शिक्षा

जॉब के सपनों में भरने होंगे टेक्नो कलर्स: टीएमयू में एनुअल लेक्चर सिरीज़-2022 का श्रीगणेश, फ़्यूचर ऑफ जॉब्स एंड टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म पर क्या बोले इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स धीरज ज्ञानी और सुधीर जुत्शी

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ख़ास बातें (Key Points)

  • एमजीबी अक्षत जैन: एकेडमिया इंडस्ट्री इंटरफेस स्टुडेंट्स के लिए वरदान साबित होगा
  • टेक्नोक्रेट धीरज ज्ञानी: स्किलिंग, अपस्किलिंग और रिस्किलिंग जॉब्स के मूल मंत्र
  • सुधीर जुत्शी: मल्टीडिसिप्लेनरी टेक्नोलॉजीज़ के बिना स्मार्ट प्रोडक्ट्स का सपना अधूरा
  • प्रो. आरके द्विवेदी: टीएमयू का मिशन युवाओं को वैश्विक जरूरतों के मुताबिक तैयार करना
  • वाइस चांसलर प्रो. रघुवीर सिंह की अध्यक्षता में हुआ पैनल डिस्कशन

प्रो. श्याम सुंदर भाटिया/श्री पीके गुप्ता/डॉ. संदीप वर्मा: प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में जॉब्स की स्वर्णिम संभावनाओं की तस्वीर खींचते हुए गिटहब में एजुकेशन एंड गवर्मेंट इंगेजमेंट्स के डायरेक्टर धीरज ज्ञानी ने कहा कि 2030 तक 97 मिलियन नए तकनीकी जॉब पैदा होंगे। लेकिन 85 मिलियन पुराने जॉब आउट ऑफ यूज हो जाएंगे। इसीलिए अपने जॉब को सुरक्षित रखने के लिए एक ही मंत्र- स्किलिंग, अपस्किलिंग और रिस्किलिंग कारगर है। धीरज ज्ञानी ने कहा कि हर पांच वर्ष में प्रौद्योगिकी में आमूल-चूल परिवर्तन हो जाता है। इसीलिए आने वाली प्रौद्योगिकी की तैयारी हमें आज से ही शुरू करनी होगी। ज्ञानी तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की ओर से एनुअल लेक्चर सिरीज़-2022 के तहत फ़्यूचर ऑफ जॉब्स एंड टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म में बतौर की-नोट स्पीकर बोल रहे थे।

इससे पूर्व जाने-माने प्रौद्योगिकीविद- गिटहब में एजुकेशन एंड गवर्मेंट इंगेजमेंट्स के डायरेक्टर धीरज ज्ञानी और यूएल इंडिया प्रा. लि. में साउथ एशिया के पॉलिसी एंड स्ट्रेटेजी निदेशक सुधीर जुत्शी, एमजीबी अक्षत जैन, वीसी प्रो. रघुवीर सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा, एफओईसीएस के निदेशक एवम् एनुअल लेक्चर सिरीज़-2022 के कन्वीनर प्रो. आरके द्विवेदी ने संयुक्त रूप से मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया।

एमजीबी अक्षत जैन ने प्रौद्योगिकीविद् धीरज ज्ञानी और वीसी प्रो. रघुवीर सिंह ने सुधीर जुत्शी को पुष्पगुछ भेंट कर स्वागत किया। अक्षत जैन ने उम्मीद जताई कि एकेडमिया इंडस्ट्री इंटरफेस स्टुडेंट्स के लिए वरदान साबित होगा। एनुअल लेक्चर सिरीज़-2022 के कन्वीनर प्रो. आरके द्विवेदी ने स्वागत भाषण दिया और अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए। व्याख्यान माला का समापन राष्ट्रगान के साथ हुआ।


ज्ञानी ने एक टीचर की मानिंद छात्रों से पूछा कि क्या आप सचमुच में रियल वर्ल्ड के लिए तैयार हैं? रियल वर्ल्ड को परिभाषित कर उन्होंने कोविड-19 महामारी का हवाला देते हुए कहा कि कोविड की चुनौतियों ने नई प्रौद्योगिकियों का निर्माण किया। उन्होंने वैक्सीन को हेल्थ केयर टेक्नोलॉजी का वरदान बताया। ऐसे में हमें हमेशा नई चुनौतियों के लिए तैयार रहना चाहिए। हेल्थ केयर के साथ-साथ मैन्युफैक्चरिंग, बैंकिंग, एजुकेशन सरीखे सेक्टरों में बदलती हुई टेक्नोलॉजीज़ नए-नए जॉब्स के स्वर्णिम द्वार खोले हैं। ज्ञानी ने कहा कि समय के साथ जॉब्स का स्वरूप तीव्र गति से बदल रहा है। जॉब्स में टिके रहने के लिए उसी गति से आपको अपनी स्किल्स को अपग्रेड करना होगा, साथ ही नई स्किल्स से तारतम्य बैठाना होगा।

प्रौद्योगिकीविद् ज्ञानी ने कहा कि सीखना एक सतत प्रक्रिया है। नई टेक्नोलॉजीज़ का स्वभाव क्रांतिकारी होता है, क्योंकि वह पुरानी टेक्नोलॉजीज़ को आउट ऑफ यूज कर देती हैं। उन्होंने रोबोटिक्स ऑटोमेशन का भी जिक्र किया। छात्रों को टिप्स देते हुए कहा कि आप अपने आप को नए अवतार के रूप में सिद्ध करें। न आपको कहीं रूकना है। न ही आपको अटकना है। उत्सुक रहे, जागरूक रहें और अपनी असफलताओं से सीखें। आप जैसे युवा टेक्नोक्रेट्स को नई जॉब्स की खातिर बाजार पर पैनी निगाह रखनी चाहिए।


यूएल इंडिया प्रा. लि. में साउथ एशिया के पॉलिसी एंड स्ट्रेटेजी निदेशक सुधीर जुत्शी ने डयूटी के प्रति समर्पण को कामयाबी का आधार बताते हुए कहा कि डिग्रियां और सर्टिफिकेट्स महज कागज के टुकड़े हैं, अगर आप में तकनीकी दक्षता नहीं है। अक्सर हम नाकामयाबी के लिए बहाने ढूंढ़ लेते हैं, जबकि आज के डिजिटल युग में सीखने के लिए इंटरनेट सरीखे प्लेटफॉर्म पर सब कुछ उपलब्ध है।

उन्होंने डेल कंपनी के एक कारिंदे का उदाहरण देते हुए कहा कि स्मार्ट प्रोडक्ट्स का सपना मल्टीडिसिप्लेनरी टेक्नोलोजीज़ के बिना अधूरा है। विश्व की जटिलताओं को स्वीकार करें और उसके अनुरूप खुद की स्किल्स को अपग्रेड करें। उन्होंने पीपीटी के जरिए प्रौद्योगिकी के विभिन्न सेक्टर्स- सोलर पावर, विंड पावर, केमिकल इंजीनियरिंग, सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, इंफॉरमेंशन सिक्योरिटी और सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की चर्चा करते हुए कहा कि इनमें जॉब्स की असीम संभावनाएं हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि इन सेक्टर्स में मार्केट ट्रेंड का आकलन और तैयारी कर आप अपना और देश का भविष्य उज्ज्वल कर सकते हैं। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी की भव्यता को देखकर गदगद हुए जुत्शी ने छात्रों को अनमोल सलाह देते हुए कहा कि अपने लक्ष्य का निर्धारण आपको आज ही तय करना होगा। किसी भी विश्वविद्यालय का स्तर उसके इंफ्रास्ट्रक्चर से नहीं बल्कि फैकल्टीज़ और स्टुडेंट्स की गुणवत्ता से मापा जाता है।

एफओईसीएस के निदेशक एवम् एनुअल लेक्चर सिरीज़-2022 के कन्वीनर प्रो. आरके द्विवेदी ने अतिथियों को गर्मजोशी से स्वागत करते हुए कहा कि गिटहब एक अद्वितीय ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है। साथ ही प्रो द्विवेदी ने कहा कि टीएमयू का मिशन तकनीकी शिक्षा के माध्यम से युवाओं को वैश्विक जरूरतों के मुताबिक तैयार करना है। इस मिशन को हासिल करने के लिए टीएमयू ने विश्व के उत्कृष्ट तकनीकी संस्थानों जैसे- आईबीएम, एनविडिया, आईनेचर के साथ कोलैबोरेशन किया है। उन्होंने आगे कहा कि टीएमयू का वर्तमान स्वरूप तीन पीढ़ियों- कुलाधिपति सुरेश जैन, उनके पुत्र एवम् ग्रुप वाइस चेयरमेन मनीष जैन और उनके पौत्र एवम् एमजीबी अक्षत जैन के सेवा, समर्पण और संकल्प का प्रतिफल है। इन तीनों पीढ़ियों का विजऩ है:


बदलती हैं परिस्थितियां, मगर हारूंगा नहीं हिम्मत।
सृजन का यह व्रत चलता रहेगा अनवरत।।

एनुअल लेक्चर सिरीज़-2022 का संचालन सीनियर ट्रेनर विपिन चौहान ने किया। इस मौके पर कार्यक्रम के को-आर्डिनेर्ट्स रूपल गुप्ता और आदित्य जैन की गरिमामयी उपस्थिति रही। व्याख्यान माला में निदेशक सीआरसी विनीत नेहरा, प्रो. अशेन्द्र कुमार सक्सेना, सहायक निदेशक प्लेसमेंट विक्रम रैना, सहायक निदेशक प्लेसमेंट आकाश भटनागर, प्रो. एसआर अली, डॉ. शंभू भारद्वाज, नवनीत विश्नोई, प्रो. सुरजीत दलाल, डॉ. रंजना शर्मा, डॉ. पंकज गोस्वामी, डॉ. गरिमा गोस्वामी, इंदु त्रिपाठी, नीरज कुमारी, एआर मनीष तिवारी, मनोज गुप्ता आदि रहे।

गिटहब में एजुकेशन एंड गवर्मेंट इंगेजमेंट्स के डायरेक्टर धीरज ज्ञानी और यूएल इंडिया प्रा. लि. में साउथ एशिया के पॉलिसी एंड स्ट्रेटेजी निदेशक सुधीर जुत्शी के सारगर्भित संबोधन के बाद तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी का ऑडी स्वर्णिम सवालों और स्वर्णिम जवाबों का गवाह बना। छात्र-छात्राओं से ठसाठस भरे इस ऑडी में पैनल डिस्कशन की अध्यक्षता वीसी प्रो. रघुवीर सिंह ने की। जबकि दोनों इंडस्ट्री एक्सपर्टस ने सवालों का मोर्चा संभाला। दर्जनों समसमायिक प्रश्नों का माकूल जवाब दिया। सवाल पूछने वालों में फैकल्टी भी पीछे नहीं रही। एक घंटे चला यह सेशन जोश, उत्साह और उत्सुकता से लबरेज रहा। बीच-बीच में सवालों का जवाब कुलपति प्रो. सिंह ने भी दिया।
पैनल डिस्कशन में सवाल धीरज ज्ञानी और सुधीर जुत्शी से बारी-बारी से पूछे गए। जैसे- इज वर्ल्ड वेटिंग फॉर अस? छात्रों को इसका जवाब ज्ञानी ने दिया, क्योंकि यह सवाल था ही उन्हीं के लिए। उन्होंने कहा, “नो वन इज वेटिंग फॉर अस। टेक अपरच्युनिटी एंड फोकस ऑन योर वर्क।” इस सवाल का जवाब देने में सुधीर जुत्शी और वीसी भी पीछे नहीं रहे। दोनों ने इसका तर्कसंगत जवाब जुदा-जुदा अंदाज में दिया। छात्रों का अगला सवाल फिर धीरज ज्ञानी से था। छात्रों ने पूछा, “जॉब पाने के लिए तैयारी कैसे करें?” इस उन्होंने कहा कि सबसे पहले अपने फंडामेंटल्स को बेहद मजबूत करें, फिर अपनी रूचि के अनुसार जॉब एरिया चुनें। वीसी ने भी तर्कसंगत जवाब दिया।

एक अन्य सवाल के जवाब में सुधीर जुत्शी बोले, विश्वास बनाने में बहुत समय लगता है, लेकिन टूटने में क्षण भर भी नहीं लगता है, इसीलिए जीवन में विश्वास अनमोल है। पैनल ने सवालों के जवाब में सुझाया, सॉफ्ट स्किल्स बहुत आवश्यक है। क्रिटिकल थिंकिंग डेवलप करें। इनके अलावा पैनल ने प्रौद्योगिकी से जुड़े सवालों का भी जवाब दिया।

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