देहरादून: जिले में 18 से 44 आयुवर्ग के युवाओं के लिए वैक्सीन संकट खड़ा हो गया है। अब तक 18 से 44 वर्ष के युवाओं को 2.54 लाख वैक्सीन डोज दी जा चुकी हैं लेकिन आगे के लिए 1.42 लाख वैक्सीन डोज के लिए केन्द्र को फंड देने के बावजूद खुराक कब मिलेंगी कहा नहीं जा सकता। ऊपर से ग्लोबल टेंडर के ज़रिए जल्द से जल्द वैक्सीन लाने के दावे भी हवाई साबित हो रहे हैं । उत्तराखंड सरकार के ग्लोबल टेंडर के लिए किसी वैक्सीन निर्माता कंपनी ने रुझान नहीं दिखाया है जिसके बाद टेंडर अवधि भी बढ़ा दी गई है।
अगर युवाओं के टीकाकरण की बात करें तो देहरादून जिले में 23 टीकाकरण केन्द्रों पर युवाओं को फ्री वैक्सीन लग रही थी लेकिन अब आलम ये है कि शुक्रवार को महज मसूरी के वैक्सीन सेंटर पर टीका लगेगा और वो भी मात्र सौ लोगों को ही वैक्सीन मिल पाएगी। गुरुवार को भी चार सेंटरों पर ही वैक्सीन लग पाई थी।
सवाल है कि आखिर जिस जोर शोर के साथ फ्री टीकाकरण शुरू किया गया था उसको इस हाल तक कैसे पहुँचने दिया गया? पहले ही कई राज्यों ने तीसरे फ़ेज़ में टीकाकरण एक मई से ही शुरू कर दिया था जबकि उत्तराखंड में 10 मई से अभियान शुरू हुआ और अब 20 दिन भी हुए नहीं कि हिचकोले खाने लगा है 18 से 44 आयुवर्ग का वैक्सीनेशन।
देहरादून की तरह रुद्रप्रयाग जिले में भी 18 से 44 आयुवर्ग का वैक्सीनेशन अभियान थम गया है क्योंकि वैक्सीन खत्म हो गई है। रुद्रप्रयाग में 18 से 44 आयुवर्ग में अब तक 16 हजार युवाओं का टीकाकरण हो पाया है। वहीं, पौड़ी जिले में अभी तक पांच फीसदी 18 से 44 आयुवर्ग के युवाओं का पहले दौर का टीकाकरण हो पाया है। 26 मई तक जिले में महज 13 हजार युवाओं का टीकाकरण हो पाया। उत्तरकाशी जिले में भी 18 से 44 आयुवर्ग के युवाओं के लिए टीके की क़िल्लत हो गई है। शुक्रवार को यहाँ भी टीकाकरण अभियान पर ब्रेक रहेगा।
दरअसल 45 प्लस आयुवर्ग के लिए टीकाकरण को वैक्सीन केन्द्र सीधे राज्यों को दे रहा है जबकि 18 से 44 आयुवर्ग में वैक्सीन जुटाने का ज़िम्मा खुद राज्यों पर है जिसके चलते संकट खड़ा हो रहा है। कहने को राज्य सरकार ने ग्लोबल टेंडर भी फ़्लॉट कर दिए लेकिन एकाध राज्य को छोड़कर किसी राज्यों को बोली लगाने वाली वैक्सीन निर्माता कंपनियाँ तक नहीं मिल पाई हैं।