न्यूज़ 360

आक्रोश में उपनलकर्मी : अक्तूबर से उपनल कर्मचारी फिर पकड़ सकते हैं आंदोलन की राह, रविवार को मंत्री हरक और जोशी से मिलेंगे उपनलकर्मी, अगली कैबिनेट का अल्टीमेटम

Share now

देहरादून: शुक्रवार को धामी कैबिनेट ने 11 फीसदी महंगाई भत्ता यानी DA बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी और इसे लेकर वित्त विभाग ने जीओ भी जारी कर दिया गया है। महंगाई के दौर में इसका सीधा फायदा राजकीय व सार्वजनिक उपक्रमों, बोर्डों-निगमों के 3 लाख से ज्यादा कर्मचारियों-पेंशनरों और पारिवारिक पेंशनरों को 11 फीसदी बढ़े डीए का लाभ मिलेगा। सरकारी ख़ज़ाने पर इससे सालाना 1800 करोड़ रु का अतिरिक्त भार आएगा।
शासकीय प्रवक्ता कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल ने बताया कि कैबिनेट में 29 प्रस्तावों पर चर्चा हुई जिनमें से तीन मामले स्थगित किए गए और दो को मुख्यमंत्री के विवेक पर छोड़ा गया है।
जाहिर है 11 फीसदी डीए मंजूरी ने कार्मिकों के चेहरे खिला दिए लेकिन गोल्डन कार्ड पर कैबिनेट में वादा करके स्वास्थ्य मंत्री डॉ धन सिंह रावत मामला लटका रह गया जिससे कार्मिक अब आर-पार के मूड में हैं। 27 सितंबर यानी सोमवार को स्वास्थ्य मंत्री पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए सचिवालय संघ गोल्डन कार्ड के पुराने शासनादेश की होली जलाएगा।

कैबिनेट में फिर टला उपनलकर्मियों का प्रस्ताव, आक्रोश में उपनलकर्मी

तमाम दावों और दबाव के बावजूद उपनल कर्मचारियों के वेतनमान वृद्धि संबंधी प्रस्ताव एक बार फिर टल गया है। दावा किया जा रहा है कि अब यह प्रस्ताव अगली कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा। ज्ञात हो कि उपनल मामले में बनी कैबिनेट सब कमेटी ने अपनी रिपोर्ट कैबिनेट को पहले ही सौंप दी थी लेकिन प्रस्ताव लगातार टलता आ रहा। इस पर पिछले दिनों कैबिनेट मंत्री डॉ हरक सिंह रावत और गणेश जोशी की नाराजगी भी सामने आ चुकी है। सूत्रों ने खुलासा किया है कि शुक्रवार की कैबिनेट बैठक में मंत्री हरक सिंह रावत ने एक बार फिर उपनलकर्मियों के वेतनमान आदि से संबंधित प्रस्ताव पर मुहर की वकालत की। हरक सिंह रावत ने कैबिनेट सब कमेटी कि रिपोर्ट आने के बाद देरी पर अपनी नाराजगी भी जाहिर की है। अब उपनल कर्मियों ने फैसला किया है कि वे रविवार को कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत और गणेश जोशी के आवास पहुंचकर वजह पूछेंगे। उपनल कर्मचारी नेताओं का कहना है कि दोनों ही मंत्रियों ने मई में धरनास्थल पहुंचकर आंदोलन खत्म कराया था। उपनल कर्मचारी महासंघ के महामंत्री हेमंत रावत ने कहा है कि अगर अगली कैबिनेट बैठक में उनका प्रस्ताव नहीं आता है तो अक्तूबर में फिर से आंदोलन का रास्ता पकड़ा जाएगा।

हरक सिंह रावत,ऊर्जा मंत्री

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में नजूल भूमि के वैध पट्टों के नवीनीकरण और फ्री होल्ड करने व नए पट्टों का आवंटन करने के लिए अध्यादेश को मंजूरी दे दी गई है। कैबिनेट ने नजूल भूमि प्रबंधन व्यवस्थापन एवं निस्तारण अध्यादेश 2021 को भी मंजूरी दे दी है। इसके तहत नगरीय क्षेत्रों में नए पट्टों का आवंटन हो सकेगा। पुराने वैध और अवैध पट्टों का नवीनीकरण और उन्हें फ्री होल्ड किया जा सकेगा।
कैबिनेट ने उत्तराखंड में यूपी आवास विकास परिषद की परिसंपत्तियों, कॉलोनियों, भूखंडों के दाखिल खारिज, निर्माण, खरीद फरोख्त पर लगी रोक को हटा दिया है। सात दिसंबर 2006 को तत्कालीन एनडी तिवारी सरकार ने यह रोक लगाई थी।

श्रीनगर नगर निगम, लोहाघाट को नगर पालिका का दर्जा
कैबिनेट ने श्रीनगर नगर पालिका को नगर निगम और लोहाघाट नगर पंचायत को नगर पालिका का दर्जा देने का फैसला किया है। ऊधमसिंह नगर की नगला को नगर पालिका व टिहरी जिले के नरेंद्रनगर में स्थित तपोवन को भी नगर पंचायत बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगी।

पुलिस कांस्टेबलों को शत-प्रतिशत पदोन्नति
कैबिनेट ने पुलिस कांस्टेबल से हेड कांस्टेबल बनने के लिए रैंकर्स परीक्षा को समाप्त कर दिया है और सौ प्रतिशत पदोन्नति से करने का निर्णय लिया है।
वन टाइम सेटलमेंट योजना छह माह के लिए बढ़ी
कैबिनेट ने एकल आवास एवं व्यावसायिक भवनों व आवासीय भू उपयोग में व्यावसायिक दुकान तथा आवासीय क्षेत्रों में नर्सिंग होम, क्लीनिक, ओपीडी, पैथोलॉजी लैब, नर्सरी स्कूल इत्यादि के विनियमतीकरण के लिए वन टाइम सेटलमेंट योजना (ओटीएस) छह माह यानी 31 मार्च 2022 तक बढ़ा दी है। इसकी समयसीमा 24 सितंबर 2021 तक थी।

राज्य में अस्पतालों की अब 5 श्रेणियां
कैबिनेट ने आईपीएचएस मानकों के तहत अस्पतालों की पांच श्रेणियों को मंजूरी दे दी है। अब राज्य में टाइप ए प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, टाइप बी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र, सामुदायिक चिकित्सा केंद्र, उपजिला चिकित्सा केन्द्र और जिला चिकित्सा केन्द्र होंगे।

अवैध खनन के मामले निपटेंगे
कैबिनेट ने अवैध खनन के मामलों के निपटारे के लिए नियमावली में संशोधन को छूट दे दी है। स्टोन क्रशर, अवैध खनिज भंडारों के वन टाइम सेटलमेंट सिर्फ दो माह के लिए होगा। नियमावली बनने के बाद दो माह के भीतर सारे मामले निपटाने होंगे।
ये प्रमुख फैसले भी हुए

  • राज्य के सात इंजीनियरिंग संस्थानों में केंद्र सरकार सहायता प्राप्त तकनीकी शिक्षा गुणवत्ता सुधार परियोजना के तहत संविदा पर कार्यरत शिक्षकों को अक्तूबर 2021 से 31 मार्च 2022 तक कार्य करने की अनुमति दी गई। उनके पारिश्रमिक 3.83 करोड़ का खर्च प्रदेश सरकार वहन करेगी।
  • उत्तराखंड की चतुर्थ विधानसभा 2021 के द्वितीय सत्र का सत्रावसान।
  • उत्तराखंड भौगोलिक परिस्थितियों को देखते हुए जनहित में फिलिंग स्टेशन की स्थापना के लिए भवन निर्माण एवं विकास की उपविधि में संशोधन कर मानकों में छूट दी जाएगी।
  • राज्य सिविल व प्रवर अधीनस्थ परीक्षा 2012 में सामान्य श्रेणी व पूर्व सैनिक श्रेणी का एक अतिरिक्त पद डिप्टी कलेक्टर पद के लिए आयोग को भेजने की मंजूरी।
  • उत्तराखंड राजस्व चकबंदी (उच्चतर) सेवा नियमावली 2021 को प्रख्यापित करने का निर्णय।
  • उत्तराखंड पशु चिकित्सा सेवा नियमावली-2021 का प्रख्यापन।
  • जिला स्तरीय विकास प्राधिकरण के टैक्स की दरों को व्यावाहरिक बनाने के लिए मंत्रिमडंलीय उपसमिति को दोबारा करेगी विचार।
  • उत्तराखंड पुलिस आरक्षी एवं मुख्य आरक्षी (नागरिक पुलिस अधिसूचना एवं सशक्त पुलिस) सेवा नियमावली-2018 में संशोधन।
  • उत्तराखंड पुलिस उपनिरीक्षक एवं निरीक्षक (नागरिक पुलिस) सेवा नियमावली में संशोधन का निर्णय मुख्यमंत्री लेंगे।
  • उत्तराखंड स्टांप (संपत्ति का मूल्यांकन) संशोधन नियमावली 2015 में प्रचलित सर्किल दरों में चमोली के बदरीनाथ एवं बामणी में पेनाल्टी पांच गुना से कम करके दो गुना वन टाइम सेटलमेंट से करने का निर्णय।
  • एविएशन टरबाइन फ्यूल की वैट दर 20 प्रतिशत से घटा कर दो प्रतिशत करने का निर्णय।
  • उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति को दी जाने वाली टेलीफोन सुविधा स्वघोषणा के आधार वास्तविक व्यय का भुगतान किया जाएगा।
  • सरकारी परियोजना में निवेशकों, पट्टेधारकों से संबंधित संविदा के विवाद को सुलझाने के लिए बनेगी कमेटी, सीएम को अधिकृत किया।
  • केदारनाथ बदरीनाथ में पुनर्निर्माण के तहत अधिप्राप्ति नियमावली में छूट दी गई। अब 75 लाख तक के कार्य एक निविदा से हो सकेंगे।
  • उच्च न्यायालय राज्य वित्त अधिकारी से संबंधित सेवा नियमावली संशोधन की मंजूरी।
Show More

The News Adda

The News अड्डा एक प्रयास है बिना किसी पूर्वाग्रह के बेबाक़ी से ख़बर को ख़बर की तरह कहने का आख़िर खबर जब किसी के लिये अचार और किसी के सामने लाचार बनती दिखे तब कोई तो अड्डा हो जहां से ख़बर का सही रास्ता भी दिखे और विमर्श का मज़बूत मंच भी मिले. आख़िर ख़बर ही जीवन है.

Related Articles

Back to top button
error: Content is protected !!