- प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्य ने भेजा मैसेज
- क्या भाजपा देगी नैनीताल से चुनाव लड़ने का मौका?
- शुक्रवार रात्रि चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी से भी गुपचुप हो चुकी मुलाकात
- प्रह्लाद जोशी से मुलाकात पर पूर्व पीसीसी चीफ किशोर उपाध्याय पर हो गई थी तुरत-फुरत कार्रवाई
- क्या सरिता आर्य की मान-मनौव्वल में लगे हरदा बचे रहे महिला कांग्रेस अध्यक्ष को?
- प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में खड़ी होकर महिला कांग्रेस अध्यक्ष मांग रही भाजपा से टिकट
देहरादून: 2022 की चुनावी बैटल जीतने को बेचैन कांग्रेसियों का भी गजब हाल है। आज बात उत्तराखंड महिला कांग्रेस अध्यक्ष सरिता आर्य की। सरिता आर्य ने आज देहरादून के राजपुर रोड स्थित प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय से ही कह दिया कि अगर भाजपा टिकट दे देती है तो वे कांग्रेस छोड़ देंगी। सरिता आर्य ने मीडिया के सवालों पर यह सब तब कहा जब वहां पार्टी के वरिष्ठ नेता मथुरा दत्त जोशी सहित कई अन्य नेता मौजूद थे। सरिता आर्य ने साफ कर दिया कि अगर कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया और भाजपा ने टिकट दे दिया तो वे तत्काल पालाबदल कर लेंगी।
दरअसल, सरिता आर्य नैनीताल से पूर्व विधायक हैं और महिला कांग्रेस अध्यक्ष के नाते इस बार भी टिकट की आस लगाए थी। लेकिन वरिष्ठ नेता यशपाल आर्य और उनके पुत्र संजीव आर्य की कांग्रेस में घर वापसी ने सरिता के लिए बाइस बैटल में सबकुछ गुड़-गोबर कर दिया है। हालाँकि टिकट के लिए अभी भी कांग्रेस से पूरी तरह उम्मीद नहीं छोड़ी है लेकिन उनका दिल अब बेचैन होकर ‘जहां से भी मिले जैसे भी मिले विधानसभा पहुँचने का बस पता मिले’ वाले अंदाज में इधर-उधर हाथ-पाँव मारे जा रहे।
लिहाजा ठीक जिस दिन दिल्ली में प्रदेश कांग्रेस के दिग्गज केन्द्रीय नेतृत्व के साथ मिलकर टिकटों पर अंतिम मुहर लगाने की दिशा में बैठकें कर रहे, उसी दिन सरिता आर्य ने पार्टी नेताओं की फजीहत करा डाली है। फजीहत भी अच्छी खासी वाली कराई है। हुआ यूँ कि शुक्रवार रात्रि चुपचाप भाजपा चुनाव प्रभारी केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से सरिता आर्य मुलाकात कर आई। मकसद कांग्रेस पर प्रेशर बनाना था ताकि टिकट को लेकर उनके नाम पर विचार किया जाये। वैसेहरीश रावत लगातार सरिता आर्य की मान-मनौव्वल कर रहे हैं ताकि वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा न जाएं। लेकिन सरिता आर्य ने बागी तेवर अपना लिए हैं और आज वरिष्ठ कांग्रेस नेता मथुरा दत्त जोशी सहित कई पार्टी नेताओं के सामने कांग्रेस मुख्यालय में सरिता ने अपने बागी सुर दिखा दिए।
वैसे तो सरिता आर्य ने खुद पक्का और सच्चा कांग्रेसी सिपाही करार दिया लेकिन जैसे ही मीडिया ने पूछा अगर भाजपा ने टिकट दिया तो क्या करेंगी? सरिता ने तपाक से जवाब दिया कि अगर भाजपा टिकट देती है तो वे तुरंत कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो जाएँगी। इससे पहले सरिता आर्य ने महिला कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते यूपी की तर्ज पर 40 फीसदी टिकट महिलाओं को देने या कम से कम 20 फीसदी टिकट तो महिलाओं को दिए ही जाने की मांग की। लेकिन उन्होंने कह दिया कि अगर उनको टिकट नहीं मिलता है और भाजपा टिकट देती है तो पालाबदल लेंगी और बाकी महिलाओं से भी कहा कि टिकट न मिले तो वे भी अलग रास्ता चुन लें।
सरिता आर्य ने अब कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा नेताओं के चक्कर काटने भी शुरू कर दिये हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार रात्रि चुपके से भाजपा के चुनाव प्रभारी केन्द्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से भी मुलाकात कर ली। उधर खबर है कि कांग्रेसी दिग्गज हरीश रावत अभी भी सरिता आर्य की मान-मनौव्वल में लगे हैं। वैसे ऐसी मान-मनौव्वल क्या पता बेचारे किशोर उपाध्याय के साथ भी की होती तो क्या वह भी चुपके-चुपके प्रह्लाद जोशी-अजेय कुमार मुलाकात के बाद पार्टी के समस्त पदों से ‘मुक्त’ होने से न बच गये होते!