श्रीनगर: जश्न ए आजादी के इस अमृत महोत्सव में कश्मीर घाटी से आई एक तस्वीर ने चार चाँद लगा दिये हैं। यह तस्वीर बताती है कि आतंकवाद का कोई मज़हब नहीं होता और हर वतन परस्त का मज़हब सबसे पहले प्यारा तिरंगा ही होता है। जब देश आजादी के 75वें वर्ष में प्रवेश कर अमृत महोत्सव मना रहा तब कश्मीर घाटी में आतंकवाद के पोस्टर बॉय बन गए बुरहान वानी के पिता मुजफ्फर अहमद वानी ने स्कूल में तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान गाया। ज्ञात हो कि आतंकी संगठन हिज्बुल के कमांडर बुरहान वानी को 8 जुलाई 2016 को सुरक्षा बलों ने घेर कर ढेर कर दिया था।
दरअसल मुजफ्फर अहमद वानी त्राल के एक सरकारी स्कूल में हेडमास्टर हैं और 15 अगस्त के मौके पर उन्होंने अपने स्कूल में तिरंगा झंडा फहराया। इस तस्वीर ने देश के मजबूत लोकतंत्र और उसमें आम जन की गहरी आस्था का संदेश दिया है। इसका एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें राष्ट्रगान की धुन पर मुजफ्फर अहमद समेत पूरा स्कूल तिरंगे को सलामी दे रहा है।
जान लीजिए कौन था आतंक का पोस्टर बॉय बुरहान वानी ?
22 साल का बुरहान वानी महज 15 साल की उम्र में आतंकवादी बना गया था। बुरहान दक्षिण कश्मीर में बहुत एक्टिव था और यहां के कई पढ़े-लिखे युवाओं को बरगला कर उसने आतंकवाद की आग में झोंक दिया था।
कश्मीरी यूथ को भर्ती करने के लिए वह फेसबुक-वॉट्सऐप पर वीडियो और फोटो पोस्ट करता रहता था। इनमें वो हथियारों के साथ सिक्योरिटी फोर्सेस का मजाक उड़ाते नजर आता था।
वानी को भड़काऊ भाषण देने और सोशल मीडिया का इस्तेमाल करने में एक्सपर्ट माना जाता था। वानी की मौत के बाद कश्मीर में करीब 90 दिन तक विरोध-प्रदर्शन होते रहे थे।