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24 की चुनौती, TSR को टास्क: 2014 में यूपी फतह में शाह के साथ निभाई थी अहम भूमिका

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त्रिवेंद्र को यूपी के पांच लोकसभा क्षेत्रों में जनसंपर्क की कमान
3 जून को आजमगढ़ सीट से करेंगे जनसंपर्क अभियान की शुरुआत


देहरादून: याद कीजिए 2014 का लोकसभा चुनाव जब प्रधानमंत्री बनने निकले तत्कालीन गुजरात सीएम नरेन्द्र मोदी ने यूपी फतह का जिम्मा अपने खास रणनीतिकार अमित शाह को सौंपा तो उनके साथ सह प्रभारी का जिम्मा त्रिवेंद्र सिंह रावत को दिया गया था। यूपी की 80 लोकसभा सीटों में से 71 सीट जीतकर अमित शाह और त्रिवेंद्र सिंह रावत प्रधानमंत्री मोदी की उम्मीदों पर खरे उतरे थे।

ये यूपी में शाह के साथ दिखाए रणनीतिक कौशल का ही असर था कि पहले झारखंड प्रभारी और वहां जीत के बाद 2017 में उत्तराखंड में बीजेपी सत्ता में लौटी तो मुख्यमंत्री की कुर्सी पर TSR की ताजपोशी हो जाती है। खैर रेस्ट इज हिस्ट्री!

अब जब एक बार फिर त्रिवेंद्र सिंह रावत राजनीति में बड़ी पारी खेलना चाह रहे और लोकसभा चुनाव लड़कर दिल्ली कूच करने की चाहत लिए हैं, तब मोदी-शाह और बीजेपी नेतृत्व को उनकी याद हो आई है। आरएसएस से लेकर बीजेपी संगठन में अनेक जिम्मेदारी निभाते हुए अपने रणनीतिक कौशल का लोहा मनवा चुके TSR को उसी यूपी में झोंका गया है जहां से बीजेपी को केंद्र की सत्ता में जीत की हैट्रिक लगाने के लिए सबसे ज्यादा उम्मीदें भी है और चुनौती भी।

खासकर तब जब कांग्रेस मुक्त भारत बनाने निकली बीजेपी के लिए दक्षिण का दरवाजा कर्नाटक हार के साथ बंद हो गया है और अब कांग्रेस और दूसरे राजनीतिक विरोधी उस पर बीजेपी मुक्त दक्षिण भारत का जुमला कस दे रहे। शायद हालात की गंभीरता को समझते हुए ही मोदी शाह ने देश के सबसे बड़े सियासी सूबे को अभेद्य बनाए रखने के लिए बड़ी व्यूह रचना कर डाली है। त्रिवेंद्र सिंह रावत भी इसी व्यूह रचना का हिस्सा हैं।

यूपी की पांच सीटें जहां 2024 में TSR को दिखाना होगा 2014 वाला रणनीतिक कौशल

दरअसल, भाजपा आलाकमान ने आगामी लोकसभा चुनाव की दृष्टि से हर लोकसभा क्षेत्र में एक से 30 जून तक चलने वाले देशव्यापी महाजनसंपर्क अभियान के तहत पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को उत्तर प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों की जिम्मेदारी सौंपी है। त्रिवेंद्र 2 जून को देहरादून से रवाना होकर आजमगढ़ लोकसभा सीट से महाजनसंपर्क अभियान का आगाज करेंगे।


देश में अगले साल 2024 में लोकसभा चुनाव हैं। इसके लिए करीब एक साल से भी कम का समय रह गया है। इसको देखते हुए ही भाजपा ने लोकसभा चुनाव की दृष्टि से देश की सभी लोकसभा सीटों पर महाजनसंपर्क अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है। एक माह तक चलने वाले इस अभियान के लिए पार्टी ने अपने प्रमुख नेताओं और वरिष्ठ नेताओं की जिम्मेदारी तय की है।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत को उत्तर प्रदेश की पांच लोकसभा सीटों आजमगढ़, बलिया, बांसगांव, सलेमपुर और देवरिया में जनसंपर्क अभियान की जिम्मेदारी सौंपी है। पूर्व मुख्यमंत्री रावत ने बताया कि वह 2 जून को हवाई मार्ग से दोपहर में बनारस पहुंचेंगे। वहां से कार से सबसे पहले आजमगढ़ लोकसभा क्षेत्र से जनसंपर्क अभियान की शुरुआत करेंगे।

इस दौरान TSR प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पिछले 9 साल में देश और लोकसभा क्षेत्रों के विकास के लिए किए गए कार्यों को जनता के सामने रखेंगे। साथ ही क्षेत्र के कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों को साथ लेकर इस अभियान के लिए एक रणनीति के तहत कार्य करेंगे।
उन्होंने बताया कि अभियान के तहत घर-घर जाकर भी संपर्क किया जाएगा।

क्षेत्र के प्रबुद्ध और बौद्धिक वर्ग, व्यापारी, किसान, युवा, महिलाओं के साथ ही सभी वर्गों से संपर्क कर प्रधानमंत्री मोदी के 9 साल में हुए ऐतिहासिक कार्यों के बारे में जागरुक करेंगे। साथ ही भाजपा लोकसभा क्षेत्र के हर प्रतिष्ठित व्यक्ति तक भी जनसंपर्क अभियान के तहत संपर्क करेगी। पार्टी आलाकमान ने इसके लिए हर लोकसभा क्षेत्र में ऐसे 1000 प्रतिष्ठित व्यक्तियों की सूची भी तैयार की है।


त्रिवेंद्र ने बताया कि वर्तमान में इन पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा के सांसद हैं। आजमगढ़ सीट 2019 के चुनाव में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जीती थी, लेकिन उपचुनाव में भाजपा ने फिर से सपा यह सीट छीन ली थी। इन पांचों लोकसभा सीटों पर भाजपा के सांसद हैं। यहां संगठनात्मक तौर पर भाजपा मजबूत स्थिति में है।

लेकिन 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए फिर से पार्टी कार्यकर्ताओं को और ताकत देने के लिए और अधिक कार्य करने की जरूरत है। ताकि भाजपा अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में और अधिक वोटों के अंतर से जीत हासिल कर सके। गौरतलब है कि 2014 के लोकसभा चुनाव में त्रिवेंद्र सिंह रावत को सहप्रभारी की जिम्मेदारी दी गई थी।

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