
Uttarakhand News: उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कानून बनाने की पहल कर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संत समाज को खुश कर दिया है। ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगतगुरु शंकराचार्य एवं अयोध्या राम मंदिर के मुख्य ट्रस्टी स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती महाराज ने उत्तराखंड में धामी सरकार के फैसले को ऐतिहासिक बताते हुए पूरे देश के राज्यों को ऐसी पहल करने की अपील की है और धामी सरकार की पीठ थपथपाई।
बुधवार को समाप्त हुए उत्तराखंड विधानसभा के शीतकालीन सत्र में धामी सरकार ने जबरन धर्मांतरण रोकने को लेकर सख्त विधेयक पारित कराया है।
उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता (संशोधन) विधेयक 2022 के कानून बनने के बाद उत्तराखंड में जबरन धर्मांतरण कराना गैर जमानती अपराध होगा और 10 साल तक की सजा का प्रावधान रहेगा। साथ ही उत्तराखंड में अगर कोई व्यक्ति अपनी मर्जी से धर्म परिवर्तन करना चाहता है तो उसे दो महीने के भीतर डीएम को अर्जी देना होगी और अर्जी देने के 21 दिन के भीतर संबंधित व्यक्ति को डीएम के सामने पेश भी होना पड़ेगा। नए कानून के बाद कोई भी व्यक्ति जबरन धर्मांतरण की शिकायत दर्ज करा सकेगा न कि सिर्फ संबंधित के परिवारजनों तक ही सीमित होगा।