हरिद्वार: सोशल मीडिया के माध्यम से टूल किट बना कर हरिद्वार कुम्भ 2021 को दुष्प्रचारित करने वालों पर जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने अपनी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया एक बयान जारी कर के दिया है। उन्होंने इस बात की पूरे संत समाज की ओर से निंदा की है जिसमें कुम्भ 2021 को देश मे फैल रही कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार बताया जा रहा है। उन्होंने कुम्भ को लेकर चलाये जा रहे इस दुष्प्रचार को हिन्दू धर्म को बदनाम करने की साजिश बताया है।
जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने अपने बयान में कहा है कि कोरोना की दूसरी लहर के साथ ही समाज के एक हिस्से और खासकर अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने कुंभ को एक विलेन की तरह पेश किया। और यह माना जाने लगा कि भले ही कोरोना केरल, महाराष्ट्र, कर्नाटक में पहले ही पैर पसार चुका हो, लेकिन इसके प्रसार का केंद्र कुंभ ही है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और बयां करती है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर संतों द्वारा बहुत जल्दी ही कुम्भ समाप्ति की घोषणा कर, कुम्भ के स्वरूप को प्रतीकात्मक कर दिया था। फिर कुम्भ कैसे कोरोना संक्रमण का कारण बन सकता है। 11 मार्च को महाशिवरात्रि पर हरिद्वार में सबसे ज्यादा 32.37 लाख श्रद्धालु उमड़ने का दावा किया जाता है। इसके 20 दिनों बाद 31 मार्च को प्रदेश में केवल 293 पाजिटिव केस दर्ज किए गए, जबकि हरिद्वार में इनकी संख्या 70 थी, पिछले दिनों के मुकाबले कोई बड़ा उछाल नहीं दिखा। सरकारी आंकड़ों में अगर रिकवरी रेट की बात की जाए तो यह उस दिन 94.94 फीसद था। संक्रांति के बाद से ही उमड़ने वाली भीड़ के बावजूद अगर मार्च तक ग्राउंड जीरो ही प्रभावित नहीं था तो फिर कुंभ कैसे विलेन हो गया।
रिपोर्ट: आशीष मिश्र, स्थानीय पत्रकार, हरिद्वार