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शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बनाने को कार्मिक एकता मंच का आह्वान, 50 से अधिक कार्मिक संगठन कल जुटेंगे देहरादून में, एकजुट होकर कार्मिक हितों के लिए लड़ाई को बने महासंघ

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  • राज्य आन्दोलन के शहीदों के सपने के उत्तराखंड की परिकल्पना को साकार करने के लिए कार्मिक एकता मंच की सभी कार्मिक सेवा संघों के साथ कल होगी महत्वपूर्ण बैठक।
  • कार्मिकों की जायज मांगों पर बैठक के प्रदेश के सभी कार्मिक सेवा संघों को भेजा आमंत्रण, 50 से अधिक संगठनों का समर्थन

देहरादून: राज्य के समस्त कार्मिक संघों के शीर्ष स्तर पर एक महासंघ बनाये जाने के प्रस्ताव पर सभी जनपदों से मिले पुरजोर समर्थन के बाद अब उत्तराखंड कार्मिक एकता मंच ने इसे अमलीजामा पहनाने की तैयारी कर दी है। इसके लिए एकता मंच द्वारा आगामी 19 सितंबर 2021 को देहरादून में बैठक आहूत की है। इसमें प्रतिभाग करने के लिए कार्मिकों व शिक्षकों से जुड़े सभी संघों, परिसंघों व महासंघ के अध्यक्ष/महासचिव को आमंत्रण पत्र भेजा गया है।

गौरतलब है कि गत वर्ष 30 अगस्त 2020 को विकास में बाधक हड़तालों के प्रति जवाबदेही के लिए जनजागरण के तहत एकता मंच ने गंगोत्री के जल कलश के साथ अल्मोड़ा स्थित न्याय के प्रतीक गोल्ज्यू मन्दिर से एकता यात्रा निकाली थी। सभी जनपदों के विकास भवनों व सचिवालय के मुख्य द्वार पर हुई खुली विचार गोष्ठियों में कार्मिकों ने एकता की मुहिम को सराहते हुए सभी संघों के शीर्ष स्तर पर एक सर्वमान्य व सशक्त महासंघ बनाये जाने के प्रस्ताव का पुरजोर समर्थन किया था। एकता यात्रा का समापन 2 अक्टूबर को रामपुर तिराहा स्थित शहीद स्थल में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने किया था। मंच की पिछले रविवार को हुई वेबिनार में आम कार्मिकों की भावनाओं के अनुरूप इस बार भी 1 अक्टूबर को शहीद स्थल देहरादून में एक विचार गोष्ठी कर 2 अक्टूबर को रामपुर तिराहा स्थित शहीद स्थल में पहुंचकर शहीदों को श्रद्धांजलि देने का निर्णय लिया गया है।

एकता मंच के प्रदेश अध्यक्ष रमेश चंद्र पाण्डे, कार्यकारी अध्यक्ष दीपक जोशी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष धीरेन्द्र पाठक, महासचिव दिगम्बर फुलोरिया, संयुक्त सचिव पुष्कर सिंह भैसोड़ा ने सभी संघों से बैठक में आकर समूचे कार्मिक समुदाय की भावनाओं के अनुरूप महासंघ के स्वरूप व गठन हेतु निर्णायक मंथन में शामिल होने की अपील की है ।

मंच के शीर्ष पदाधिकारियों ने बताया कि कार्मिकों की सामूहिक हित से जुड़ी कॉमन व जायज मांगों के प्रति सरकार व ब्यूरोक्रेसी के रवैए से समूचा कार्मिक समुदाय नाराज है। संवादहीनता, वादाखिलाफी और तानाशाही को हड़ताल का प्रमुख कारण मानते हुए मंच विकास में बाधक हड़तालों के प्रति जवाबदेही हेतु मुखर रहा है। मंच का मानना है कि सभी संघों के शीर्ष स्तर पर महासंघ नहीं होने के कारण ही सामूहिक हित से जुड़ी मांगों पर चिन्तन व समाधान की दिशा में प्रभावी पहल नहीं हो पा रही है। मंच का मानना है कि मौजूदा चुनौतियों का सामना करने के लिए संगठनात्मक वजूद कायम होना बेहद जरूरी है ।

जवाबदेही के लिए शहीदों के सपने को साकार करने के मूल उद्देश्य से ही एकता मंच का उदय हुआ है और इस लक्ष्य को हासिल करने में कार्मिक व शिक्षक वर्ग से जुड़े सभी पदाधिकारियों से खुलकर मार्गदर्शन हेतु आगे आने की अपेक्षा की गयी है। साथ ही कल होने जा रही प्रदेश स्तरीय महासंघ गठन की कवायद हेतु सभी कार्मिक सेवा संघों के साथ-साथ उत्तराखंड सचिवालय संघ, एस0सी0-एस0टी0 एम्प्लाइज फेडरेशन, जनरल ओबीसी एम्प्लाइज एसोसिएशन, पुरानी पेंशन बहाली से संबंधित दोनों संगठनों, राज्य आंदोलनकारी संगठनों तथा सेवानिवृत्त कार्मिकों से जुड़े पेंशनर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों को भी इस महत्वपूर्ण बैठक में आमंत्रित किया गया है। इसके साथ ही मंच के सभी पदाधिकारियों व संयोजक मण्डल के सदस्यों से बैठक में आवश्यक रुप से प्रतिभाग करने की अपेक्षा की गई है ।

मंच के कार्यकारी अध्यक्ष दीपक जोशी द्वारा बताया गया है कि इस बैठक की सभी तैयारिया कर ली गयी हैं। सभी कार्मिक सेवा संघों की सहभागिता से कार्मिक एकता मंच के बैनर तले एक मजबूत महासंघ के गठन की कवायद की जा रही है, जिससे एक छत के नीचे सभी कार्मिक एकजुट होकर अपनी जायज व कॉमन मांगों को पूरा करा सकें। जोशी ने बताया कि 50 से अधिक संगठनों का समर्थन प्राप्त हुआ है, जिसके सभी शीर्ष पदाधिकारी और मंच से जुड़े पदाधिकारी दूर दराज से रविवार को 11.30 बजे गौरव होटल देहरादून मे होने वाली महत्वपूर्ण बैठक में जुटना प्रारम्भ हो गये हैं।

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