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मोदी मंत्र पर चलते सीएम-स्पीकर: धामी ने कहा- मेहनतकश युवाओं से न होने देंगे अन्याय, अनियमितता पाते ही भर्ती होंगी रद्द

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धामी ने कहा मैंने स्वयं अनियमितता पाए जाने पर भर्ती रद्द करने का किया था अनुरोध

Backdoor Recruitment Scam in Uttarakhand Assembly, CM Dhami welcomed Speaker Khanduri Expert Committee Decision: चाहे उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की स्नातक स्तरीय परीक्षा का पेपर लीक कांड हो या फिर विधानसभा में बैकडोर भर्तियों के नाम पर राज्य बनने के बाद से अंधेरगर्दी मची हो, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने तमाम आरोपों की जांच कर दूध का दूध और पानी का पानी करने का भरोसा दिया है।

धामी ने UKSSSC पेपर लीक कांड में स्वयं एसटीएफ से जांच का आदेश देने में देरी नहीं की लेकिन विधानसभा में बैकडोर भर्तियों पर बवाल मचा और गोविंद सिंह कुंजवाल से लेकर प्रेमचंद अग्रवाल, यहां तक कि विपक्ष के सबसे बड़े नेता पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत तक जब भर्तियों में घोर अनियमितताओं को दरकिनार कर कुंजवाल के ढाल बन गए, तब भी धामी ने जांच की बात कही। सीएम ने ना सिर्फ जांच की बात कही बल्कि विधानसभा की संवैधानिक गरिमा के मद्देनजर सरकार के एक्शन की बजाय स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण को पत्र लिख उनसे उच्च स्तरीय जांच का अनुरोध किया। उसी कड़ी में अब विधानसभा में बैकडोर भर्ती का मामला आगे बढ़ता दिख रहा है।


दरअसल, उत्तराखंड विधानसभा में राज्य बनने के बाद से ही बैकडोर भर्ती का दीमक लग गया था। बेरोजगार युवाओं के हक पर कभी विशेषाधिकार तो कभी आवश्यकतानुसार, नियमानुसार का राग अलाप अर्जी पर मर्जी की नौकरियां बांटने का खेल खेला जाता रहा। अंतरिम विधानसभा के तत्कालीन स्पीकर स्वर्गीय प्रकाश पंत से लेकर मौजूदा स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण के पूर्ववर्ती प्रेमचंद अग्रवाल तक, बैकडोर से अपने चहेतों को नौकरी बांटने का ‘पाप’ किया जाता रहा। हां इसे हर बार नियमानुसार और आवश्यकतानुसार का मुखौटा भी पहनाया जाता रहा। लेकिन पहले कांग्रेस राज में स्पीकर रहे गोविंद सिंह कुंजवाल ने और फिर भाजपा राज में प्रेमचंद अग्रवाल ने विधानसभा में बैकडोर भर्तियों की सारी हदें ही पार कर डाली। कहीं अर्जी पर मर्जी की नौकरी तो कहीं विधानसभा सचिव बनाने के लिए चहेते को विशेषाधिकार के अधिकार का दुरुपयोग कर प्रमोशन दर प्रमोशन।

हालांकि पहले सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सख्ती के संकेत दिए और अब आज उसी अनुरूप स्पीकर ऋतु खंडूरी भूषण का एक्सपर्ट कमेटी और विधानसभा सचिव का छुट्टी भेज ऑफिस सील करने का निर्णय काबिल ए तारीफ है।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा भर्ती प्रकरण में शनिवार को विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण द्वारा की गयी कार्यवाही का स्वागत किया है। मुख्यमंत्री धामी ने कहा, “उत्तराखंड विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती रितु भूषण जी का निर्णय स्वागत योग्य है। उन्होंने राज्य सरकार और प्रदेश की जनता की अपेक्षाओं के अनुसार निर्णय लेकर सदन की गरिमा बढ़ाई है। हमें विश्वास है कि शीघ्र ही पूरे प्रकरण का विधि सम्मत समाधान निकलेगा और दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “मैंने स्वयं भर्ती प्रकरण की निष्पक्ष जाँच और अनियमितता पाए जाने पर भर्तियों को निरस्त किए जाने हेतु अनुरोध किया था l। “

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन मामले में एसटीएफ जांच तेजी से आगे बढ़ रही है। इस मामले में 33 आरोपी दबोचे जा चुके हैं और कई अभी एसटीएफ के रडार पर हैं।


मुख्यमंत्री धामी ने कहा “हम राज्य के सभी नौजवानों और नागरिकों को आश्वस्त करते हैं कि राज्य सरकार आपकी आशाओं और अपेक्षाओं के अनुसार इन सभी मामलों में कड़ी कार्रवाई करेगी। किसी भी मेहनतकश युवा के साथ अन्याय नहीं होगा।”

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