
- क्या बॉबी पंवार को नोटिस थमा कर बेरोजगार युवाओं के आंदोलन को खत्म करना चाह रही है धामी सरकार?
- उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने कहा बेरोजगारों पर अनावश्यक दबाव बनाकर भर्ती परीक्षाओं की गड़बड़ी में फंसे अपनों को बचाना चाह रही सरकार
Uttarakhand News: भर्ती परीक्षाओं के एक के बाद एक पेपर लीक मामलों की सीबीआई जांच की मांग के साथ आठ फरवरी को शुरू हुए उत्तराखंड बेरोजगार संघ के आंदोलन को एक महीना पूरा हो गया है। राजपुर रोड स्थित गांधी पार्क के बाहर 8 फरवरी से शुरू हुआ सत्याग्रह आज 30वें दिन भी एकता विहार धरना स्थल देहरादून में जारी है।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ द्वारा जारी प्रेस बयान में कहा गया है कि इस दौरान लड़ाई को प्रदेश के युवाओं का भरपूर समर्थन मिल रहा है। अनेकों जिलों से युवा मंगल दलों के समर्थन लेटर भी आंदोलन के समर्थन में आ रहे हैं। परन्तु इस दौरान सरकार का तानाशाही रवैया लगातार देखने को मिल रहा है।
इसी बीच बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार को एक नोटिस जारी किया जाता है। यह नोटिस बॉबी पंवार द्वारा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर की गई एक टिप्पणी को लेकर जारी किया गया। संघ ने कहा है कि इस नोटिस के बाद बेरोजगारों और अभिभावकों में आक्रोश बढ़ रहा है।
एकता विहार में धरना दे रहे बेरोजगारों ने आरोप लगाते हुए कहा कि इस प्रकार के नोटिस से यह ज्ञात होता है कि सरकार हमारे मौलिक अधिकारों का भी हनन कर रही है। साथ ही यह अनुच्छेद 19 में वर्णित अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का सीधा सीधा हनन है।
बेरोजगारों ने आरोप लगाया है कि सरकार अपने लोगों को बचाने के लिए बेरोजगारों पर अनावश्यक रूप से दबाव बना रही है। इससे ज्ञात होता है कि परीक्षाओं की गड़बड़ियों में सरकार के भीतर के ही काफी लोग मिले हो सकते हैं जिन्हें बचाने की भरपूर कोशिश की जा रही है।
