटने के बाद मौके से कोटद्वार विधायक के नाते ऋतु खंडूरी के गुस्से को ‘जानबूझकर’ अच्छी-भली चलती-फिरती दिख रही धामी सरकार की छवि बिगाड़ने और खुद के मुख्यमंत्री बनने की हसरत पूरी करने की दिशा में बढ़ाया एक और कदम करार देकर ‘सरकार’ को चैन की बंशी बजाने का ही संदेश देने ने कामयाब हो जाएं।

लेकिन ऋतु खंडूरी भूषण ने जिस तरह से आपदा सचिव रंजीत सिन्हा को फोन लगाकर खरी खोटी सुनाई है और बाकायदा उसका वीडियो भी अपने ट्वीटर हैंडल से शेयर किया है, यह साबित करता है कि मौजूदा नौकरशाही विपक्षी दल के विधायक छोड़िए सत्ताधारी पार्टी के विधायकों की शिकायतों, सुझावों और मांगों को रद्दी की टोकरी में डालने लायक से ज्यादा कुछ नहीं समझती है।

सवाल है कि आखिर नौकरशाही इतना दुस्साहस किस आधार पर या किस शह पर कर दिखाती है? जाहिर है जब विपक्षी विधागपकों की ना सुनी जाए तो इसे सहज राजनीतिक नजरिए से समझा जा सकता है लेकिन जब सत्ता में जो दल हो और फिर उसी के विधायक की हैसियत नौकरशाही के सामने ऐसी हो कि एक विधायक का गुस्सा तब सरेआम फूट पड़ता है जब उसके क्षेत्र का एक बेहद अहम पुल खनन की भेंट चढ़ कर टूट जाता है।

यह गुस्सा क्या यह इशारा नहीं करता है कि अफसरशाही को क्या चतुर्थ तल से ही शह मिल रही कि जब तक विधायक धक्के खाकर थक हार ना जाए उसके काम होने नहीं देने हैं? फिर जो विधायक बीजेपी के भीतर मुख्यमंत्री की रेस के दावेदारों में से एक हो तो फिर उसे उड़ने देने का रिस्क क्यों लिया जाए! आखिर ऋतु खंडूरी ने विधानसभा बैकडोर भर्ती भ्रष्टाचार पर प्रहार कर एक संदेश तो दे ही दिया कि उनको हल्के में लेने वाले कब ‘पैदल’ हो जाएंगे इसकी भनक उनको भी नहीं लगेगी।

दरअसल नौकरशाही के नकारापन के आरोप का यह मामला इसलिए भी ज्यादा गंभीर हो जाता है जब सत्ताधारी दल का वह विधायक विधानसभा अध्यक्ष भी हो। जी हां ऋतु खंडूरी भूषण के टूटे पुल के पास खड़े होकर पब्लिकली फट पड़ने को महज बीजेपी के भीतर की अंदरूनी राजनीति के संकीर्ण लैंस से देखना हकीकत से जी चुराना होगा।

आप अक्षरश: जानिए कि आखिर ऋतु खंडूरी भूषण का आक्रोश किस कदर चाक चौबंद व्यवस्था और जमीन पर डबल इंजन की रफ्तार से सरपट दौड़ते विकास के दावों को धड़ाम कर दे रहा है।


पढ़िए ऋतु खंडूरी भूषण का आपदा सचिव रंजीत सिन्हा के साथ फोन जो संवाद हुआ, उसमें स्पीकर ने क्या क्या कहा?

“हेलो! इज दैट मिस्टर सिन्हा (आपदा सचिव रंजीत सिन्हा)? मैं कोटद्वार विधायक ऋतु खंडूरी भूषण बोल रही हूं। हेलो! नमस्कार, आपने सुन ही लिया होगा कि मालन का हमारा पुल है वो टूटा है। इस पर अब आप क्या करने जा रहे हैं? आप ये जानते हैं कि हरेक बैठक में, हरेक चिट्ठी में आपको मैने ये कहा है कि पुलों के लिए आप कुछ व्यवस्था करें। सब पर आपका यह कहना ही कि कोई मानक में नहीं बैठता। अब आपका क्या कहना है ( जब पुल टूट चुका है?) अब कौनसी चीज मानक में बैठेगी, आप मुझे यह बताइए। फॉर द लास्ट वन ईयर आई हैव बीन राइटिंग लेटर्स टू योर डिपार्टमेंट, टू द पीडब्ल्यूडी दैट माय पुल्स विच इस नोट इन गुड कंडीशन। There has खनन happened in this इलाका! Nothing was done! We have been writing to the DM, writing to you, we have been sending estimates to you! Nothing has happened! साहब जिस कारण से भी गिरा हो हम तो आपसे दीवार मांग रहे थे। हम तो आपसे मांग रहे थे कि उसको ठीक करने के लिए दीजिए। ईई के माध्यम आपको लिखा है, मैंने खुद आपको लिखा है। This is very unfortunate Mr Sinha and now I want this bridge to be… whatever has to be done .I want it done and at very fast speed because this joins Bhabhar to Kotdwar.. आधी हमारी पॉपुलेशन है वो उस तरफ रह गई है। हर सुविधा के लिए उन्हें कोटद्वार आना पड़ता है। And now I don’t know what you are going to do and how you going to do.. आपदा में भयंकर आपदा में ये हुआ है। आप किस तरह इसे कर सकते हैं। मैं कल (शुक्रवार) देहरादून आ रही हूं और I want to sit with you ..with solutions…with immediate solutions…No whatever it is Mr. Sinha..I am very disappointed because एक साल से मैं इस पर लगी हुई थी..
It is not that we were not telling you or my EE not telling you..We were all informing you… अरे मरम्मत में हैं…लेकिन हमने आपको आपदा में भी कहा था ना भाई! कर दिया तो हमारा तो पुल ढह गया ना! इसका मतलब नहीं हुआ ना! See I don’t know Mr Sinha the blame game between officers is your problem..I am going to talk to PWD secretary..I am going to talk to Chief Secretary also.. blame game between your department.. I don’t care…मैंने आपको इनफॉर्म किया था और सबको किया था! चीफ सेक्रेटरी से लेकर और पीडब्ल्यूडी सेक्रेटरी से लेकर सबकी चिट्ठियां गई थीं।Now it is your issue…you solve it…Who’s blame who’s game I don’t care.. मुझे…I want the… Now this is done and dusted..it is done now…we can not do anything but how soon can you give me a bridge that is the question now…! “

https://twitter.com/pawan_lalchand/status/1679381078925254656?s=20

इसके बाद आप सहज कल्पना कर सकते हैं कि हालत किस स्थिति हैं! उम्मीद की जानी चाहिए कि लक्सर ने ट्रैक्टर, रेस्क्यू बोट और चॉपर यानी जमीन और आसमान से बाढ़ की तस्वीर देखने निकले सीएम मालन नदी पर बने पुल के साथ ऋतु खंडूरी भूषण के प्रचंड आक्रोश से ढहे कई दावों का मलबा भी देख पा रहे होंगे ?


TheNewsAdda
error: Content is protected !!