
Uttarakhand News: पारदर्शी परीक्षा तंत्र और पेपर लीक घोटाले की सीबीआई जांच की मांग लेकर देहरादून गांधी पार्क के सामने धरने पर बैठे बेरोजगार युवाओं पर पुलिस लाठीचार्ज को लेकर अब तक कांग्रेस और दूसरे विपक्षी दलों के निशाने पर सीएम पुष्कर सिंह धामी थे। लेकिन अब सत्ताधारी बीजेपी के भीतर से बेरोजगारों पर हुई आधी रात्रि की घटना और अगले दिन हुए पुलिस लाठीचार्ज को पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दुर्भाग्यपूर्ण घटना करार देते हुए युवाओं और उनके अभिभावकों से माफी मांगी है।
जाहिर है अगर सत्ताधारी दल बीजेपी के भीतर से एक पूर्व मुख्यमंत्री मानते हैं कि लाठीचार्ज की घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी और इसके लिए वे माफी भी मांग रहे हैं, तो इसके सियासी मायने आसानी से समझे जा सकते हैं। TSR जब सरकार का हिस्सा नहीं होकर भी इस घटना को सही न ठहराते हुए माफी योग्य मन रहे तब इसका सीधा मतलब है कि अगर पुलिस एक्शन गलत था तब मुख्यमंत्री धामी या उनकी कैबिनेट के मंत्री कब आगे आकर माफी मांगेंगे या सफाई पेश करेंगे?
क्या TSR के बयान के बाद लगातार इस मुद्दे पर सरकार को सही ठहरा रहे प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट पर भी दबाव नहीं बढ़ गया है?