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धाकड़ धामी की देश में धमक: पुष्कर सरकार के ऐतिहासिक नकलरोधी कानून को मॉडल रूप में लागू करेगी केंद्र सरकार, लोकसभा में बिल पेश

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  • उत्तराखंड में धामी सरकार ने फरवरी 2023 में लागू किया था देश का सबसे कठोर नकलरोधी कानून
  • केंद्र सरकार ने आज उत्तराखंड की धामी सरकार जैसा नकलरोधी कानून का बिल लोकसभा में किया पेश
  • कानून बनने के बाद उत्तरकाशी जिले में दर्ज हुआ था पहला मुकदमा

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार के नकलरोधी कानून को केंद्र सरकार ने भी मॉडल के रूप में लिया है। सोमवार को लोकसभा में केंद्र सरकार ने इसका बिल पेश कर उत्तराखंड के धामी सरकार के कठोर कानून पर भी अपनी मुहर लगा दी है। इधर, मुख्यमंत्री धामी ने केंद्र सरकार के इस निर्णय पर आभार जताया और कहा कि यह कानून नकल माफियों पर करारी चोट करेगा और प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए कवच बनेगा।


केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में लोक परीक्षा अनुचित साधन निवारण बिल पेश किया है। यह बिल जल्द देश में नकलरोधी कानून का रूप लेगा। खासकर उत्तराखंड में इस तरह का कानून मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी सरकार ने फरवरी 2023 में लागू किया था। यह कानून अब तक देश के सबसे कठोर कानून में शुमार है। अब धामी सरकार के इस नकलरोधी कानून को केंद्र ने भी मॉडल के रूप में लेते हुए, जल्द देशभर में लागू करने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार का यह निर्णय निश्चित ही उत्तराखंड की धामी सरकार के नकलरोधी कानून पर मुहर लगाता है। खासकर धामी सरकार ने भी कठोर नकलरोधी कानून लाकर नकल माफिया की कमरतोड़ दी है। कानून लागू होने के बाद इसके परिणाम भी देखने को मिले हैं। पूर्ववर्ती सरकारों में नकल माफियाओं के पूरे तंत्र को ध्वस्त कर धामी सरकार ने बड़ा संदेश दिया है।

सख्त नकल विरोधी कानून का परिणाम यह है कि अब राज्य में प्रतियोगी परीक्षाएं न केवल समय पर हो रही हैं। बल्कि रिकॉर्ड समय में परिणाम जारी होने के बाद युवाओं को नौकरी भी मिल रही हैं।

उधर, केंद्र सरकार ने आज लोकसभा में सख्त नकलरोधी कानून का बिल पेश करने पर मुख्यमंत्री धामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने उत्तराखंड में लागू कठोर नकलरोधी कानून जैसा बिल पेश कर हमारा मनोबल बढ़ाया है।

ये है उत्तराखंड का कठोर नकलरोधी कानून

उत्तराखंड के कठोर नकलरोधी कानून में संगठित होकर नकल कराने और अनुचित साधनों में लिप्त पाए जाने वाले मामलों में आजीवन कैद की सजा तथा 10 करोड़ रुपये तक के जुर्माने का प्रावधान है। साथ ही आरोपियों की संपत्ति भी जब्त करने की व्यवस्था कानून में है। इसके अलावा नकल करते पकड़े जाने पर 10 वर्ष की सजा के साथ ही 10 लाख रुपये जुर्माना है। अभ्यर्थी के नकल करते पाए जाने पर आरोप पत्र दाखिल होने की तिथि से दो से पांच वर्ष के लिए निलंबित किया जाएगा। दोष साबित होने पर उसे 10 वर्ष के लिए सभी परीक्षा देने से निलंबित कर दिया जाएगा। दोबारा नकल करते पाए जाने पर आरोप पत्र दाखिल करने से पांच से 10 साल के लिए निलंबित किया जाएगा। दोष साबित होने पर उसे आजीवन सभी प्रतियोगी परीक्षाओं में शामिल नहीं होने दिया जाएगा।

जाहिर है जिस प्रकार से मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने यूनिफॉर्म सिविल कोड पर ऐतिहासिक पहल की और अब उत्तराखंड विधानसभा के रास्ते देशभर में समान नागरिक संहिता पर संदेश देने का अभियान परवान चढ़ रहा है,उसी प्रकार से सख्त नकलरोधी कानून का केंद्र सरकार द्वारा मॉडल रूप में स्वीकृति मिलना किसी बड़ी उपलब्धि से कम नहीं है।

साफ है युवा मुख्यमंत्री पुष्कर के तरकश से एक के बाद एक तीर सटीक निशाने पर लग रहा है, जो इशारा करता है कि न केवल सुबाई सियासत की नब्ज पर मजबूत पकड़ है बल्कि राष्ट्रीय राजनीतिक परिदृश्य के लिहाज से भी उनकी नजर कम पारखी नहीं!

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