देहरादून: कोरोना के चलते अब तक शुरू नहीं हो पाई उत्तराखंड की चारधाम यात्रा का शनिवार यानी कल से आगाज हो रहा है। इसी के साथ सिखों के पवित्र धाम हेमकुंड साहिब के कपाट भी शनिवार से श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए जाएँगे। रोजाना एक हजार यात्री हेमकुंड साहिब के दर्शन कर पाएंगे।
चारधाम यात्रा के संचालन को लेकर राज्य सरकार ने जारी की एसओपी
कल 18 सितंबर से संचालित होगी चारधाम यात्रा
धामी सरकार के शपथपत्र के बाद हाईकोर्ट ने हटाई है चारधाम यात्रा पर लगी रोक
चारधाम यात्रियों को दी जाने वाली सुविधाओं की समीक्षा करने से लेकर भीड़ नियंत्रण आदि पर विस्तृत रिपोर्ट हर हफ्ते हाईकोर्ट को भेजी जाएगी
राज्य सरकार की गाइडलाइन के मुताबिक राज्य के बाहर से आने वाले चारधाम यात्रियों को देहरादून स्मार्ट सिटी पोर्टल पर अनिवार्य रूप से पंजीकरण करना होगा
चारों धामों में मंदिर दर्शन के लिए देवस्थानम बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट से ई-पास लेना होगा
यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज का प्रमाण पत्र दिखाने के बाद ही दर्शन की अनुमति दी जाएगी, वैक्सीन की दोनों डोज यात्रा से 15 दिन पहले लगी होनी चाहिए
वैक्सीन की एक डोज या बिना वैक्सीनेशन वाले यात्रियों को 72 घंटे पहले की rt-pcr नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट दिखाने के बाद मंदिर दर्शन के लिए ई-पास जारी किया जाएगा
केरल, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश से आने वाले यात्रियों को वैक्सीन की दोनों डोज लगने के बाद भी 72 घंटे पहले की आरटी पीसीआर नेगेटिव टेस्ट रिपोर्ट दिखाने के बाद ही ई पास जारी किया जाएगा
सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए मंदिर में सभा मंडप की आवास क्षमता के आधार पर प्रत्येक धाम के लिए देवस्थानम बोर्ड द्वारा कोविड वहन क्षमता निर्धारित की गई है-
बदरीनाथ धाम–1000
केदारनाथ धाम–800
गंगोत्री धाम–600
यमुनोत्री धाम–400
हेमकुंड साहिब—1000
राज्य सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने के लिए देवस्थानम बोर्ड द्वारा निगरानी व अन्य व्यवस्थाएं की जाएंगी
चारधाम यात्रा मार्ग और धामों में आवासीय सुविधाओं के लिए भी कॉविड प्रोटोकॉल के अनुकूल दिशानिर्देश जारी किए गए हैं
कोरोना बचाव मानको, सामाजिक दूरी, मास्क, सेनिटाईजर तथा थर्मल स्क्रीनिंग अनिवार्य किया गया है
बच्चों एवं बीमार, एवं अति बृद्ध जो बीमारी से ग्रस्त हैं उन्हें यात्रा के लिए अनुमति नहीं हैं
मंदिर में दर्शन के लिए एक बार में तीन श्रद्धालु ही प्रवेश करेंगे,
सामाजिक दूरी का पालन करते हुए दर्शन करेंगे
मंदिर में मूर्तियों को छूना, किसी तरह लेपन, घंटियों को स्पर्श करने की मनाही रहेगी