गाजियाबाद में महिला से गैंगरेप की जिस घटना की दिल्ली के निर्भया कांड से हो रही थी तुलना, पुलिस ने कहा- गैंगरेप रेप हुआ ही नहीं ये था षड्यंत्र

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DELHI NCR News: उत्तर प्रदेश पुलिस ने दावा किया है कि गाजियाबाद में महिला से सामूहिक दुष्कर्म की जिस घटना की तुलना दिल्ली में हुए निर्भया कांड से की जा रही थी, दरअसल उस मामले में रेप हुआ ही नहीं। यूपी पुलिस की तरफ से बकायदा मेरठ रेंज के आईजी प्रवीण कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह सनसनीखेज खुलासा किया है। आईजी रेंज मेरठ के अनुसार गाजियाबाद की उक्त 38 वर्षीय महिला के साथ गैंगरेप हुआ ही नहीं बल्कि प्रॉपर्टी विवाद में यह एक झूठ एक साजिश के तहत महिला ने अपने मित्र सहित कुछ जानने वालों के साथ मिलकर रचा था।

यूपी पुलिस ने दावा किया है कि जिन लोगों पर आरोप लगा था उनके खिलाफ कोई स्वूट नहीं मिला है। इस सनसनीखेज मामले में अब तक उक्त महिला के मित्र सहित तीन लोगों को अरेस्ट किया जा चुका है। ज्ञात हो कि बीते दिनों यह खबर सामने आई कि गाजियाबाद से दिल्ली जाने के खातिर ऑटो का इंतजार कर रही महिला को स्कॉर्पियो में सवार चार लोगों द्वारा अपहरण किया गया और एक सुनसान जगह ले जाकर जहां उनका पांचवां साथी भी मौजूद था, सबने गैंगरेप किया। महिला ने आरोप लगाया था कि इन सभी आरोपियों ने उसे दो दिन तक अपनी कैद में रखा और इस दौरान उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया।

इस मामले में यह खबर में आई कि आरोपियों ने महिला के साथ 2012 में दिल्ली में हुए निर्भया गैंगरेप की तरह हैवानियत की सारी हदें पार कर डाली और महिला के प्राइवेट पार्ट में एक वस्तु भी निकाली गई। मामले की गंभीरता को देखते हुए मीडिया में हल्ला मचा और राष्ट्रीय महिला आयोग ने भी हस्तक्षेप किया ताकि पीड़िता को न्याय मिल सके। लेकिन अब आईजी मेरठ रेंज के बयान के बाद इस गैंगरेप की कहानी ने बड़ा ट्विस्ट आ गया है और यह संपत्ति को लेकर विवाद के तहत रची गई साजिश बताई जा रही है।

पुलिस के अनुसार फोरेंसिक एविडेंसेज सहित अन्य तथ्यों से साफ हुआ कि जिस समय कथित पीड़िता लापता थी उसी दौरान उनका और उनके दिल्ली के रहने वाले आजाद नामक एक परिचित का फोन भी स्विच ऑफ था। पुलिस जांच में यह भी खुलासा हुआ कि गैंगरेप के नामजद आरोपियों के साथ कड़कड़डूमा कोर्ट में पहले से एक जमीन विवाद लंबित है।

पुलिस के अनुसार महिला के मित्र आजाद के मोबाइल और अन्य साक्ष्य एनालिसिस किए तो खुलासा हुआ कि कथित गैंगरेप की खबर प्रसारित करने के लिए विभिन्न लोगों से संपर्क साधा गया और कहीं कहीं पेटीएम से पैसे भी दिए गए। महिला जहां मिली पुलिस को उसी के आसपास घूमते उसके मित्र आजाद की लोकेशन भी ट्रेस की। आजाद से कड़ाई से पूछताछ की गई तो वह टूट गया और कुबूल किया कि इस षड्यंत्र ने उसके दो और साथी गौरव और अफजाल भी संलिप्त हैं और मिलकर सबने यह प्लानिंग की थी।

पुलिस ने कहा कि न महिला को किडनैप किया गया था और न ही गैंगरेप हुआ बल्कि खुद कथित पीड़िता अंक स्वेच्छा से आजाद के साथी गौरव की कार से जहां पाई गई थी वहां गई और ओस दौरान अफजाल भी साथ था। पुलिस ने कहा कि एक छोटी सी प्रॉपर्टी को लेकर केस चल रहा था और कथित पीड़िता ने उस प्रॉपर्टी के पावर ऑफ लेने के लिए यह खेल खेला। उलटे अब पुलिस ने उक्त कथित पीड़िता और उसके साथियों पर आपराधिक षड्यंत्र का केस दर्ज कर लिया है।


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