देहरादून: नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा ह्रदयेश के रूप में उत्तराखंड की चौथी विधानसभा ने रविवार को अपना पाँचवा सदस्य खो दिया है। राज्य में चौथे विधानसभा चुनाव के बाद 18 मार्च 2017 को त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार गठित हुई थी। लेकिन गुज़रे करीब सवा चार सालों में पांच विधायक यानी चौथी विधानसभा के सदस्यों का निधन हो चुका है। सबसे पहले थराली विधायक मगन लाल शाह का निधन हुआ और उनकी पत्नी उपचुनाव जीतकर विधायक बनीं। उसके बाद त्रिवेंद्र सरकार के वित्त और संसदीय कार्य मंत्री और सदन में ट्रेजरी बेंचेज के ट्रबल शूटर प्रकाश पंत का निधन हो गया। जहां से बाद में हुए उपचुनाव में उनकी पत्नी चंद्रा पंत विधायक बनीं।
कोरोना काल में सल्ट के युवा और तेज़तर्रार विधायक सुरेंद्र सिंह जीना का निधन हो गया जिसके बाद साल में हुए उपचुनाव में उनके भाई महेश जीना जीतकर विधायक बने हैं। अप्रैल में कैंसर से जूझ रह ये गंगोत्री विधायक गोपाल रावत का निधन हो गया और रविवार 13 जून को दिल्ली दौरे पर गई नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा ह्रदयेश का दिल का दौरा पड़ने से आकस्मिक निधन हो गया।
चौथी विधानसभा के अंतिम वर्ष में भी दुर्भाग्य पीछा नही छोड़ रहा है। पहले चार सत्ताधारी दल के विधायकों का निधन और अब विपक्ष की वरिष्ठ विधायक का टर्म पूरा होने से पहले सदन से विदा लेना गहरा सदमा दे गया है।