
Uttarakhand High Court: नैनीताल जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में अपहरण के आरोप और ढीली-ढाली पुलिसिंग एसएसपी प्रहलाद नारायण मीणा के लिए लगातार फजीहत का सबब बनती जा रही है। सोमवार को इस मामले में सुनवाई करते हुए नैनीताल स्थित उत्तराखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस जी० नरेंद्र ने एसएसपी को जमकर फटकार लगाई। चीफ जस्टिस जी नरेंद्र और जस्टिस आलोक मेहता की बेंच ने मतदान के दिन पाँच जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस और खुफिया एजेंसियों की नाकामी को लेकर कई तल्ख टिप्पणियाँ की। कोर्ट ने एसएसपी को इस मामले में मंगलवार को शपथपत्र दाखिल करने को कहा है। हाई कोर्ट ने सुनवाई के दौरान एसएसपी प्रहलाद मीणा से कई तीखे सवाल पूछे। हाई कोर्ट ने पूछा कि मतदान के लिए कड़ी सुरक्षा के बावजूद हिस्ट्रीशीटर कैसे पहुंचे ? चीफ जस्टिस ने सवाल किया कि कहां थी तुम्हारी पुलिस फोर्स ? चीफ जस्टिस ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि एडवोकेट जनरल पहले तो सरकार से कहिए कि एसएसपी का तबादला कर दिया जाए।
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस ने सुनवाई के दौरान कहा,” He has failed miserably!” कोर्ट ने कहा – क्यों ना एसएसपी का ट्रांसफर हो…चुनाव के दौरान पुलिस द्वारा बहुत ढिलाई बरती गई। लॉ एंड ऑर्डर चुनाव के दौरान पूरी तरह फेल साबित हुआ।
हाई कोर्ट ने एसएसपी से पूछा कि 14 अगस्त की घटना पर आपको क्या कहना है ? इस पर एसएसपी और सरकार की तरफ से कहा गया कि वायरल वीडियो के आधार पर कार्रवाई गतिमान है। शिकायतों के आधार पर दोनों पक्षों की FIR दर्ज कर ली गई है जिस पर कोर्ट ने कप्तान से जवाब मांगा कि मामले में केस दर्ज होने के बाद क्या हुआ ? कितने लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई ?, लेकिन इस पर एसएसपी कोई संतोषजनक जवाब अदालत के समक्ष नहीं दे पाए।
कोर्ट ने ग़ायब जिला पंचायत सदस्यों को लेकर भी एसएसपी से जवाब मांगा और सवाल पूछा कि अब तक सीडीआर क्यों नहीं निकाली गई? जब ये गिरोह आया था तो उसकी भनक क्यों नहीं लगी? हालांकि कोर्ट ने पेश किए गए अपहृत जिला पंचायत सदस्यों से सोमवार को कोई सवाल नहीं पूछे।
हाई कोर्ट में अब अगली सुनवाई 19 अगस्त यानी मंगलवार को होगी।
कार्ट में जिलाधिकारी वंदना सिंह ने बताया कि मतदान के दिन सदस्यों को लेकर हुए विवाद के बाद रात्रि में राज्य निर्वाचन आयोग को दी रिमाइंडर भेजे गए। डीएम ने बताया कि जिला पंचायत नियमावली में जिला निर्वाचन अधिकारी को चुनाव रद्द करने की शक्ति नहीं हैं, इसलिए आयोग से परामर्श के बाद काउंटिंग कर अनंतिम परिणाम घोषित किया गया लेकिन अभी तक इसकी घोषणा नहीं की गई है।
जिला पंचायत अध्यक्ष तथा उपाध्यक्ष के चुनाव परिणाम की घोषणा होगी या नहीं इसको लेकर निर्वाचन आयोग कानूनी पहलुओं का अध्ययन करा रहा है। हाई कोर्ट ने नैनीताल डीएम को भी शपथपत्र पेश करने के निर्देश दिए हैं। ज़ाहिर है मामले का पटाक्षेप अदालती निर्णय से ही होगा।
सोमवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की ओर से नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य तथा हल्द्वानी विधायक सुमित हृदयेश द्वारा की गई आपत्तिजनक बातें कहने संबंधी तथ्य कोर्ट के समक्ष रखे, तो वहीं कांग्रेस की तरफ से उन युवकों का पार्टी करते हुए सोशल मीडिया में भी वायरल हुआ वह वीडियो पेश किया गया जिसमें युवक कहते सुने जा रहे हैं कि नैनीताल को हिला डाला, हमारा मिशन पूरा हो गया, उत्तराखंड को बिहार बना डाला।
कांग्रेस ने कोर्ट में चुनाव रि-पोल कराने की माँग की है जिसका सरकार द्वारा विरोध किया गया है। कोर्ट ने डीएम से पूछा है कि मंगलवार को बतायें कि दोबारा चुनाव कराने को लेकर निर्वाचन आयोग का क्या कहना है।
जानिए क्या है ये पूरा मामला?
प्रदेश में जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव के लिए मतदान के दिन नैनीताल में जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण का आरोप लगाते हुए विपक्षी दल कांग्रेस हाई कोर्ट की शरण में पहुंची थी। नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए बीजेपी की तरफ़ से दीपा दर्मवाल और कांग्रेस की तरफ़ से पुष्प नेगी आमने- सामने हैं। जिला पंचायत सदस्यों के अपहरण के आरोपों के बाद मामला हाई कोर्ट में गया तो यहाँ की सीट होल्ड पर है और कोर्ट में सुनवाई लगातार जारी है। अब मंगलवार को आगे की सुनवाई में कोर्ट का रूख क्या रहेगा यह देखना दिलचस्प होगा।